नई दिल्ली: निशुल्क कर्ज मुक्ति की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में देशभर के अलग-अलग राज्यों से लोग प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली पहुंचे. आज मंगलवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करना था. लेकिन उन्हें प्रशासन की तरफ से परमिशन नहीं मिली. कर्जा मुक्ति की मांग को लेकर राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट के अध्यक्ष शाहनवाज चौधरी ने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन अंतिम समय पर उन्हें रोक दिया गया. उनके कई साथियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
शाहनवाज चौधरी का कहना है कि जब बड़े-बड़े उद्योगपतियों का कर्जा माफ किया जा सकता है, तो आम लोगों का कर्जा क्यों माफ नहीं किया जा सकता. उनका कहना है कि कर्ज के बोझ में कई व्यापारियों, किसानों और आम लोगों ने आत्महत्या की है. आज हम सुप्रीम कोर्ट में PIL भी डालने जा रहे हैं. सरकार हमें प्रदर्शन नहीं करने दे रही है, हमारी आवाज को दबाना चाहती है. लेकिन अब हम लोग रुकने वाले नहीं हैं."
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सरकार के आंकड़ों के मुतबाकि, पिछले 5 वर्षों में 50 से अधिक लोगों ने कर्ज के कारण आत्महत्या की हैं. शाहनवाज का कहना है कि अमीरों की तरह आम लोगों, किसानों, व्यापारियों और नौकरी करने वाले लोगों को हर तरह का लोन माफ होना चाहिए. जिनका लोन माफ नहीं हो सकता है. उनको कम से कम 2 वर्ष का समय दिया जाना चाहिए. बता दें, 3.5 लाख से अधिक लोग इस अभियान में जुड़ चुके हैं. जिनके ऊपर कर्जा है उन लोगों ने रजिस्ट्रेशन फॉर्म भी भरा है.