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पटना हाईकोर्ट में सरकारी-निजी लॉ कॉलेजों की दयनीय स्थिति पर सुनवाई, BCI से 26 सितंबर को मांगी निरीक्षण रिपोर्ट - Patna High Court

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

bihar law college बिहार के सरकारी एवं निजी लॉ कॉलेजों की स्थिति दयनीय है. अधिकांश कॉलेज बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते हैं. यह आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की गयी थी. आज इस मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. पढ़ें, विस्तार से.

Patna High Court
पटना हाईकोर्ट (ETV Bharat)

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने बुधवार 25 सितंबर को राज्य के सभी सरकारी और निजी लॉ कालेजों की दयनीय हालात पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को लॉ कालेजों की लंबित निरीक्षण रिपोर्ट को कल यानी कि गुरुवार को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इसलिए इस मामले पर अब 26 सितम्बर को सुनवाई की जाएगी.

बीसीआई से मांगा था ब्योराः पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सभी लॉ कालेजों के सम्बन्ध में बीसीआई को विस्तृत ब्योरा देने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने लॉ कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का भी ब्योरा बार काउंसिल ऑफ इंडिया को देने का निर्देश दिया था. इन लॉ कालेजों के प्रिंसिपलों की शैक्षणिक योग्यता का ब्योरा देने का भी निर्देश दिया गया था. कोर्ट ने जानना चाहा था कि क्या ये लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा लॉ की पढ़ाई के लिए निर्धारित मानको को पूरा कर रहे हैं. वहां क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं.

क्या है मामलाः याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि बहुत सारे लॉ कॉलेज, बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करने के बाद भी चल रहे हैं. उन्होंने बताया था कि इन लॉ कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षक भी बीसीआई द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता नहीं रखते हैं. पीएचडी की डिग्री उन शिक्षकों के लिए आवश्यक है, लेकिन इन लॉ कालेजों में इनका पालन नहीं किया जा रहा है.

कोर्ट ने जताया था अचरजः कोर्ट ने जानना चाहा था कि बगैर बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा किये बहुत से लॉ कालेजों में छात्रों का एडमिशन कैसे लिया जा रहा है. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगर कोई लॉ कालेज बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है, तभी छात्रों का एडमिशन होना चाहिए. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि कोई लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है, उन कालेजों में ही लॉ की पढ़ाई होनी चाहिए.

इसे भी पढ़ेंः कॉलेज कैंपस में नष्ट किया था शराब, अब जुर्माना देना होगा 1 लाख - Patna High Court

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने बुधवार 25 सितंबर को राज्य के सभी सरकारी और निजी लॉ कालेजों की दयनीय हालात पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को लॉ कालेजों की लंबित निरीक्षण रिपोर्ट को कल यानी कि गुरुवार को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इसलिए इस मामले पर अब 26 सितम्बर को सुनवाई की जाएगी.

बीसीआई से मांगा था ब्योराः पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सभी लॉ कालेजों के सम्बन्ध में बीसीआई को विस्तृत ब्योरा देने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने लॉ कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का भी ब्योरा बार काउंसिल ऑफ इंडिया को देने का निर्देश दिया था. इन लॉ कालेजों के प्रिंसिपलों की शैक्षणिक योग्यता का ब्योरा देने का भी निर्देश दिया गया था. कोर्ट ने जानना चाहा था कि क्या ये लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा लॉ की पढ़ाई के लिए निर्धारित मानको को पूरा कर रहे हैं. वहां क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं.

क्या है मामलाः याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि बहुत सारे लॉ कॉलेज, बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करने के बाद भी चल रहे हैं. उन्होंने बताया था कि इन लॉ कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षक भी बीसीआई द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता नहीं रखते हैं. पीएचडी की डिग्री उन शिक्षकों के लिए आवश्यक है, लेकिन इन लॉ कालेजों में इनका पालन नहीं किया जा रहा है.

कोर्ट ने जताया था अचरजः कोर्ट ने जानना चाहा था कि बगैर बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा किये बहुत से लॉ कालेजों में छात्रों का एडमिशन कैसे लिया जा रहा है. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगर कोई लॉ कालेज बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है, तभी छात्रों का एडमिशन होना चाहिए. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि कोई लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है, उन कालेजों में ही लॉ की पढ़ाई होनी चाहिए.

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