श्रीनगर: यूं तो शिक्षकों के कंधों पर नौनिहालों के भविष्य को संवारने का दारोमदार होता है, लेकिन उत्तराखंड में पहले से बदहाल सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने के बजाए शिक्षक ही आपसी विवादों में मशगूल हैं. ऐसा ही एक मामला कल्जीखाल से सामने आया. जिसके चलते स्कूली बच्चों की पढ़ाई चौपट हो गई है. उधर, मामले में डीएम आशीष चौहान ने जांच बैठा दी है.
कैसे और क्यों शुरू हुआ विवाद? दरअसल, पौड़ी जिले के कल्जीखाल विकासखंड के अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज बिलखेत में 151 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, लेकिन बीते कुछ महीने से शिक्षकों के आपसी विवाद के चलते छात्रों का पठन-पाठन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. बच्चों ने अभिभावकों से पठन-पाठन प्रभावित होने की शिकायत की. जिस पर अभिभावकों ने पीटीए बैठक बुलाए जाने की मांग की. साथ ही प्रकरण की शिकायत मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी से भी की.
'श्राप' देते दिखे प्रभारी प्रधानाचार्य: वहीं, स्कूल प्रशासन ने पहले बीते 30 सितंबर को पीटीए बैठक बुलाई, जिसे किन्हीं कारणों से स्थगित कर दिया गया. इस बीच 1 अक्टूबर को स्कूल में जांच टीम पहुंची थी, जिसने सभी पक्षों को सुना था. बीते 4 अक्टूबर को स्कूल प्रशासन की ओर से पीटीए की बैठक आयोजित की गई. जहां बैठक में ही शिक्षक आपस में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते नजर आए. इतना ही नहीं प्रभारी प्रधानाचार्य 'श्राप' देने की बात तक करते दिखे थे.
अभिभावकों का कहना था कि 24 जुलाई को स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य ने पदभार संभाला. जिसके बाद से स्कूल में शिक्षकों के आपसी विवाद को लेकर शिकायतें आने लगी थी. छात्रहित में अभिभावकों ने शिक्षकों से स्कूल के शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने की अपील की, लेकिन उनके व्यवहार में कोई सुधार नहीं आया. आरोप था कि स्कूल के चार शिक्षक आए दिन आपस में गाली-गलौज तक पर उतर आ रहे हैं. जिसका अध्ययनरत नौनिहालों के भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
उन्होंने बताया कि विवाद के चलते बच्चों के यूनिट टेस्ट भी नहीं हो पाए हैं. स्कूल प्रशासन लगातार यूनिट टेस्ट की तिथियों में बदलाव कर रहे हैं. इसका बच्चों की तैयारी भी प्रभावित हो रही है. अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से विद्यालय का शैक्षणिक माहौल बिगाड़ रहे चारों शिक्षकों का तबादला किए जाने और विद्यालय को नियमित प्रधानाचार्य दिए जाने की मांग की है.
प्रधानाचार्य समेत चार पद हैं रिक्त: राजकीय इंटर कॉलेज बिलखेत में प्रधानाचार्य समेत चार पद खाली चल रहे हैं. स्कूल में प्रधानाचार्य का पद लंबे समय से खाली है. इसके अलावा प्रवक्ता भौतिक विज्ञान, एलटी कृषि और व्यायाम का पद रिक्त है. हालांकि, एलटी व्यायाम पद पर अतिथि शिक्षक सेवारत है.
एक शिक्षक की भूमिका बताई जा रही है संदिग्ध: स्कूल के शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने में एक शिक्षक की भूमिका को संदिग्ध बताया जा रहा है. अभिभावकों का आरोप है जुलाई से पहले स्कूल में शैक्षणिक, खेल समेत अन्य गतिविधियां बेहतर रूप में संचालित हो रही थी, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे शिक्षकों की मनमानी और अराजकता से माहौल बढ़ता चला गया.
दो सदस्यीय टीम कर रही है प्रकरण की जांच: स्कूल में चल रहे विवाद की दो सदस्यीय टीम जांच कर रही है, जिसमें बीईओ द्वारीखाल और प्रभारी प्रधानाचार्य लैंसडाउन शामिल हैं. टीम ने शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों से प्रकरण को लेकर हर पहलू पर बातचीत कर ली है. द्वारीखाल बीईओ सुरेंद्र नेगी ने बताया कि जांच अंतिम चरण में चल रही है. स्पष्ट संस्तुति के साथ जल्द ही रिपोर्ट पौड़ी सीईओ को भेजी जाएगी.
प्रभारी प्रधानाचार्य ने दी राजस्व पुलिस को तहरीर: जीआईसी बिलखेत के प्रभारी प्रधानाचार्य अविनाश चंद्र शर्मा ने राजस्व पुलिस को एक तहरीर सौंपी है. तहरीर में बताया कि एक अभिभावक ने पीटीए की बैठक में शिक्षकों और अभिभावकों को भड़काने का काम किया.
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें प्रभार से हटाए जाने के लिए प्रस्ताव बनाए जाने का दबाव भी दिया गया. साथ ही आरोप है एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर उनकी और स्कूल की छवि धूमिल करने का काम किया गया. वहीं, मनियारस्यूं तीन की प्रभारी राजस्व उपनिरीक्षक नीमा आर्य ने बताया कि प्रकरण की जांच शुरू कर ली गई है.
किसी भी विद्यालय में बेहतर शैक्षणिक वातावरण शिक्षकों और अभिभावकों के आपसी समन्वय से तैयार होता है. जीआईसी बिलखेत में बीते कुछ दिनों से शिक्षा व्यवस्था पर शिक्षकों के आपसी विवाद के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दो सदस्यीय टीम को प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है. जांच रिपोर्ट मिलने पर अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. - नागेंद्र बर्त्वाल, प्रभारी सीईओ, पौड़ी
क्या बोले डीएम आशीष चौहान? मामले में पौड़ी जिलाधिकारी आशीष चौहान ने कहा कि मामले की जांच पौड़ी सीईओ को सौंपी गई है. जांच के बाद संबंधित अध्यापक के खिलाफ सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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