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नवादा दलित बस्ती में लगाई गई थी आग, 80 घर हुए थे राख, पटना HC ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा - PATNA HIGH COURT

18 सितंबर को नवादा में हुए अग्निकांड मामले में पटना उच्च न्यायालय ने सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया. आगे पढ़ें पूरी खबर.

PATNA HIGH COURT
पटना हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 6, 2024, 3:19 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट ने नवादा में हुई अगलगी की घटना पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया. नवादा की इस घटना में दलितों के 80 घरों को जला दिया गया था. इस मामले में उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इसपर सुनवाई की थी. चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सुनवाई की गई. इस मामले में खंडपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था.

24 लोगों की हुई गिरफ्तारी : सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता पी के शाही ने बताया था कि घटना के बाद तुरंत कार्रवाई की गई. 24 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. पुनर्वास, भोजन-पानी समेत अन्य राहत सामग्रियों की भी व्यवस्था की गई. यहां तक स्कूल की भी व्यवस्था की गई.

NAWADA FIRE INCIDENT
18 सितंबर को धू-धूकर जला था नवादा (Etv Bharat)

जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद : इस घटना के पीछे मूल रूप से जिला न्यायालय द्वारा 29 मई 2024 को पारित आदेश के बाद कमिशन नियुक्त किये जाने के उपरांत, दो पक्षों के बीच जमीन के मालिकाना हक को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा होना है. राज्य सरकार के अधिवक्ता अमिश कुमार ने बताया था कि सरकार की ओर से कोर्ट में जवाब दायर किया जा चुका है.

18 सितंबर को धू-धूकर जला था नवादा : बता दें कि इसी वर्ष 18 सितंबर को नवादा में मांझी टोला दलित बस्ती को आग के हवाले कर दिया गया था. जिसमें 80 घर जलकर राख हो गए थे. मामले में मुख्य आरोपी नंदू पासवान समेत कुल 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

विपक्ष ने जोर-शोर से उठाया मुद्दा : इस घटना के बाद पटना से लेकर दिल्ली तक खूब सियासत हुई थी. विपक्षी नेताओं ने इसके लिए बिहार सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि इस घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत एक्शन भी लिया था.

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'नवादा में सरकार राहत शिविर नहीं गौशाला बनाई है, ये दलितों के साथ अन्याय है', कांग्रेस नेता के राजू का आरोप

पटना : पटना हाईकोर्ट ने नवादा में हुई अगलगी की घटना पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया. नवादा की इस घटना में दलितों के 80 घरों को जला दिया गया था. इस मामले में उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इसपर सुनवाई की थी. चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सुनवाई की गई. इस मामले में खंडपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था.

24 लोगों की हुई गिरफ्तारी : सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता पी के शाही ने बताया था कि घटना के बाद तुरंत कार्रवाई की गई. 24 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. पुनर्वास, भोजन-पानी समेत अन्य राहत सामग्रियों की भी व्यवस्था की गई. यहां तक स्कूल की भी व्यवस्था की गई.

NAWADA FIRE INCIDENT
18 सितंबर को धू-धूकर जला था नवादा (Etv Bharat)

जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद : इस घटना के पीछे मूल रूप से जिला न्यायालय द्वारा 29 मई 2024 को पारित आदेश के बाद कमिशन नियुक्त किये जाने के उपरांत, दो पक्षों के बीच जमीन के मालिकाना हक को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा होना है. राज्य सरकार के अधिवक्ता अमिश कुमार ने बताया था कि सरकार की ओर से कोर्ट में जवाब दायर किया जा चुका है.

18 सितंबर को धू-धूकर जला था नवादा : बता दें कि इसी वर्ष 18 सितंबर को नवादा में मांझी टोला दलित बस्ती को आग के हवाले कर दिया गया था. जिसमें 80 घर जलकर राख हो गए थे. मामले में मुख्य आरोपी नंदू पासवान समेत कुल 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

विपक्ष ने जोर-शोर से उठाया मुद्दा : इस घटना के बाद पटना से लेकर दिल्ली तक खूब सियासत हुई थी. विपक्षी नेताओं ने इसके लिए बिहार सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि इस घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत एक्शन भी लिया था.

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