सीतामढ़ी: चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार को संपन्न हो गया. व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया और छठी मैया को नमन किया. भारत-नेपाल सीमा पर बिहार का सीतामढ़ी जिला है. यह सोनबरसा प्रखंड नेपाल बॉर्डर से सटा हुआ है. यहां झीम नदी में भारत और नेपाल के मैत्री संबंध का नजारा बहुत ही अद्भुत और अविस्मरणीय होता है.भारत-नेपाल के बेटी-रोटी के रिश्ते को मजबूत करते हुए यहां दोनों देश के लोग झीम नदी किनारे छठ किया करते हैं.
दो देश की महिलाएं करतीं है छठ: दरअसल सीतामढ़ी के आसपास के जिलों की हजारों लड़कियों की शादी भारतीय सीमा से सटे नेपाल के गांवों में हुई है. इसी कारण भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध कहा जाता है. भले ही नेपाल में छठ पर्व नहीं किया जाता है, लेकिन भारतीय सीमा से ब्याह कर नेपाल में गई महिलाएं वहां छठ पर्व की अलख जगा चुकी हैं. शादी के बाद भारत से वहां गई महिलाएं छठ करती हैं. अब नेपाल की भी अन्य महिलाएं छठ करने लगी हैं.
भारत-नेपाल मैत्री रिश्ते को दर्शाता छठ: दोनों देशों की सीमा से एक नदी गुजरती है. इस नदी का महत्व तब बढ़ जाता है, जब इसके एक किनारे भारतीय क्षेत्र और दूसरे तट पर नेपाली क्षेत्र की व्रती छठ व्रत करती हैं. भारत नेपाल के बेटी रोटी के रिश्ते को मजबूत करते यहां दोनों देश के लोग झीम नदी किनारे छठ किया करते हैं. भारत और नेपाल के तकरीबन 15 से 25 किलोमीटर की दूरी तय कर लोग यहां छठ मनाने आते हैं और यह एक मनमोहक दृश्य रहता है.
सोनबरसा प्रखंड में बहती है झीम नदी: नेपाल और भारतीय सीमा पर सोनबरसा प्रखंड है। इसी प्रखंड से होकर झीम नदी गुजरती है. यह नदी नेपाल से निकलती है और भारतीय क्षेत्र के सीतामढ़ी जिले के विभिन्न प्रखंडों से गुजरते हुए मुजफ्फरपुर की ओर जाती है. सोनबरसा प्रखंड में झीम नदी के एक किनारे पर बिहार की महिलाएं और दूसरी ओर नेपाल के सर्लाही जिले की महिलाएं छठ पूजा करती हैं.
भारत-नेपाल के लोग एक साथ करते हैं छठ: मुखिया प्रतिनिधि तरुण कुमार बताते हैं कि झीम नदी के किनारे छठ के दिन दोनों देश एक हो जाते हैं. यहां दोनों देश की सेना सेवा भाव से छठ व्रतियों के लिए उपस्थित रहते हैं. उन्होंने बताया कि भारत और नेपाल के लोग एक साथ मिलकर छठ पूजा को लेकर घाट का निर्माण करते हैं और आपसी भाईचारा की मिसाल पेश करते हैं. भारत के बसंतपुर, चक्कीमजुरबा, चिलरा, चिलरी, रंमनगरा, मुसरनिहा सहित दर्जनों गांवों से लोग छठ पूजा करने आते हैं.
"मेरे जन्म के पहले से यहां छठ होता आ रहा है और दोनों देश के लोग मिलजुल कर छठ किया करते हैं बहुत ही मनोरंजन दृश्य होता है. यहां कई किलोमीटर तक दोनों देश के लोगों द्वारा छठ किया जाता है." - रामविलास शाह, त्रिभुवन नगर, नेपाल
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