पटना : पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. चोरी की स्कॉर्पियो गाड़ी को शराबबंदी कानून के तहत अवैध रूप से जब्त करने के मामले में राज्य सरकार के दोषी अधिकारियों पर 11 लाख का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जुर्माने की राशि दोषी अधिकारियों की जेब से वसूल कर याचिकाकर्ता को दी जाएगी.
गाड़ी चोरी हुई, फिर शराब मामले में जब्त : जस्टिस पीबी बजनथ्री एवं जस्टिस एसबीपी सिंह की खंडपीठ ने सद्दाम हुसैन की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. अधिवक्ता कुमार हर्षवर्धन ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता की स्कॉर्पियो गाड़ी दिनांक 9 जून 2022 को बिहटा स्थित उसके ससुराल से चोरी हो गई थी. याचिकाकर्ता ने इसकी शिकायत बिहटा थाना कांड सं. 566/22 के तहत दर्ज करवाई थी.
थानाध्यक्ष के भांजे को नीलाम किया : दिनांक 28 जून 2022 को गोपालगंज के भोरे थाने ने इस स्कॉर्पियो गाड़ी को शराबबंदी कानून के तहत जब्त कर भोरे थाना कांड संख्या 301/22 दर्ज कर लिया. कोर्ट को बताया गया कि अधिकारियों की मिलीभगत से उक्त गाड़ी को 3.10 लाख में भोरे थाना के थानाध्यक्ष के भांजे को नीलाम कर दिया गया है.
अधिकारियों से राशि वसूल करने का निर्देश : कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि गाड़ी जब्त करने वाले अधिकारी ने बगैर सत्यापन किए हुए कि गाड़ी चोरी की भी हो सकती है, कैसे दूसरा मामला दर्ज कर लिया? कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नीलामी में सरकार द्वारा वसूली गई करीब तीन लाख की राशि एवं शेष सात लाख की राशि दोषी अधिकारियों से वसूल कर याचिकाकर्ता को दी जाएगी.
बिहार में शराबबंदी : बता दें कि बिहार में साल 2016 से पूर्ण शराबबंदी है. बावजूद इसके लगातार शराब की अवैध तस्करी होती है. इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जाता है. हालांकि कई बार पुलिस की गतिविधि पर भी सवाल उठते रहे हैं.
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