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नहीं रहे पटना के ऑक्सीजन मैन बंगाली बाबा, पत्नी की सांस में समस्या से मौत पर लगाए थे 500 पौधे - OXYGEN MAN DIED

पटना के ऑक्सीजन मैन का निधन हो गया. पत्नी की सांस की बीमारी से मौत हो गयी थी. तब से पौधे लगा रहे थे.

ऑक्सीजन मैन अशोक सिंह
ऑक्सीजन मैन अशोक सिंह (Etv Bharat File)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 15, 2024, 9:29 AM IST

पटनाः बिहार के ऑक्सीजन मैन नहीं रहे. इन्हें लोग प्यार से बंगाली बाबा भी कहते हैं जो पुनपुन के अकौना गांव के रहने वाले थे. इनका असली नाम अशोक सिंह है, जिनका बीते शाम निधन हो गया. 11 साल पहले पत्नी का निधन हो गया था. तब से ये लगातार पौधे लगा रहे थे ताकि लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सके. बीते साल 2023 में ईटीवी भारत ने इनकी इस पहल की खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

निधन पर लोगों ने जताया शोकः इनकी पत्नी को सांस की बीमारी हुई थी. तब से उन्होंने प्रण किया था कि पूरे इलाके में पौधरोपण करेंगे. पिछले 11 साल से तकरीबन 3 किलोमीटर तक 500 से अधिक पौधे लगाए. इनके पर्यावरण के प्रति संकल्प से लोग भली-भांति परिचित थे. उनके निधन पर लोगों ने शोक जताया है.

2013 में पत्नी का निधनः परिजनों ने बताया कि एक बार 2013 में उनकी पत्नी मनोरमा देवी की तबीयत बिगड़ी थी. उन्हें सांस लेने की समस्या थी. अस्पताल में इलाज भी चला. चिकित्सकों ने इसका कारण बढ़ते प्रदूषण को बताया था. इसके बाद अशोक सिंह पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधे लगाने के अभियान से जुड़ गए. इसकी शुरुआत पुनपुन से अकौना जाने वाली सड़क किनारे से की थी. प्रतिदिन इसके लिए सुबह शाम का दो घंटे समर्पित कर दिया.

500 से अधिक पौधे लगाएः इस दौरान उन्होंने 500 से अधिक पौधे लगाए गए. बाद में उनके इस संकल्प में वन विभाग द्वारा भी मदद की गई. इनके दो पुत्र भोला सिंह, विश्वजीत कुमार और एक पुत्री है. बंगाली बाबा के पधारोपण के कार्य अभियान को हर किसी ने सराहा. प्रत्येक दिन सुबह शाम तक पड़े के देखभाल में लगे रहते थे.

"पुनपुन के अकौना गांव के रहने वाले अशोक सिंह जिन्हें ऑक्सीजन मैन कहते थे. दो दिनों से तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. जिनकी मृत्यु हो गई है. उनके अभियान को हम सभी लोग आगे बढ़ाएंगे." -गुड़िया देवी, प्रखंड प्रमुख पुनपुन

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पटनाः बिहार के ऑक्सीजन मैन नहीं रहे. इन्हें लोग प्यार से बंगाली बाबा भी कहते हैं जो पुनपुन के अकौना गांव के रहने वाले थे. इनका असली नाम अशोक सिंह है, जिनका बीते शाम निधन हो गया. 11 साल पहले पत्नी का निधन हो गया था. तब से ये लगातार पौधे लगा रहे थे ताकि लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सके. बीते साल 2023 में ईटीवी भारत ने इनकी इस पहल की खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

निधन पर लोगों ने जताया शोकः इनकी पत्नी को सांस की बीमारी हुई थी. तब से उन्होंने प्रण किया था कि पूरे इलाके में पौधरोपण करेंगे. पिछले 11 साल से तकरीबन 3 किलोमीटर तक 500 से अधिक पौधे लगाए. इनके पर्यावरण के प्रति संकल्प से लोग भली-भांति परिचित थे. उनके निधन पर लोगों ने शोक जताया है.

2013 में पत्नी का निधनः परिजनों ने बताया कि एक बार 2013 में उनकी पत्नी मनोरमा देवी की तबीयत बिगड़ी थी. उन्हें सांस लेने की समस्या थी. अस्पताल में इलाज भी चला. चिकित्सकों ने इसका कारण बढ़ते प्रदूषण को बताया था. इसके बाद अशोक सिंह पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधे लगाने के अभियान से जुड़ गए. इसकी शुरुआत पुनपुन से अकौना जाने वाली सड़क किनारे से की थी. प्रतिदिन इसके लिए सुबह शाम का दो घंटे समर्पित कर दिया.

500 से अधिक पौधे लगाएः इस दौरान उन्होंने 500 से अधिक पौधे लगाए गए. बाद में उनके इस संकल्प में वन विभाग द्वारा भी मदद की गई. इनके दो पुत्र भोला सिंह, विश्वजीत कुमार और एक पुत्री है. बंगाली बाबा के पधारोपण के कार्य अभियान को हर किसी ने सराहा. प्रत्येक दिन सुबह शाम तक पड़े के देखभाल में लगे रहते थे.

"पुनपुन के अकौना गांव के रहने वाले अशोक सिंह जिन्हें ऑक्सीजन मैन कहते थे. दो दिनों से तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. जिनकी मृत्यु हो गई है. उनके अभियान को हम सभी लोग आगे बढ़ाएंगे." -गुड़िया देवी, प्रखंड प्रमुख पुनपुन

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