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शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशक पर पटना में लाठीचार्ज, DSP ने बताई ये वजह - Patna lathi charge

Patna lathi charge: राजधानी में प्रदर्शन कर रहे शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक पर पटना पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी. अपनी मांगों को लेकर के सचिवालय गेट के पास वेतन 8 हजार से 32 हजार करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. पढ़ें पूरी खबर.

पटना में लाठीचार्ज
पटना में लाठीचार्ज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 26, 2024, 5:48 PM IST

पटना में लाठीचार्च (ETV Bharat)

पटना: बिहार के शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक पर पटना में लाठीचार्ज हुआ है. अपनी मांगों को लेकर के सचिवालय गेट के पास वेतन 8 हजार से 32 हजार करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच कहा सुनी हो गई. स्थिति बिगड़ती देख पुलिस में प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज करते हुए उन्हें खदेड़ दिया. इसमें कई अभ्यर्थी घायल हो गए.

वेतनमान काफी कम: वहीं शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राजेश पांडे ने बताया कि नियोजन नियमावली 2012 के तहत शिक्षकों का वेतनमान प्रारंभिक शिक्षकों के लिए 5000 रुपये, माध्यमिक शिक्षकों के लिए 6000 रुपये और शारीरिक शिक्षा अनुदेशक के लिए 4000 रुपये निर्धारित किया गया था. वर्तमान में इनका वेतन 8000 रुपये निर्धारित किया गया है, जो काफी कम है. हमारी मांग है कि इसमें सुधार हो.

पटना में लाठीचार्च
पटना में लाठीचार्च (ETV Bharat)

क्यों कर रहे हैं प्रदर्शनः: बिहार शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक संघ वेतनमान में सुधार की मांग लंबे समय से चल रही है. शिक्षक नियोजन नियमावली 2012 के तहत बिहार सरकार के जरिए एसटीईटी 2019 का आयोजन किया गया था. शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की बहाली के लिए परीक्षा ली गई थी, लेकिन बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी.

"सचिवालय गेट के पास 200 की संख्या में शिक्षक इकट्ठा हो गए थे. सभी विधान मंडल का मानसून सत्र चल शिक्षक इकट्ठा हो गए थे. सभी लोग विधानसभा मार्च करने निकले थे जबकि इस क्षेत्र में 163 लागू है. जहां चार लोग से ज्यादा एक जगह इकट्ठा नहीं हो सकते. इन लोगों को पीछे हटने को कहा गया, लेकिन ये लोग यहां से नहीं हट रहे थे. इन लोगों को हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग कर वहां से हटाया गया है." -सुशील कुमार, सचिवालय डीएसपी

पटना में कई बार लाठीचार्ज: पटना में विभिन्न संगठन के लोग जब अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरते हैं तो उस दौरान स्थिति को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ता है. इससे पहले पासवान समाज और दलित सेना के लोगों पर फिर कांग्रेस युवा कार्यकर्ताओं पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई लोग घायल हुए थे.

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पटना में लाठीचार्च (ETV Bharat)

पटना: बिहार के शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक पर पटना में लाठीचार्ज हुआ है. अपनी मांगों को लेकर के सचिवालय गेट के पास वेतन 8 हजार से 32 हजार करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच कहा सुनी हो गई. स्थिति बिगड़ती देख पुलिस में प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज करते हुए उन्हें खदेड़ दिया. इसमें कई अभ्यर्थी घायल हो गए.

वेतनमान काफी कम: वहीं शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राजेश पांडे ने बताया कि नियोजन नियमावली 2012 के तहत शिक्षकों का वेतनमान प्रारंभिक शिक्षकों के लिए 5000 रुपये, माध्यमिक शिक्षकों के लिए 6000 रुपये और शारीरिक शिक्षा अनुदेशक के लिए 4000 रुपये निर्धारित किया गया था. वर्तमान में इनका वेतन 8000 रुपये निर्धारित किया गया है, जो काफी कम है. हमारी मांग है कि इसमें सुधार हो.

पटना में लाठीचार्च
पटना में लाठीचार्च (ETV Bharat)

क्यों कर रहे हैं प्रदर्शनः: बिहार शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक संघ वेतनमान में सुधार की मांग लंबे समय से चल रही है. शिक्षक नियोजन नियमावली 2012 के तहत बिहार सरकार के जरिए एसटीईटी 2019 का आयोजन किया गया था. शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की बहाली के लिए परीक्षा ली गई थी, लेकिन बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी.

"सचिवालय गेट के पास 200 की संख्या में शिक्षक इकट्ठा हो गए थे. सभी विधान मंडल का मानसून सत्र चल शिक्षक इकट्ठा हो गए थे. सभी लोग विधानसभा मार्च करने निकले थे जबकि इस क्षेत्र में 163 लागू है. जहां चार लोग से ज्यादा एक जगह इकट्ठा नहीं हो सकते. इन लोगों को पीछे हटने को कहा गया, लेकिन ये लोग यहां से नहीं हट रहे थे. इन लोगों को हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग कर वहां से हटाया गया है." -सुशील कुमार, सचिवालय डीएसपी

पटना में कई बार लाठीचार्ज: पटना में विभिन्न संगठन के लोग जब अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरते हैं तो उस दौरान स्थिति को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ता है. इससे पहले पासवान समाज और दलित सेना के लोगों पर फिर कांग्रेस युवा कार्यकर्ताओं पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई लोग घायल हुए थे.

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