रुद्रपुर: प्रदेश में जहां एक ओर मतदान के लिए लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के कई गांवों के लोगों ने सुविधाओं से वंचित होने के बाद चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया. जिसके बाद आज वोटिंग के दिन भी इन गांवों के मतदान केंद्रों में सन्नाटा पसरा रहा. सुबह से मतदान केंद्र में लोग वोट डालने के नहीं पहुंचे. वहीं कई जगह शासन-प्रशासन के अधिकारी लोगों को वोट देने की अपील करते दिखाई दिए. प्रदेश भर में कई जगहों से चुनाव बहिष्कार की बात सामने आई. वहीं अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि निर्वाचन द्वारा लगातार लंबे समय से इन लोगों को मनाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मतदान ना करना किसी समस्या का समाधान नहीं है और मतदान 5 बजे तक चलेगा. इन लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा.
उधमसिंह नगर जनपद के दिनेशपुर और रुद्रपुर थाना क्षेत्र स्थित अर्जुनपुर और गूलरभोज हरिपुर जलासाय, कोपा लालसिंह, मुनस्यारी सहित कई गावों के लोगों ने सड़क नहीं तो वोट नहीं नारे के साथ मतदान का बहिष्कार किया है. सुबह 11 बजे तक अर्जुनपुर में 12 सौ ग्रामीणों में से कुछ ही वोट पड़े हैं. जबकि बौर जलाशय के पार पांच गावों के लिए बनाए गए बूथ पर लोग मतदान के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. उधम सिंह नगर जनपद की 9 विधानसभाओं में सुबह से मतदान की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है. कुछ इलाकों को छोड़ सभी जगह सुबह से ही बूथों में लंबी कतारें देखने को मिली. पहली बार मतदान करने पहुंचे युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं दिनेशपुर के अर्जुनपुर के ग्रामीणों ने रोड नही तो वोट नहीं का नारा देते हुए मतदान का बहिष्कार किया है.
सुबह 11 बजे तक राजकीय प्राथमिक विद्यालय अर्जुनपुर में बनाए गए बूथ पर सन्नाटा पसरा रहा. जानकारी के मुताबिक 11 बजे तक लगभग 12 सौ मतदाताओं में से सिर्फ 30 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि पूर्व में भी सड़क के नाम पर नेताओं ने उन्हें गुमराह किया है. ऐसे में ग्रामीणों ने इस बार रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद करते हुए मतदान का बहिष्कार किया है. वहीं गूलरभोज हरिपुर जलासाय के पार बसे गावों के लोगों ने भी रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा देते हुए मतदान का बहिष्कार किया है. जिला निर्वाचन अधिकारी उदयराज सिंह ने बताया कि दोनों क्षेत्र का मामला सामने आया है. टीमों को मौके पर भेजा गया है. सीडीओ पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि आज मतदान का दिन है, मतदान के बाद जो भी समस्या हैं, उन्हें निपटाने का प्रयास किया जाएगा.
मसूरी में मतदान का बहिष्कार: मसूरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत मोटीदार कपलानी में करीब सात गांव के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में काफी लंबे समय से रोड निर्माण की मांग की जा रही है. परंतु वन विभाग द्वारा रोड निर्माण की अनुमति न दिए जाने के कारण गांव की रोड नहीं बन पा रही है. जिस वजह से लोग काफी परेशान है. उन्होंने कहा कि गांव से लगातार पलायन हो रहा है, कई लोग अपना गांव सड़क न होने के कारण छोड़कर चले गए हैं. लेकिन वन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है, इससे लोगों में भारी आक्रोश है. उन्होंने रोड नहीं तो वोट नहीं की बात कही. ग्राम प्रधान अमर देव भट्ट ने बताया कि ग्राम पंचायत मोटी धार कपलानी ग्राम पंचायत मोटी धार कपलानी में करीब 7 गांव आते हैं. जिसमें सैकड़ों लोग निवास करते हैं.लेकिन क्षेत्र में सड़क न होने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिस वजह से लोगों में भारी आक्रोश है. उन्होंने बताया कि मोटीदार, पटरानी, डोंग लोहड़ीगढ़ आदि गांव के लोग ने अपने मतदान का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. सुबह से मात्र पांच लोगों ने वोट डाला है.
काशीपुर में भी मतदान का बहिष्कार: गदरपुर के हरिपुरा जलाशय के पार गदरपुर विधानसभा के गुलरभोज के निकटवर्ती कोपा बसंता में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया है. उनका कहना है कि उनके गांव स्वास्थ्य व सड़क मार्ग से महरूम है. लोगों का कहना है कि उनके आने जाने का एकमात्र सहारा नाव है, जिससे वो मार्केट आते जाते हैं. सड़क की ऐसी हालात है कि बरसात में गड्ढे बन जाते हैं, जिन्हें भरने तक की जहमत नहीं उठाई जाती है. लोगों का कहना है कि उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला.
थराली में भी लोग मुखर: लोकसभा चुनाव के लिए जहां सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक चमोली में 28 प्रतिशत मतदान हो चुका है. वहीं थराली विधानसभा में भी आधे दिन तक 25 प्रतिशत मतदान के साथ मतदान केंद्रों पर लगातार वोटिंग जारी है. वहीं थराली तहसील के देवराड़ा समेत भेटा वार्ड में नगर पंचायत से वार्ड को हटाने की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. हालांकि भेटा वार्ड में ईडीसी के माध्यम वोट की शुरुआत होने के साथ ही अब तक तकरीबन 7 वोट से अधिक वोट पड़ चुके हैं. वहीं देवराडा बूथ पर आधे दिन तक भी एक भी वोट नहीं पड़ा.वहीं देवाल के बलाण और पिनाउ में भी सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण लोकसभा चुनाव के बहिष्कार पर अड़े हैं.
पिथौराढ़ में मतदान बहिष्कार का ऐलान: जिले में 3 गांवों में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया था, जो अपनी मांगों पर अडिग हैं. पिथौरागढ़ विधानसभा के क्वीतड़, जमतड़ी और क्वारबन बूथ पर अब तक वोट नहीं पड़ा है. तीनों मतदान केंद्रों में 720 मतदाता हैं. ग्रामीण लंबे समय से रोड की मांग कर रहे थे. इसलिए उन्होंने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया है. वहीं गंगोलीहाट विधानसभा के बूथ संख्या 80 राजकीय प्राथमिक विद्यालय बनकोट में ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार किया. क्षेत्र के ग्रामीण लम्बे समय से बनकोट क्षेत्र को बागेश्वर जनपद में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. बागेश्वर जिला मुख्यालय 20 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय 1500 किलोमीटर दूरी पर है. जिस कारण लम्बे समय से ग्रामीण बागेश्वर में शामिल करने की मांग कर रहे थे.
टिहरी में मतदान बहिष्कार: टिहरी जिले में वार्ड नंबर 3 और 4 के नगरवासियों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है. प्रशासनिक अधिकारियों ने नगर वासियों को समझने का प्रयास किया और वोट करने की अपील की. लेकिन नगरवासी नहीं मानें. नगर वासियों की मांग है कि उनके गांव नोघर को नगर पंचायत से हटाया जाए. नगरवासियों ने कहा कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नगर में धरातल विकास कार्य नहीं हुए.विकासखंड प्रतापनगर के ग्राम पंचायत रैका के हेलमेट गांव किमखेत के ग्रामीणों ने भी चुनाव बहिष्कार किया है. अब तक एक भी मतदान नहीं हुआ. ग्रामीणों की मांग है कि उनके हेलमेट गांव किमखेत को सड़क मार्ग से जोड़ा जाए और जीर्ण शीर्ण विद्यालय भवन का बनाया जाए.
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