पटनाः अपने असरदार चुनावी प्रबंधन के दम पर कई पार्टियों को सत्ता के सिंहासन पर बैठाने वाले प्रशांत किशोर क्या वाकई में बिहार के सारे सियासी समीकरणों को उलट-पलट कर रख देंगे. अपनी जन सुराज यात्रा में तो पीके ऐसा ही दावा करते आ रहे हैं. इन दावों में कितना दम है ये बहस का मुद्दा हो सकता है लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि पीके के इस अभियान ने बिहार के सियासी दलों में हलचल मचा दी है. अगर ऐसा नहीं होता तो जगदानंद सिंह को चेतावनी भरा खत अपनी पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को नहीं लिखना पड़ता.
जगदानंद सिंह का चेतावनी भरा खतः दरअसल आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने जो खत पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखा है उसमें प्रशांत किशोर के जन सुराज यात्रा से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गयी है. खत में साफ लिखा है कि "अगर पार्टी का कोई भी नेता-कार्यकर्ता जम सुराज यात्रा में सहयोग करता है तो उसके खिलाफ समुचित कार्रवाई की जाएगी."
'जन सुराज पार्टी का सदस्य बनना चिंता का विषयः' जगदानंद सिंह ने अपने खत में इस बात पर चिंता जाहिर की है कि आरजेडी के कार्यकर्ता जन सुराज पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं. उन्होंने खत में लिखा है कि " प्रिय साथियो ! आए दिन प्रायः सभी जिलों में ऐसा देखने को मिला है कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ता या नेता जन सुराज पार्टी में सहयोगी या सदस्य बन रहे हैं, जो चिंता का विषय है."
PK को बताया बीजेपी की 'बी' टीमः उन्होंने खत में आगे लिखा है कि "विदित हो कि जन सुराज पार्टी एक राजनीतिक पार्टी है, इसके संस्थापक श्री प्रशांत किशोर उर्फ प्रशांत किशोर पांडेय जी हैं. यह पार्टी भारतीय जनता पार्टी एवं देश के धर्मावलंबी लोगों के द्वारा संचालित तथा वित्तीय पोषित है अर्थात भारतीय जनता पार्टी की 'बी' टीम है."
कार्रवाई की चेतावनीः जगदानंद सिंह ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी है. उन्होंने खत में लिखा है कि "प्रशांत किशोर की मंशा बीजेपी की शक्ति को बढ़ावा देने की है. जिन साथियों को आदरणीय श्री लालू प्रसाद जी का सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सौहार्द एंव बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेदकर, डॉ. राम मनोहर लोहिया, महात्मा गांधी, डॉ.पेरियार, महात्मा ज्योतिराव फुले, जननायक कर्पूरी ठाकुर, लोकनायक जजयप्रकाश नारायण के विचारों से वास्ता है वो दल विरोधी काम न करें अन्यथा दल उन पर समुचित कार्रवाई करेगा."
जगदानंद के खत के क्या मायने ?: जगदानंद सिंह के इस खत के बाद ये बात पूरी तरह साफ हो गयी है कि बिहार में जन सुराज यात्रा की धमक बढ़ रही है. आरजेडी को निष्ठावान कार्यकर्ताओं की पार्टी माना जाता है. ऐसे में आरजेडी ने नेताओं-कार्यकर्ताओं को जन सुराज से जुड़ना इस बात का गंभीर संकेत है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर बड़ी सियासी ताकत के रूप में उभर सकते हैं.
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