ETV Bharat / state

जलाशयों में अठखेलियां कर रहे विदेशी परिंदे, बने लोगों के आकर्षण का केंद्र - SIBERIAN BIRDS IN NAINITAL

हल्द्वानी में विदेशी पक्षियों की अठखेलियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं.वहीं लोग भी विदेशी मेहमानों की मौज-मस्ती देख रोमांचित हो रहे हैं.

siberian birds in haldwani nainital
जलक्रीड़ा करते साइबेरियन पक्षी (Photo-ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 6 hours ago

हल्द्वानी: हल्द्वानी के तमाम जलाशयों में इन दिनों विदेशी मेहमान पक्षियों का बसेरा बना हुआ है. वहीं विदेशी परिंदों की अठखेलियाें का लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. जलाशय और नदियों में विचरण करते साइबेरियन पक्षी लोगों को खूब लुभा रहे हैं और लोग इनका नजदीक से दीदार के लिए उत्सुकता दिखा रहे हैं. वहीं वन विभाग विदेशी मेहमान पक्षियों की सुरक्षा के लिए मुस्तैद है.

तराई का जंगल वन्यजीवों के साथ-साथ पक्षियों के लिए सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है. तराई के जंगल में जानवरों और पक्षियों के लिए भी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है. तराई के क्षेत्र में बैगुल-नानक सागर,बौर-हरिपुरा जलाशय, कोसी बैराज, तुमड़िया जलाशय साथ साथ कई अन्य जलाशय हैं. जहां ठंड के समय हर साल भारी संख्या में प्रवासी पक्षियां पहुंचती हैं. ठंड बढ़ने के साथ ही मेहमान पक्षियों का जमावड़ा लग गया है. इससे पर्यावरण प्रेमी, बर्ड वाचर और वन कर्मियों में खुशी देखी जा रही है. वहीं वन विभाग ने विदेशी पक्षियों की सुरक्षा के लिए मुस्तैद है.

साइबेरियन पक्षियों से गुलजार हुए जलाशय (Video-ETV Bharat)

प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी ने बताया कि तमाम जलाशयों में भारी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं. इन पक्षियों की सुरक्षा विभाग की पहली प्राथमिकता है. जिसके तहत ड्रोन से भी पक्षियों की निगरानी की जा रही है. तमाम प्रवासी पक्षी तराई के जलाशय में यूरोप, ईरान, अफगानिस्तान, रूस, साइबेरिया से करीब छह से 10 हजार किमी की यात्रा कर यहां पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि प्रवासी पक्षी यहां साफ और दलदली भूमि पर चार महीने तक रहते हैं. कहा कि प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम गठित की गई है.

तराई के जलाशयों में खासकर मालार्ड, नार्दर्न पिनटेल, यूरेशियन टील, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, फेरूजिनस डक, टफ्टेड डक, लिटिल ग्रेब, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, कॉमन मोरेन, यूरेशियन कूट, फेरूजिनस पोचार्ड विदेशों से पहुंच रहे हैं. इसके अलावा उच्च हिमालय क्षेत्र के एशियन वूली नेक्ड स्टोर्क, एशियन ओपन बिल स्टोर्क, कॉमन किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड, ग्रे हेरोन, बार हेडेड गूज पहुंचे हैं. पिछले साल हुई गणना के अनुसार करीब 160 से अधिक प्रजातियों के प्रवासी पक्षी यहां पर पहुंचे हुए थे. इस बार भी जनवरी माह में पक्षियों की गणना की जाएगी.
पढ़ें-विदेशी मेहमानों को पसंद आया डोईवाला, गुलजार हुई सुसवा नदी

हल्द्वानी: हल्द्वानी के तमाम जलाशयों में इन दिनों विदेशी मेहमान पक्षियों का बसेरा बना हुआ है. वहीं विदेशी परिंदों की अठखेलियाें का लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. जलाशय और नदियों में विचरण करते साइबेरियन पक्षी लोगों को खूब लुभा रहे हैं और लोग इनका नजदीक से दीदार के लिए उत्सुकता दिखा रहे हैं. वहीं वन विभाग विदेशी मेहमान पक्षियों की सुरक्षा के लिए मुस्तैद है.

तराई का जंगल वन्यजीवों के साथ-साथ पक्षियों के लिए सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है. तराई के जंगल में जानवरों और पक्षियों के लिए भी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है. तराई के क्षेत्र में बैगुल-नानक सागर,बौर-हरिपुरा जलाशय, कोसी बैराज, तुमड़िया जलाशय साथ साथ कई अन्य जलाशय हैं. जहां ठंड के समय हर साल भारी संख्या में प्रवासी पक्षियां पहुंचती हैं. ठंड बढ़ने के साथ ही मेहमान पक्षियों का जमावड़ा लग गया है. इससे पर्यावरण प्रेमी, बर्ड वाचर और वन कर्मियों में खुशी देखी जा रही है. वहीं वन विभाग ने विदेशी पक्षियों की सुरक्षा के लिए मुस्तैद है.

साइबेरियन पक्षियों से गुलजार हुए जलाशय (Video-ETV Bharat)

प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी ने बताया कि तमाम जलाशयों में भारी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं. इन पक्षियों की सुरक्षा विभाग की पहली प्राथमिकता है. जिसके तहत ड्रोन से भी पक्षियों की निगरानी की जा रही है. तमाम प्रवासी पक्षी तराई के जलाशय में यूरोप, ईरान, अफगानिस्तान, रूस, साइबेरिया से करीब छह से 10 हजार किमी की यात्रा कर यहां पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि प्रवासी पक्षी यहां साफ और दलदली भूमि पर चार महीने तक रहते हैं. कहा कि प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम गठित की गई है.

तराई के जलाशयों में खासकर मालार्ड, नार्दर्न पिनटेल, यूरेशियन टील, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, फेरूजिनस डक, टफ्टेड डक, लिटिल ग्रेब, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, कॉमन मोरेन, यूरेशियन कूट, फेरूजिनस पोचार्ड विदेशों से पहुंच रहे हैं. इसके अलावा उच्च हिमालय क्षेत्र के एशियन वूली नेक्ड स्टोर्क, एशियन ओपन बिल स्टोर्क, कॉमन किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड, ग्रे हेरोन, बार हेडेड गूज पहुंचे हैं. पिछले साल हुई गणना के अनुसार करीब 160 से अधिक प्रजातियों के प्रवासी पक्षी यहां पर पहुंचे हुए थे. इस बार भी जनवरी माह में पक्षियों की गणना की जाएगी.
पढ़ें-विदेशी मेहमानों को पसंद आया डोईवाला, गुलजार हुई सुसवा नदी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.