शिमला: हिमाचल में राजस्व विभाग से संबंधित आम लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. प्रदेश मंत्रिमंडल की 12 जुलाई को हुई बैठक में पटवारी और कानूनगो को जिला से स्टेट कैडर में किए जाने का निर्णय लिया गया था, जिससे नाराज संयुक्त ग्रामीण एवं राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से लोगों को ऑनलाइन सेवाएं न देने था निर्णय लिया था.ऐसे में प्रदेश भर के नगर निगमों, नगर परिषद, नगर पंचायतों और पंचायतों के तहत लोगों के हिमाचली प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, कृषक प्रमाण पत्र और ईडब्लूएस आदि प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं.
यही नहीं प्रदेश भर में लोगों के ऑनलाइन अपडेट होने वाले इंतकाल और लोन से संबंधित कार्य भी प्रभावित हो गए हैं. इससे आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि मानवीय पहलू को देखते हुए प्रदेश में आपदा से जुड़े कार्य की इस निर्णय बाहर रखा गया है.वहीं, इसी बीच 15 अगस्त को देहरा में मनाए गए राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान महासंघ के पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बैठक हुई थी, जिसमें महासंघ ने स्टेट कैडर सहित अन्य मांगों को लेकर मिले आश्वासन के बाद फिर से ऑनलाइन सेवाएं देने का निर्णय लिया था, लेकिन एक ही दिन में संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने यू टर्न लेते हुए फिर से ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी हैं.
अब अंतिम निर्णय 20 अगस्त को मीटिंग के बाद
प्रदेश में लोगों की परेशानियों को देखते हुए सरकार और महासंघ की 20 अगस्त को एक बार फिर से मीटिंग निर्धारित हुई है. ये बैठक अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार शर्मा के साथ होगी, जिसमें महासंघ पटवारियों और कानूनगो की लंबित मांगों को रखेगा. इस दौरान अगर इन सरकार मांगों को माने जाने को लेकर अपनी सहमति देती है तो पटवारी और कानूनगो 21 अगस्त से लोगों को ऑनलाइन सेवाएं देनी शुरू कर देंगे, जिसके बाद लोगों को राहत मिल सकती है. बता दें कि प्रदेश भर में पिछले करीब 33 दिनों से लोगों के ऑनलाइन सर्टिफिकेट नहीं बन रहे हैं, जिससे प्रदेश स्तर में 2 लाख से अधिक ऑनलाइन आवेदन पेंडिंग पड़े हैं. ऐसे में लोगों के जरूरी काम लटक गए है. इस तरह से लोग भी सरकार और महासंघ के बीच चल रहे विवाद के समाप्त होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, ताकि उन्हें अधिक समस्या का सामना न करना पड़े.
राज्य कैडर और अन्य मांगे न माने जाने से नाराज
हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ का तर्क है कि राज्य सरकार उनकी लंबित मांगों पर तो गौर नहीं कर रही है, उल्टा राज्य कैडर का दर्जा देकर सरकार ने पटवारियों और कानूनगो की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इसे लेकर महासंघ कि पिछली साल 23 नवंबर को राजस्व मंत्री सहित विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक भी हुई थी.जिसमें महासंघ ने पटवारखानों में नेट कनेक्टिविटी देने सहित कई मांगे सरकार के सामने रखी थी, लेकिन जिस पर अभी तक कोई गौर नहीं हुआ है.इससे अब महासंघ और सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हुई.जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.
हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी (पटवारी) एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी का कहना है कि, 'मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में कुछ मांगों को लेकर संशय रह गया था, जिसको दूर करने के लिए 20 अगस्त को राज्य सचिवालय में महासंघ की अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ बैठक निर्धारित हुई है, जिसमें इन मांगों को लेकर चर्चा होगी. इसके बाद उसी दिन महासंघ अपना निर्णय सुनाएगा.
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