पटनाः पटना हाई कोर्ट ने पुलिस द्वारा अभियुक्तों को सीआरपीसी की धारा 41 ए का लाभ नहीं दिये जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. शुक्रवार को जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने विभिन्न अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य की पुलिस सुप्रीम कोर्ट एवं पटना हाई कोर्ट द्वारा पारित फैसलों की कोई परवाह नहीं करती है.
आवमानना की कार्रवाई की चेतावनीः उन्होंने कोर्ट में मौजूद लगभग आधा दर्जन जिलों के एसपी से कहा कि सात साल से कम सजा वाले मामलों में जब पुलिस को जमानत देने का अधिकार है, तो पुलिस ऐसा क्यों नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस के ऐसे रवैये से अदालत पर बोझ बढ़ता जा रहा है. यदि पुलिस सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेशों का सही ढंग से पालन नहीं करेगी, तो अवमानना की कार्रवाई की जा सकेगी.
गिरफ्तारी जरूरी है या नहीं, देखे पुलिसः कोर्ट ने कहा कि पुलिस केवल शराब के मामलों में आरोपित को पकड़ने में लगी है, जैसे वह कोई कुख्यात अपराधी है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस को यह देखना चाहिए कि आरोपित की गिरफ्तारी जरूरी है या नहीं. यदि आरोपित का व्यवहार कानूनी प्रक्रिया के प्रतिकूल है, तो वह आरोपित को गिरफ्तार करे.
क्या है सीआरपीसी की धारा 41(A): Criminal Procedure Code, Section 41A का उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति के खिलाफ गैर-गंभीर अपराध का संदेह होता है और उसकी गिरफ्तारी आवश्यक नहीं होती है. इस धारा के तहत, पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को नोटिस भेज सकते हैं, जिसमें उसे पुलिस स्टेशन में उपस्थित होने के लिए कहा जाता है. नोटिस में व्यक्ति को अपराध से संबंधित जांच में सहयोग करने के लिए कहा जाता है, लेकिन उसे तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जाता है.