पटनाः बिहार के कई लोअर कोर्ट में बहुत सारे मामले लंबित चल रहे हैं जिसकी समय से सुनवाई नहीं हो रही है. इससे विचाराधीन कैदी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर कौशिक रंजन की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी. इसपर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है.
गर्मियों की छुट्टी के बाद सुनवाईः बिहार के निचली अदालत में पिछले दो दशकों से बड़ी संख्या में आपराधिक मुकदमे लंबित हैं. इस मामलें पर सुनवाई गर्मियों की छुट्टी के बाद की जाएगी. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ द्वारा यह फैसला सोमवार को लिया गया है.
67 हजार मामलें लंबितः याचिकाकर्ता कौशिक रंजन की अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि बड़ी संख्या में राज्य के विभिन्न अदालतों में आपराधिक मामलें लंबित पड़े हैं. उन्होंने बताया था कि लगभग 67 हजार मामलें ऐसे है जिनमें पार्टियां कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. इसे निपटाया जाएगा.
30 से 40 साल पुराने मामले लंबितः कोर्ट के इस फैसले से ऐसे कैदियों को कानूनी सहायता के जरूरी जानकारी और प्रशिक्षण देने की कार्रवाई शीघ्र प्रारम्भ किये जाने की संभावना हैं. अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि बहुत सारे मामलें काफी पुराने हैं. जिनमें अधिकांश सन्दर्भहीन हो चुके हैं. तीस से चालीस साल पुराने मामलों का कोई अर्थ नहीं रह जाता है. इस मामलें पर अगली सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद की जाएगी.
यह भी पढ़ेंः 'नवजात बच्चों की देखरेख के लिए मांगी गई रकम दहेज नहीं', पटना HC ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला - Patna High Court