नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के शाहदरा जिले की एएसबी सेल ने चेन्नई सुपर किंग्स और पंजाब किंग्स के आईपीएल मैच में बैटिंग लगाने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश किया है. आईपीएल मैच में सट्टेबाजी करने वाले 3 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. यह सभी आरोपी मैच में औसतन 5 से 10 लाख रुपए का दांव लगाते थे. पुलिस ने इन तीनों आरोपियों के पास से दो लैपटॉप, 6 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप चार्जर और दो मोबाइल चार्जर भी बरामद किए हैं.
पुलिस को मिली थी गुप्त सूचना: शाहदरा जिला डीसीपी सुरेंद्र चौधरी के मुताबिक 5 मई को एसीबी टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग वेस्ट रोहतास नगर, शाहदरा में ऑनलाइन आईपीएल सट्टेबाजी रैकेट चला रहे हैं. इस खुफिया जानकारी को पुख्ता करते हुए एएसबी सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर विवेक शर्मा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. टीम ने सर्च वारंट के आधार पर उक्त जगह पर छापेमारी कर तलाशी ली और तीन लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया.
सिंडिकेट का मास्टरमाइंड भी गिरफ्तार: इनकी पहचान 32 वर्षीय सब्जी मंडी के रहने वाले सनी छाबड़ा, राहुल (28) (सब्जी मंडी निवासी) और राजेंद्र मार्केट, तीस हजारी के रहने वाले 26 वर्षीय मोहित के रूप में की गई है. इन सभी गिरफ्तार तीनों आरोपियों में से सनी छाबड़ा इस रैकेट का सरगना बताया गया है. सनी छाबड़ा और मोहित के खिलाफ पहले से ही जुआ अधिनियम के तहत एक-एक मामले दर्ज हैं.
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किराए के फ्लैट में चलाते थे रैकेट: गहन पूछताछ करने पर सनी छाबड़ा ने इस अवैध सट्टेबाजी सिंडिकेट का मास्टरमाइंड होने की बात कबूल की. उसने खुलासा किया कि वो अपने कस्टमर्स के साथ कॉन्टेक्ट बनाने को इंटरनेट कॉलिंग का इस्तेमाल किया करता था. हाल के दिनों में वह अपने दोस्त राहुल और मोहित के साथ मोहित के किराए के फ्लैट से इस अवैध सट्टेबाजी रैकेट के संचालन को अंजाम दे रहा था.
सट्टेबाजी सॉफ्टवेयर का करते थे इस्तेमाल: डीसीपी के मुताबिक, जिस जगह पर पुलिस टीम ने छापेमारी की वह मोहित का रेंट का मकान है. सट्टेबाज विशेष तौर पर सट्टेबाजी सॉफ्टवेयर आई बुक प्लस का इस्तेमाल करते थे. सनी छाबड़ा मैचो के दौरान दावों को लॉग करने और उनकी काउंटिंग करने का काम करता था. सट्टेबाजी में सनी छाबड़ा की अहम भूमिका थी.
मामले में आगे की जांच कर रही पुलिस: सट्टेबाजी रैकेट टॉस दांव जितने से लेकर रन टेली सेशन प्रदर्शन, विकेट गिनती और मैच के आखिर में जीत के सभी परिणाम को एक स्पेक्ट्रम के जरिए कवर करते थे जिस पर 5 से 10 लाख रुपए का औसतन दाव लगाया जाता था. पुलिस ने अब सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले में आगे की जांच में जुट गई है.
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