बिलासपुर: शहर के सिम्स अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा है. शनिवार को सिम्स अस्पताल बिलासपुर में पर्ची कटवाने लाइन में लगे एक व्यक्ति की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि जांच और उपचार से पहले वह बार-बार पर्ची कटवाने के चक्कर मे भटकता रहा. इस दौरान वह एमआरडी हाल के लाइन में खड़ा था. तभी अचानक उसकी मौत हो गई.
इलाज के लिए पर्ची बनवाने भटकता रहा मरीज : परिजनों के मुताबिक, तालापारा निवासी मोहम्मद शमशाद हुसैन (53 साल) को सीने मे दर्द और जलन हो रही थी. वह अपने बेटे के साथ ऑटो चलाते हुए सुबह करीबन 7 बजे सिम्स के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे. वहां डॉक्टरों से शमशाद ने अपनी समस्या बताई तो उन्हें ओपीडी पर्ची बनवाने एमआरडी हॉल भेजा गया. जहां लाइन में लगकर 10 रूपये की पर्ची कटाई और डॉक्टर के पास पहुंचे. तब डॉक्टर ने उसे दूसरी मंजिल में मेडिसिन ओपीडी के डॉक्टर के पास भेजा. वहां पर डॉक्टर ने ईसीजी करने के लिए फिर 50 रुपए की पर्ची बनवाने दोबारा एमआरडी हॉल भेज दिया.
पर्ची बनवाने लाइन में लगे रहने के दौरान मौत का आरोप : परिजनों के आरोप के मुताबिक, शमशाद हुसैन सुबह 9 बजे पर्ची बनवाने फिर से लाइन में लगा. तभी करीब 9:16 बजे उसके सीने में जलन हुई. बाजू में बैठे उसके बेटे ने उन्हें चेयर पर बिठाकर खुद लाइन में लग गया. इसी बीच देखते ही देखते शमशाद बदहवाश हो गया. वहां मौजूद गार्ड ने फौरन उसे व्हील चेयर पर बिठाकर डॉक्टरों के पास गए. डॉक्टर हार्ट अटैक की बात कहते हुए उसे अन्दर ले गए और फिर दिए 4 मिनट बाद उसे मृत घोषित कर दिया.
"बीपी और पल्स जांच करने के बजाय डाक्टरों ने बिना देखे हमें सीधा 10 की पर्ची कटवाने भेज दिया. ओपीडी के डॉक्टर ने भी कहा दिया कि ईसीजी रिपोर्ट आएगी तो दवा लिख दूंगा. जांच से पहले 50 वाली पर्ची कटवाने आए थे. लेकिन अब्बू इसी दौरान लाइन में लगे लगे गिर गए और हमें छोड़कर चले गए." - मृतक के परिजन
लापरवाही के आरोपों पर प्रबंधन ने क्या कहा ? : मामले में सिम्स अस्पताल बिलासपुर के पीआरओ एआर बेन का कहना है कि अस्पताल के स्टाफ ने ही मरीज की हालत खराब देख काउंटर के पास से फौरन डॉक्टरों के पास पहुंचाया. वहां मौजूद डॉक्टरों को सीवियर अटैक की वजह से अधिक समय नहीं मिला. डॉक्टरों ने मरीज को प्राथमिक उपचार के तहत सीपीआर भी दिया, लेकिन उसकी जान नहीं बचा सके.
"अस्पताल आने वाले सभी मरीज को पर्ची बनवानी पड़ती है. चाहे वह गंभीर हो या सामान्य. उन्हें एमआरडी हॉल में लाइन लगाना पड़ता है. फिलहाल मरीज की मौत की घटना के बारे में ड्यूटीरत डॉक्टरों और कर्मचारियों से पूछताछ कर मामले की जांच की जा रही है." - एआर बेन, पीआरओ, सिम्स अस्पताल बिलासपुर
मृतक के परिजनों के आरोपों को सिम्स अस्पताल बिलासपुर के पीआरओ एआर बेन ने खारिज किया है. उनका कहना है कि डॉक्टरों से जो कुछ भी करते बना, उन्होंने किया. लेकिन मरीज की जान नहीं बचाई जा सकी. पीआरओ एआर बेन ने बार बार पर्ची बनवाने के आरोप को इलाज के लिए अस्पताल की प्रक्रिया बताया है. उन्होंने मरीज की मौत को लेकर डॉक्टरों और कर्मचारियों से पूछताछ कर घटना की जांच करने की बात भी कही है. फिलहाल इस घटना से सिम्स अस्पताल बिलासपुर में इलाज की प्रक्रिया और डॉक्टरों की भूमिका सवालों के घेरे में है.