बागेश्वर: जिले में गर्मी बढ़ते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं. जंगलों में आग लगने से वातावरण में हर तरफ धुंध छाई हुई है. धुंध की वजह से लोगों को श्वास और जलन की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है. आलम ये है कि डॉक्टरों के पास रोजाना 30 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.
जिला अस्पताल में नियुक्त होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. पंकज पंत ने बताया कि जंगलों में लगी आग से धुंध के कारण सांस के मरीजों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है. सूखी खांसी,आंखों में एलर्जी और जलन के मरीज बढ़ रहे हैं. जिसकी वजह से आंखों में जलन, लालिमा और आंखों से पानी आने की शिकायत लेकर हर दिन 30 से अधिक मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं.
जिला अस्पताल में तैनात फिजीशियन डॉ. चंद्र मोहन भैसोड़ा ने बताया कि वातावरण में फैली धुंध बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकती है. उन्होंने कहा कि अस्थमा, सीओपीडी और श्वास के मरीज सहित बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में जिनको भी ऐसी परेशानियां हो रही हैं, वो बिना देरी किए अस्पताल पहुंचे और इलाज कराएं.
चिकित्सकों के अनुसार धुंध से बचने के लिए मास्क और चश्मा पहनें, आंखों को ठंडे पानी से धोएं, बार-बार हाथों को आंखों पर न लगाएं, धुंध से बचें और तकलीफ अधिक होने पर चिकित्सक की सलाह लें. उन्होंने बताया की जिला अस्पताल में पिछले महीने से अभी तक आंखों में जलन और श्वास संबंधी हजारों मरीजों का इलाज किया जा चुका है. हर दिन इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.
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