उत्तरकाशी: जो गंगा पूरे देश को पीने और सिंचाई के लिए पानी देती है. उसी गंगा के गंगोत्री धाम में लोग पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं. जल संस्थान की लापरवाही के कारण गंगोत्री के होटल व्यवसायियों सहित साधुओं और पुरोहितों को परेशानी हो रही है. पेयजल लाइन की मरम्मत न होने के कारण लोग गंगा नदी से बाल्टियों में पानी भरने को मजबूर हैं. तो वहीं पानी न होने के कारण होटलों में बुकिंग निरस्त हो रही है.
एक अप्रैल को गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलने के बाद गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है. हालांकि गंगोत्री धाम के कपाट 10 मई को खुलने हैं. लेकिन पार्क के गेट खुलने के बाद गरतांग गली सहित नेलांग और गंगोत्री धाम के दर्शन के लिए हर दिन सैकड़ों यात्री पहुंच रहे हैं. लेकिन वह गंगोत्री नहीं रुक पा रहे हैं. क्योंकि वहां पर होटलों में पानी की आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है. गंगोत्री के होटल व्यवसायी खुशहाल सिंह नेगी, जसपाल पंवार का कहना है कि पार्क के गेट खुलने के बाद उनके पास पर्वतारोहियों सहित पर्यटकों की बुकिंग आ रही है. लेकिन धाम में पानी की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें अपनी बुकिंग निरस्त करनी पड़ रही है. इससे होटल व्यवसायियों को नुकसान हो रहा है.
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वहीं आगामी 19 अप्रैल को गंगोत्री धाम में लोकसभा चुनाव को लेकर मतदेय स्थल भी बनाया गया है. जहां पर मतदानकर्मी और साधु समाज वहां पर मौजूद रहेंगे. लेकिन उनके लिए भी पानी की व्यवस्था लड़खड़ाती दिख रही है. गंगोत्री में मौजूद लोगों को नदी से पानी भरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. होटल व्यवसायियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि गंगोत्री धाम में पानी की आपूर्ति को जल्द बहाल करवाया जाए. जिससे वहां पर श्रद्धालु और पर्यटक रुक सकें. जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला ने बताया कि इस माह के अंत तक गंगोत्री धाम में पानी की आपूर्ति बहाल हो जाएगी. जिसके लिए मजदूर कार्य कर रहे हैं. वहीं वैकल्पिक व्यवस्था के लिए गंगोत्री में बने-बने छोटे टैंकों को साफ कर आपूर्ति बहाल करवाई जाएगी.