श्रीनगर: पौड़ी में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की जटिल प्रकिया आवेदको के लिए सरदर्द बनी हुई है. सबसे अधिक दिक्कत उन आवेदकों को आ रही है जो परिजनों के जन्म और मृत्य होने के 21 दिन बाद प्रमाण पत्र बनाने के लिए तहसील में शपथ पत्र दाखिल करने पहुंच रहे हैं. एसडीएम स्तर से प्रमाण पत्र जारी करने से पहले ग्राम पंचायत अधिकारी के साथ अब पटवारी से भी जन्म और मृत्यु की जांच करवाई जा रही है. पूर्व में सिर्फ ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ही जन्म और मृत्य की जांच किया करता था.
दो बार अलग अलग स्तर से जांच करवाने के बाद ही अब प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं. जिसमे कई बार 1 साल से अधिक का समय भी लग रहा है. ऐसे में आवेदकों को कई बार तहसील के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. सबसे अधिक दिक्कत ग्रामीण क्षेत्र की जनता को उठानी पड़ रही हैं. जिन्हे बार बार तहसील के चक्कर प्रमाण पत्र समय पर न बनने के कारण काटने पड़ रहे हैं. पूरी प्रकिया के चलते लोग परेसान होने लगे हैं.
प्रमाण पत्र की जटिल प्रकिया पर ग्राम प्रधान संगठन ने भी जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र प्रकिया के सरलीकरण की मांग शासन प्रशासन से की है. प्रधान संगठन पौड़ी के जिला अध्यक्ष कमल रावत ने बताया ग्रामीण इलाकों के लोग परेशान हो रहे हैं. उन्होंने कहा लोगों को 70-70 किमी दूर से तहसील आना पड़ता है. प्रमाण पत्र बनाने के लिए उन्हें दो चार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. ऐसे में उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. इस मामले में संयुक्त मजिस्ट्रेट पौड़ी अनामिका ने बताया शासन स्तर से समस्या का समाधान किया जा रहा है. जल्द ही आवेदकों को पेश आ रही दिक्कत का समाधान कर लिया जाएगा.
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