पटना : पटना हाई कोर्ट ने एपीओ की परीक्षा में सही उत्तर देने के बावजूद अंक नहीं देने के मामले में बीपीएससी से जवाब तलब किया है. जस्टिस डा. अंशुमान ने आवेदिका हुमा प्रवीण की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट को बताया गया कि बीपीएससी ने 553 एपीओ बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था. आवेदिका हुमा प्रवीण ने इस पद के लिए आवेदन किया.
19 दिसम्बर को अंक पत्र जारी किया गया : कोर्ट को बताया गया कि लिखित परीक्षा और साक्षात्कार देने के बाद बीपीएससी ने गत वर्ष 19 दिसम्बर को अंक पत्र जारी किया. इसके अनुसार आवेदिका ने 407 अंक प्राप्त किया. उनका कहना था कि 100 अंक के सामान्य अध्ययन में उसे 69 अंक दिया गया, जबकि उसके अनुसार 73 अंक आना चाहिए था.
एक नंबर से पास नहीं हो पायी : उनका कहना था कि बीपीएससी ने कटऑफ 408 अंक जारी किया. मात्र एक अंक से उसे असफल घोषित कर दिया गया. आवेदिका ने आयोग के अध्यक्ष को विस्तृत अभ्यावेदन देकर उसके उत्तर पुस्तिका की समीक्षा करने की गुहार लगाई. लेकिन आयोग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद आवेदिका ने सूचना के अधिकार कानून के तहत उतर पुस्तिका की मांग की.
गलत मार्किंग का आरोप : आयोग की ओर से दी गई उतर पुस्तिका में प्रश्न संख्या 6एफ, 10ए, 14डी और 14ई का कोई अंक नहीं दिया गया है. यही नहीं प्रश्न संख्या 2 का सही जबाब दिये जाने के बावजूद आयोग ने एक अंक दिया है, जबकि उसे 2 अंक मिलना चाहिए था. इस प्रकार उसे 413 अंक मिलना चाहिए था, जो कटऑफ से 6 अंक ज्यादा है. आयोग के गलत मार्किंग के कारण वह एपीओ पद पर सफल होने के बजाय असफल हो गई.
चार सप्ताह बाद सुनवाई : डॉ अंशुमान ने आवेदिका के वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा की ओर से पेश दलील को सुनने के बाद आयोग को चार सप्ताह के भीतर जबाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया. इस मामलें पर फिर चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी.
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