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गदेरे का मलबा गंगोत्री हाईवे पर आने से बढ़ी लोगों की परेशानियां, जाम लगाकर जताया विरोध - Uttarkashi People Protest - UTTARKASHI PEOPLE PROTEST

Uttarkashi Gangotri Highway Debris उत्तरकाशी में भारी बारिश से मैणागाड़ और ज्ञानसू गदेरे में आए मलबे से गंगोत्री हाईवे कीचड़ पर तब्दील हो गया है. जिससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया.

Uttarkashi Gangotri Highway Debris
गंगोत्री हाईवे पर मलबा बना लोगों के लिए सिरदर्द (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 11, 2024, 11:38 AM IST

Updated : Sep 11, 2024, 1:02 PM IST

उत्तरकाशी: ज्ञानसू गदेरा का मलबा नहीं हटाने पर स्थानीय लोगों ने ज्ञानसू में गंगोत्री हाईवे सांकेतिक जाम लगाया. स्थानीय लोगों ने गंगोत्री हाईवे से तीन दिन के अंदर मलबा नहीं हटाने पर चक्का जाम की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि मैणागाड़ और ज्ञानसू गदेरे में आए मलबे से गंगोत्री हाईवे कीचड़ में तब्दील है. स्थानीय लोग मलबे से कीचड़ में तब्दील हाईवे पर जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रह रहे हैं.

गदेरे का मलबा गंगोत्री हाईवे पर आने से लोग परेशान (Video- ETV Bharat)

बीआरओ द्वारा बीते दिन पूर्व आया मलबा अभी तक नहीं हटाया गया है. जिस कारण स्थानीय लोगों में काफी रोष है. जिसके बाद गुस्साए लोगों ने ज्ञानसू गदेरे के पास 10 मिनट तक गंगोत्री हाईवे पर सांकेतिक जाम लगाया. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों से बातचीत कर जाम खुलवाया. जिला मुख्यालय उत्तरकाशी वरुणावत पर्वत की तलहटी में बसा हुआ है. यहां तेखला से लेकर ज्ञानसू तक वरुणावत पर्वत से करीब 26 छोटे-बड़े नाले निकलते हैं. लेकिन इनमें से अधिकांश के पानी की निकासी के इंतजाम आज तक नहीं हो पाए हैं.

सबसे ज्यादा बुरी स्थिति ज्ञानसू क्षेत्र में है. यहां वरुणावत पर्वत से निकलने वाले पाडुली, ज्ञानसू नाला और मैणागाड़ पिछले कई सालों से लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं. लेकिन हर साल नालों में हल्का-फुल्का मलबा हटाकर इतिश्री कर ली जाती है. इन नालों के आसपास बसे लोगों के नालों को ही कूड़ा घर बना दिए जाने के चलते इनमें बड़े पैमाने पर कूड़ा कचरा भी डाला जाता है, जो कि बारिश में गंगोत्री हाईवे पर फैल जाता है.

बीते रात हुई बारिश में भी पाडुली नाले से लेकर ज्ञानसू नाले और मैणागाड़ का पानी और मलबा हाईवे पर फैल गया. इस दौरान हाईवे से आवाजाही कर रहे लोगों के वाहन भी मलबे में फंसे, जिस कारण लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी. स्थानीय लोगों ने किसी तरह मलबे में फंसे वाहनों को निकाला. ज्ञानसू नाले में भारी मलबा आने से कई दोपहिया वाहन रात के समय जोखिम उठाकर ऊपरी ज्ञानसू बस्ती से आवाजाही करते नजर आए. होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा, विजय, सुरेश व विक्रम आदि का कहना है कि इन नालों के चलते यहां लंबे समय से परेशानी बनी हुई है. लेकिन जिला प्रशासन बरसात में उफान पर आने वाले नालों के पानी की निकासी का इंतजाम नहीं करा पाया है

ड्रेनेज सिस्टम बना बदहाल: ज्ञानसू के नाले ही नहीं शहर में ड्रेनेज सिस्टम भी बदहाल बना हुआ है. यहां नालियां चोक होने से मुख्य बाजार, भटवाड़ी रोड पर भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है. पालिका की ओर से शहर के ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान नहीं दिए जाने से यह हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं.जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि ज्ञानसू क्षेत्र में अतिक्रमण के चलते नालों के पानी की निकासी में दिक्कत है. मानसून की बारिश निपटते ही इसे लेकर बीआरओ, पालिका व अन्य संबंधित विभागों के साथ काम शुरू कराया जाएगा. नालों के पानी निकासी सुनिश्चित कराने के साथ जहां भी अतिक्रमण पानी की निकासी में बाधा बनेगा उसे ध्वस्त किया जाएगा.

पढ़ें-केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर प्रशासन ने संभाला मोर्चा, समस्याओं का करेंगे समाधान

उत्तरकाशी: ज्ञानसू गदेरा का मलबा नहीं हटाने पर स्थानीय लोगों ने ज्ञानसू में गंगोत्री हाईवे सांकेतिक जाम लगाया. स्थानीय लोगों ने गंगोत्री हाईवे से तीन दिन के अंदर मलबा नहीं हटाने पर चक्का जाम की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि मैणागाड़ और ज्ञानसू गदेरे में आए मलबे से गंगोत्री हाईवे कीचड़ में तब्दील है. स्थानीय लोग मलबे से कीचड़ में तब्दील हाईवे पर जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रह रहे हैं.

गदेरे का मलबा गंगोत्री हाईवे पर आने से लोग परेशान (Video- ETV Bharat)

बीआरओ द्वारा बीते दिन पूर्व आया मलबा अभी तक नहीं हटाया गया है. जिस कारण स्थानीय लोगों में काफी रोष है. जिसके बाद गुस्साए लोगों ने ज्ञानसू गदेरे के पास 10 मिनट तक गंगोत्री हाईवे पर सांकेतिक जाम लगाया. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों से बातचीत कर जाम खुलवाया. जिला मुख्यालय उत्तरकाशी वरुणावत पर्वत की तलहटी में बसा हुआ है. यहां तेखला से लेकर ज्ञानसू तक वरुणावत पर्वत से करीब 26 छोटे-बड़े नाले निकलते हैं. लेकिन इनमें से अधिकांश के पानी की निकासी के इंतजाम आज तक नहीं हो पाए हैं.

सबसे ज्यादा बुरी स्थिति ज्ञानसू क्षेत्र में है. यहां वरुणावत पर्वत से निकलने वाले पाडुली, ज्ञानसू नाला और मैणागाड़ पिछले कई सालों से लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं. लेकिन हर साल नालों में हल्का-फुल्का मलबा हटाकर इतिश्री कर ली जाती है. इन नालों के आसपास बसे लोगों के नालों को ही कूड़ा घर बना दिए जाने के चलते इनमें बड़े पैमाने पर कूड़ा कचरा भी डाला जाता है, जो कि बारिश में गंगोत्री हाईवे पर फैल जाता है.

बीते रात हुई बारिश में भी पाडुली नाले से लेकर ज्ञानसू नाले और मैणागाड़ का पानी और मलबा हाईवे पर फैल गया. इस दौरान हाईवे से आवाजाही कर रहे लोगों के वाहन भी मलबे में फंसे, जिस कारण लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी. स्थानीय लोगों ने किसी तरह मलबे में फंसे वाहनों को निकाला. ज्ञानसू नाले में भारी मलबा आने से कई दोपहिया वाहन रात के समय जोखिम उठाकर ऊपरी ज्ञानसू बस्ती से आवाजाही करते नजर आए. होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा, विजय, सुरेश व विक्रम आदि का कहना है कि इन नालों के चलते यहां लंबे समय से परेशानी बनी हुई है. लेकिन जिला प्रशासन बरसात में उफान पर आने वाले नालों के पानी की निकासी का इंतजाम नहीं करा पाया है

ड्रेनेज सिस्टम बना बदहाल: ज्ञानसू के नाले ही नहीं शहर में ड्रेनेज सिस्टम भी बदहाल बना हुआ है. यहां नालियां चोक होने से मुख्य बाजार, भटवाड़ी रोड पर भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है. पालिका की ओर से शहर के ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान नहीं दिए जाने से यह हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं.जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि ज्ञानसू क्षेत्र में अतिक्रमण के चलते नालों के पानी की निकासी में दिक्कत है. मानसून की बारिश निपटते ही इसे लेकर बीआरओ, पालिका व अन्य संबंधित विभागों के साथ काम शुरू कराया जाएगा. नालों के पानी निकासी सुनिश्चित कराने के साथ जहां भी अतिक्रमण पानी की निकासी में बाधा बनेगा उसे ध्वस्त किया जाएगा.

पढ़ें-केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर प्रशासन ने संभाला मोर्चा, समस्याओं का करेंगे समाधान

Last Updated : Sep 11, 2024, 1:02 PM IST
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