लातेहारः सरकार के द्वारा विकास योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने की तमाम प्रकार के दावे किए जाते हैं, परंतु सरकार के इन दावों में कितनी सच्चाई है, इसका उदाहरण आज लातेहार जिले के महुआडांड़ अनुमंडल मुख्यालय में देखने को मिला. यहां के लोग मंगलवार को बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए सड़क पर उतर गए हैं. क्षेत्र में बिजली और पानी की सुविधा बेहतर हो, इसकी मांग को लेकर लोगों ने आज महुआडांड़ बंद बुलाया है.
दरअसल लातेहार जिले के महुआडांड़ का इलाका आदिवासी बहुल इलाका है. इसके बावजूद यह इलाका विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है. इस इलाके में आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. यहां पेयजल और बिजली की समस्या सालों भर बनी रहती है. परंतु पिछले कुछ दिनों से तो यहां के लोग पानी और बिजली के लिए तरस रहे हैं.
बिजली आपूर्ति की लचर व्यवस्था और पेयजल की कमी को दूर करने के लिए स्थानीय लोगों के द्वारा पिछले कई दिनों से लगातार अधिकारियों से गुहार लगाई जा रही थी. परंतु जब इन समस्याओं के समाधान के प्रति कहीं से कोई सकारात्मक पहल होता नहीं दिखा तो यहां के ग्रामीण आंदोलन की राह पकड़ लिए हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को महुआडांड़ को बंद रखा गया है.
बुनियादी सुविधा को बहाल करने की मांग को लेकर मंगलवार की सुबह 3 बजे से ही स्थानीय लोग सड़क पर उतर गए हैं. पूरे इलाके में नाकेबंदी कर दी गई है. मामले की जानकारी देते हुए स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस नेता अजीत पाल कुजूर ने बताया कि महुआडांड़ के लोग आजादी के बाद से आज तक बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. यहां बिजली की लचर व्यवस्था के कारण लोगों को इस भीषण गर्मी में दिन-रात परेशान रहना पड़ रहा है. इसके अलावा पेयजल आपूर्ति की भी व्यवस्था यहां अत्यंत दयनीय है.
उन्होंने बताया कि पेयजल आपूर्ति के नाम पर अब तक यहां 54 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई है, परंतु इस योजना का लाभ अभी तक यहां के ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाकर ग्रामीण थक गए हैं. इसलिए अब यहां के ग्रामीणों के पास आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचा हुआ है. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को महुआडांड़ को बंद किया गया है.
इधर बंदी कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास स्थानीय प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है. एसडीएम रतन कुमार ने बताया कि क्षेत्र में बिजली की समस्या के समाधान के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. पेयजल विभाग के अधिकारियों को भी पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है. प्रशासन के द्वारा लोगों को समझाने का भी प्रयास किया जा रहा है.
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