नई दिल्ली/नोएडा: किसानों के धरना प्रदर्शन के चलते पुलिस ने जगह जगह बैरिकेडिंग की है, ताकि किसान दिल्ली कूच न कर सकें. लेकिन, इन्हीं बैरिकेडिंग के चलते गौतम बुद्ध नगर में जाम की स्थिति भी बन रही है. इससे सबसे ज्यादा परेशानी उन मरीजों को हो रही, जिनकी एंबुलेंस जाम में फंस जा रही है. इसके चलते वह समय पर अपने गंतव्य न पहुंच पाने के साथ, कई अन्य समस्याओं का भी सामना कर रहे हैं. इस बारे में ईटीवी भारत ने एंबुलेंस चालकों से बात कर परेशानी को जाना.
20 मिनट की दूरी दो घंटे में: इस बारे में एंबुलेंस चालक राहुल ने बाताया कि जाम के चलते कई बार जो दूरी 20 मिनट में तय की जा सकती है, उसे तय करने में एक और कभी-कभी दो घंटे भी लग जाते हैं. वहीं गाड़ी में बैठे मरीज हमारे ऊपर रास्तों को जल्दी तय करने का दबाव बनाते हैं. अगर जाम न लगे, तो मरीज को समय से हॉस्पिटल पहुंचाया जा सकता है. वहीं कई बार जाम के कारण मरीज तक पहुंचने में भी काफी समय लग जाता है.
घूमकर जाने से होती है देरी: उनके अलावा अजीत सिंह नामक एंबुलेंस चालक ने कहा कि जाम के कारण हमें साइट नहीं मिल पाती है. लोग अपनी गाड़ी को निकालने के बारे में पहले सोचते हैं. जाम के कारण कई बार गंतव्य तक पहुंचने में देरी होती है, तो कभी दूसरे रास्तों से घूमकर जाना पड़ता है. इससे मरीज और हमें दोनों को ही दिक्कत आती है. जाम लगा होने के कारण इंतजार के अलावा ज्यादा कुछ किया भी नहीं जा सकता.
इन मरीजों की जान पर खतरा: वहीं एक अन्य एंबुलेंस चालक यतेंद्र कुमार ने बताया, जाम में फंसने के कारण कई बार एंबुलेंस में मौजूद परिवार परेशान हो जाता है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मरीज को समय से लेकर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं. इतना ही नहीं, गंभीर मरीजों के मामले में एंबुलेंस में मौजूद ऑक्सीजन भी खत्म होने का भी डर बना रहता है, जिससे मरीज की जान को खतरा रहता है.
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