रांचीः कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पीजी सेकेंड ईयर की छात्रा की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या की वजह से पूरे देश में चिकित्सा जगत से जुड़े लोग बेहद दुखी और आक्रोशित हैं. सुरक्षा की मांग को लेकर राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने भी कार्य बहिष्कार कर दिया है. इसका सीधा असर ओपीडी सेवा पर दिखा. ओटी सेवा भी प्रभावित हुई. हड़ताल की जानकारी नहीं मिलने के कारण ओपीडी में चेकअप कराने दूर दराज से आए मरीजों को खाली हाथ लौटना पड़ा.
हजारीबाग रोड से आंख का ऑपरेशन कराने आए अर्जुन राम पांडेय ने अपनी तकलीफ साझा की. उन्होंने कहा कि आज रिम्स में उनकी आंख का ऑपरेशन होना था. रिम्स आने पर जांच में उनका शुगर लेवल ज्यादा पाया गया. आज उन्हें दोबारा ब्लड जांच कराना था. लेकिन जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से उनकी जांच नहीं हो पाई. उन्होंने बताया कि पिछले दस दिन से परेशान हैं. कहा कि डॉक्टर जबतक दवा नहीं लिखेंगे, तब तक शूगर लेवल कैसे कंट्रोल होगा. आलोक कुमार दास अपनी बच्ची का इलाज कराने रिम्स पहुंचे थे. यहां आकर उन्हें पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं. उन्होंने कहा कि बच्ची के पेट में दर्द है. इलाज कराना भी जरुरी है. अब मजबूरी में प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ेगा. इसमें ज्यादा पैसे खर्च होंगे.
लातेहार के चंदवा से आए मो.युसूफ खान ने अपनी तकलीफ साझा की. उन्होंने कहा कि इतना दूर से आना पड़ता है. पेशाब जांच कराने के लिए दो मिनट लेट होने पर नर्स ने लौटा दिया था. दोबारा आना पड़ा. लेकिन यहां आकर पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं. बीमारी को टाला भी नहीं जा सकता है. अब मजबूर होकर प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ेगा. इसमें पैसे खर्च होंगे. हड़ताल की वजह से दूसरे जिलों से आए कई मरीज रिम्स के कॉरिडोर में डेरा जमाने को मजबूर हैं. ओटी प्रभावित होने की वजह से भी कई मरीजों को लौटना पड़ा है. हालांकि, जूनियर डॉक्टर्स इमरजेंसी सेवा से जुड़े हुए हैं. इससे आपात स्थिति वाले मरीजों को राहत है.
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