पटना: पटना हाईकोर्ट ने हाजमोला के कार्टन में शराब पाये जाने के मामले पर आज सोमवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. जस्टिस पीबी बजंथरी की खंडपीठ सुमित शुक्ला की रिट याचिका पर सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई में पटना कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि यदि अगली सुनवाई में सकारात्मक जवाब सरकार की तरफ से नहीं मिला तो कोर्ट मुजफ्फरपुर पुलिस या आबकारी विभाग के संबंधित अधिकारी को तलब करेगी.
पटना हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई: याचिकाकर्ता सुमित शुक्ला इलाहाबाद से हाजमोला के सील बंद कार्टन की बड़ी खेप को मुजफ्फरपुर ट्रांसपोर्ट किया था. तथाकथित रूप से उन कार्टन की खेप से शराब के बोतल मिला था. इस आधार पर मोतीपुर थाना में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी. याचिकाकर्ता सुमित शुक्ला ने मुजफ्फरपुर के आबकारी अधीक्षक और जिलाधिकारी के समक्ष आवेदन देकर हाजमोला के बंद डब्बों को छुड़ाने की गुहार लगाई थी. जिसे किसी भी अधिकारी ने नहीं सुना.
शराब बरामदगी पर हुई सुनवाई: वहीं पटना हाईकोर्ट ने शराब की बरामदगी मामले पर जस्टिस पीबी बजंथरी की खंडपीठ ने शिवराज चौधरी की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की. सुनवाई में पूरे परिसर को सील कर राज्यसात की कार्रवाई को गलत करार दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जहां से शराब की बरामद हुआ है, उसी जगह को राज्यसात किया जा सकता है.
पूरे परिसर को सील को कोर्ट ने गलत बताया: आवेदक के वकील प्रशांत कश्यप ने कोर्ट को बताया कि गया कि खिज्रसराय स्थित शिव भोग आटा मिल के ग्राउंड फ्लोर से 314 लीटर से ज्यादा शराब बरामद की गई थी.लेकिन तीन तल्ला का पूरा मकान को जब्त कर सम्पत्ति को राज्यसात करने की कार्रवाई की जाने लगी. उनका कहना था कि शराबबंदी कानून के तहत जिस जगह से शराब मिला. उसी जगह को जब्त कर आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए, ना कि पूरे परिसर को जब्त कर राज्यसात की कार्रवाई की जानी चाहिए. \
कोर्ट से की आदेश को निरस्त करने की मांग: उन्होंने एडिशनल क्लेक्टर,असिस्टेंट कमिश्नर और अपर मुख्य सचिव की ओर से पारित आदेश को निरस्त करने की मांग कोर्ट से की. सम्पति का मूल्यांकन रिपोर्ट को भी निरस्त करने की मांग कोर्ट से की. उन्होंने शिव भोग आटा मिल को नीलामी करने से रोकने का भी निवेदन कोर्ट से किया. कोर्ट ने अधिकारियों को तीन माह के भीतर जहां से शराब बरामदगी की गई हैं, सिर्फ उसी जगह को राज्यसात कर नीलामी के लिए मूल्यांकन कर आगे की कार्रवाई करें.
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