पटनाः रखरखाव के अभाव में बिहार में हर साल लाखों टन अनाज बर्बाद हो जाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. दरअसल राज्य के सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने दावा किया है कि बिहार में किसानों के अनाज के भंडारण को लेकर जो दिक्कतें हो रही थीं उसको देखते हुए सहकारिता विभाग ने सभी जिलों में गोदाम बनाने का निर्णय लिया है.
'6 महीने में तैयार होंगे गोदामः' सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि सभी जिलों में गोदाम बनाने के लिए सरकार ने 100 करोड़ 21 लाख रुपये पैक्स को जारी किए हैं और ये गोदाम 6 महीने के अंदर तैयार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि बिहार में किसानों के कल्याण को लेकर पैक्स लगातार काम कर रहा है.
"बिहार के सभी पैक्स में कृषि से जुड़े हुए यंत्र बैंक खोले गये हैं. जिसका फायदा सभी जिलों में किसानों को हो रहा है. पैक्स के माध्यम से किसान भी दुकान को खोल सकते हैं, इसकी भी व्यवस्था की गई है. पैक्स के माध्यम से सरकार लघु और सीमांत किसानों को 15 लाख रुपए का ऋण देती है जिसमें 50% सब्सिडी भी दी जाती है. इससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है"- प्रेम कुमार, सहकारिता मंत्री
'120 पैक्स में खोले जाएंगे कॉमन सर्विस सेंटर': प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में 120 पैक्स में कॉमन सर्विस सेंटर भी खोले जायेंगे जिससे पैक्स में जो लेनदेन होगा वो ज्यादा पारदर्शी होगा. इन सर्विस सेंटर से किसान रेलवे टिकट, हवाई टिकट सहित कई दूसरी तरह की सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं.
"हमारा उद्देश्य है कि बिहार में जितने भी पैक्स हैं उसके माध्यम से किसानों को अधिक से अधिक फायदा पहुंचाया जाए और इसको लेकर सरकार लगातार काम कर रही है. महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर संयुक्त देयता समूह बनाया गया है,महिलाओं को बैंक के माध्यम से ऋण भी दिए जा रहे हैं. इससे महिलाओं को आर्थिक बल मिल रहा है."- प्रेम कुमार, सहकारिता मंत्री
गोदामों के निर्माण से रुकेगी अनाजों की बर्बादीः बिहार में अनाजों के भंडारण की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान अपने उत्पाद औने-पौने दाम पर बेचने पर मजबूर तो होते ही हैं, लाखों टन अनाज हर साल बर्बाद भी होता है. बिहार के 12 जिले ऐसे हैं जहां कोल्ड स्टोरेज ही नहीं हैं. बिहार जैसे राज्य की कोल्ड स्टोरेज क्षमता जहां सिर्फ 22.51 लाख मीट्रिक टन है वहीं पंजाब की स्टोरेज क्षमता 233.99 लाख मीट्रिक टन है.ऐसे में बिहार में बड़े पैमाने पर गोदामों की आवश्यकता है. मंत्रीजी की घोषणा के अनुरूप गोदाम बनते हैं तो इससे अनाजों की बर्बादी निश्चित तौर पर रुकेगी.