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नगरपालिका संसोधन एक्ट पर नहीं बनी बात, नीतीश सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची पटना मेयर - Patna Mayor Sita Sahu

Patna High Court: बिहार विधानमंडल से पास नगरपालिका संसोधन विधेयक की पटना हाईकोर्ट में दायर याचिका को पटना की मेयर सीता साहू ने चुनौती दी है. इनका कहना है कि कानून में संशोधन कर अधिकारियों को सारी ताकत दे दी गई है. इस मामले पर शीघ्र सुनवाई होने की संभावना है.

पटना मेयर सीता साहू
पटना मेयर सीता साहू (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 5, 2024, 10:02 PM IST

पटना: राज्य सरकार के नगरपालिका एक्ट 2024 के संशोधन पर बात नहीं बन पाई है. नीतीश सरकार के खिलाफ पटना की मेयर सीता साहू हाईकोर्ट पहुंची गई है. उन्होंने पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनौती दी है. इस दायर याचिका पर पटना हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई होगी. याचिका में ये कहा गया कि इसके तहत बहुत सारे अधिकार नगरपालिका से लेकर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को दे दिया गया है. इससे नगरपालिका के अधिकार में कटौती किये जाने से कामकाज बुरी तरह प्रभावित होगा.

पटना मेयर ने याचिका को दी चुनौती: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि इस याचिका में इस संशोधन में विभिन्न प्रावधानों को रद्द करने की मांग की है,ताकि स्थानीय निकाय प्रभावी तरीके से कार्य कर सके. उन्होंने राज्य सरकार से स्थानीय निकाय शासन को तकनीकी व प्रबंधकीय सहायता की मांग की है ताकि वे प्रभावी तरीके से अपना कार्य कर सके. याचिका में ये भी बताया गया कि बहुत से राज्यों में स्थानीय निकाय शासन के शक्तियों व कार्यों में कटौती कर उन्हें कमजोर किया गया है.

पटना हाईकोर्ट में जल्द होगी सुनवाई: नगरपालिका संसोधन कानून में ये बताया गया कि स्थानीय निकाय शासन में मुख्यतः दो कमियां है. एक तो स्थानीय निकाय शासन के अधिकारियों व कर्मचारियों पर सीधे तौर पर चुने गये जन प्रतिनिधियों का कोई नियंत्रण नहीं होता है. इनके नियुक्तियों, स्थानांतरण व पदस्थापन पर राज्य सरकार के विभाग का नियंत्रण होता है. इन संशोधनों के माध्यम से इनकी नियुक्ति, स्थानांतरण व पदस्थापन का अधिकार मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को प्राप्त हो गया है.

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पटना मेयर ने याचिका को दी चुनौती: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि इस याचिका में इस संशोधन में विभिन्न प्रावधानों को रद्द करने की मांग की है,ताकि स्थानीय निकाय प्रभावी तरीके से कार्य कर सके. उन्होंने राज्य सरकार से स्थानीय निकाय शासन को तकनीकी व प्रबंधकीय सहायता की मांग की है ताकि वे प्रभावी तरीके से अपना कार्य कर सके. याचिका में ये भी बताया गया कि बहुत से राज्यों में स्थानीय निकाय शासन के शक्तियों व कार्यों में कटौती कर उन्हें कमजोर किया गया है.

पटना हाईकोर्ट में जल्द होगी सुनवाई: नगरपालिका संसोधन कानून में ये बताया गया कि स्थानीय निकाय शासन में मुख्यतः दो कमियां है. एक तो स्थानीय निकाय शासन के अधिकारियों व कर्मचारियों पर सीधे तौर पर चुने गये जन प्रतिनिधियों का कोई नियंत्रण नहीं होता है. इनके नियुक्तियों, स्थानांतरण व पदस्थापन पर राज्य सरकार के विभाग का नियंत्रण होता है. इन संशोधनों के माध्यम से इनकी नियुक्ति, स्थानांतरण व पदस्थापन का अधिकार मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को प्राप्त हो गया है.

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