पटना: पटना हाईकोर्ट ने पटना विश्वविद्यालय के पटना आर्ट एवं क्राफ्ट कॉलेज के एक चपरासी की मृत्यु के तीन दशकों के बाद भी उसके रिटायरमेंट के राशि का भुगतान नहीं होने के मामले पर सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पीबी बजनथ्री की खंडपीठ के सामने बकाए का भुगतान करने की अंडरटेकिंग देने के छह साल बीत जाने के बाद भी एक रुपए नहीं देने पर सख्त रुख अपनाया. कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अफसरों पर 2 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: कोर्ट ने श्याम सुंदरी देवी की अवमानना अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. कोर्ट ने सरकार को यह भी निर्देश दिया की उक्त बकाए राशि के भुगतान में हुई देरी के लिए जिम्मेदार अफसरों को चिह्नित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए. ये अगले छह महीने में पूरी हो जानी चाहिए. कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया कि जिम्मेदार लोगों अफसरों से हर्जाने की राशि वसूल की जाएगी.
कोर्ट ने भुगतान का दिया आदेश: कोर्ट ने राज्य सरकार को चार हफ्ते के अंदर हर्जाने की रकम के साथ याचिकाकर्ता को उसके मृतक पिता की सेवांत लाभ की सभी बकाए राशि का भुगतान करने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता के पिता गुलाब चंद्र राम की मृत्यु सेवारत रहते मई 1994 में हुई थी. अक्टूबर 2017 में तत्कालीन उच्च शिक्षा निदेशक को कोर्ट ने गुलाब की सेवा से जुड़ी तमाम दस्तावेजों को देख कर उसके सेवांत लाभ व अन्य बकाए राशि का चिह्नित करने का भी आदेश दिया था.
तीन हफ्ते के भीतर राशि का करे भुगतान: 2018 में खुद निदेशक ने कोर्ट के समक्ष अंडरटेकिंग दिया था कि अगले तीन हफ्ते में सभी बकाए राशि का भुगतान मृतक के आश्रित बेटियों को कर दिया जाएगा लेकिन छह वर्ष बीत गए एक रुपए का भुगतान नहीं हुआ.
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