ETV Bharat / state

धनबाद एसएनएमएमसीएच की लिफ्ट में फंसे मरीज, किसी ने नहीं सुनी पुकार, ईटीवी भारत की पहल पर हुआ रेस्क्यू - Trapped in lift - TRAPPED IN LIFT

Patient and relatives trapped in lift of SNMMCH. ईटीवी भारत सिर्फ खबरें ही नहीं देता बल्कि समय आने पर अपने सामाजिक दायित्व और कर्तव्यों का निर्वहन भी करता है. धनबाद के एसएनएमएमसीएच में ऐसा ही कुछ हुआ, जिसके बाद ईटीवी भारत के स्थानीय संवाददाता की पहल पर दो लोगों की जान बच सकी.

Patient and relatives trapped in lift of SNMMCH hospital in Dhanbad
डिजाइन इमेज (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 22, 2024, 7:15 PM IST

धनबादः जिला के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SNMMCH), जहां धनबाद ही नहीं बल्कि जामताड़ा, गिरिडीह व अन्य जिला के मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. लेकिन अस्पताल की व्यवस्था को लेकर हमेशा सवाल उठते रहें हैं. ताजा मामले की बात करें तो गुरुवार दोपहर एक मरीज और उनके परिजन लिफ्ट में करीब 45 मिनट तक फंसे रहे.

ईटीवी भारत संवाददाता की पहल पर बची दो जिंदगी (ETV Bharat)

झरिया के अलकडीहा ओपी क्षेत्र के जिनागोरा माड़ी गोदाम के रहने वाले अशोक साव अपने 35 वर्षीय छोटे भाई का इलाज के लिए 14 अगस्त को SNMMCH में भर्ती कराया था. उनके भाई अनूप को किडनी में शिकायत है. डॉक्टर द्वारा उसे डायलिसिस के लिए लिखा गया था. गुरुवार को वह नीचे स्थित मेल मेडिकल वार्ड से निकलकर लिफ्ट के जरिए ऊपरी तल्ले पर जाने के लिए अंदर गए, लिफ्ट का गेट बंद होते ही बिजली चली गई और वे अंदर ही फंस गये. इसके बाद वे दोनों घबराकर काफी शोर मचाने लगे लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुना.

करीब 40 मिनट तक लिफ्ट के अंदर फंसे रहने के बाद उनको ख्याल आया कि उनके फोन में ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र कुमार निषाद का नंबर मौजूद है और बिना देरी के उन्होंने संवाददाता को फोन कर घटना की जानकारी दी. ईटीवी भारत संवाददाता के द्वारा फौरन घटना की जानकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ ज्योति रंजन को दी गई. अधीक्षक ने आनन फानन में अपने स्टाफ को भेजकर दोनों को बहार निकलवाया. जिसके बाद उसे डायलिसस वार्ड ले जाया गया. मरीज अनूप साव के भाई अशोक साव ने कहा कि अगर समय रहते हमें बाहर निकाला गया होता तो किसी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता था. ईटीवी भारत की पहल को उन्होंने काफी सराहना की. साथ ही ईटीवी भारत की पूरी टीम को भी धन्यवाद दिया है.

इस घटना को लेकर SNMMCH के अधीक्षक डॉ. ज्योति रंजन ने कहा कि ईटीवी भारत संवाददाता द्वारा दी गई सूचना के बाद फौरन स्टाफ को भेजा गया, जिसके बाद मरीज और उसके परिजन को बाहर निकाल लिया गया. उन्होंने कहा कि बिजली चले जाने के कारण यह घटना घटी है. बिजली नहीं रहने पर जेनरेटर की व्यवस्था है, लिफ्ट की व्यवस्था सुचारू रहे, इसके लिए एक स्टाफ नियुक्त है लेकिन स्टाफ जेनरेटर का डीजल लाने के लिए चला गया था, जिस कारण यह घटना घटी है. अधीक्षक ने कहा कि लिफ्ट के लिए नियुक्त स्टाफ अगर कहीं जाता है तो वह अपनी जिम्मेदारी किसी दूसरे स्टाफ को देकर जाने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटना ना हो.

इसे भी पढे़ं- पाकुड़ रेलवे स्टेशन की लिफ्ट में चिल्लाता रहा छात्र लेकिन नहीं था कोई सुनने वाला ... और फिर! - Student stuck in lift

इसे भी पढ़ें- 'कोने में किया पेशाब, होंठ चाटकर मिटाई भूख-प्यास', जानें कैसे 42 घंटे लिफ्ट में फंसे रहे मरीज ने बचाई जान? - Kerala Man Stuck In Lift

इसे भी पढ़ें- लिफ्ट में घुसते ही तीसरी मंजिल से ग्राउंड फ्लोर पर जा गिरा शख्स, घटनास्थल पर ही व्यवसायी की मौत - Lift Accident

धनबादः जिला के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SNMMCH), जहां धनबाद ही नहीं बल्कि जामताड़ा, गिरिडीह व अन्य जिला के मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. लेकिन अस्पताल की व्यवस्था को लेकर हमेशा सवाल उठते रहें हैं. ताजा मामले की बात करें तो गुरुवार दोपहर एक मरीज और उनके परिजन लिफ्ट में करीब 45 मिनट तक फंसे रहे.

ईटीवी भारत संवाददाता की पहल पर बची दो जिंदगी (ETV Bharat)

झरिया के अलकडीहा ओपी क्षेत्र के जिनागोरा माड़ी गोदाम के रहने वाले अशोक साव अपने 35 वर्षीय छोटे भाई का इलाज के लिए 14 अगस्त को SNMMCH में भर्ती कराया था. उनके भाई अनूप को किडनी में शिकायत है. डॉक्टर द्वारा उसे डायलिसिस के लिए लिखा गया था. गुरुवार को वह नीचे स्थित मेल मेडिकल वार्ड से निकलकर लिफ्ट के जरिए ऊपरी तल्ले पर जाने के लिए अंदर गए, लिफ्ट का गेट बंद होते ही बिजली चली गई और वे अंदर ही फंस गये. इसके बाद वे दोनों घबराकर काफी शोर मचाने लगे लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुना.

करीब 40 मिनट तक लिफ्ट के अंदर फंसे रहने के बाद उनको ख्याल आया कि उनके फोन में ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र कुमार निषाद का नंबर मौजूद है और बिना देरी के उन्होंने संवाददाता को फोन कर घटना की जानकारी दी. ईटीवी भारत संवाददाता के द्वारा फौरन घटना की जानकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ ज्योति रंजन को दी गई. अधीक्षक ने आनन फानन में अपने स्टाफ को भेजकर दोनों को बहार निकलवाया. जिसके बाद उसे डायलिसस वार्ड ले जाया गया. मरीज अनूप साव के भाई अशोक साव ने कहा कि अगर समय रहते हमें बाहर निकाला गया होता तो किसी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता था. ईटीवी भारत की पहल को उन्होंने काफी सराहना की. साथ ही ईटीवी भारत की पूरी टीम को भी धन्यवाद दिया है.

इस घटना को लेकर SNMMCH के अधीक्षक डॉ. ज्योति रंजन ने कहा कि ईटीवी भारत संवाददाता द्वारा दी गई सूचना के बाद फौरन स्टाफ को भेजा गया, जिसके बाद मरीज और उसके परिजन को बाहर निकाल लिया गया. उन्होंने कहा कि बिजली चले जाने के कारण यह घटना घटी है. बिजली नहीं रहने पर जेनरेटर की व्यवस्था है, लिफ्ट की व्यवस्था सुचारू रहे, इसके लिए एक स्टाफ नियुक्त है लेकिन स्टाफ जेनरेटर का डीजल लाने के लिए चला गया था, जिस कारण यह घटना घटी है. अधीक्षक ने कहा कि लिफ्ट के लिए नियुक्त स्टाफ अगर कहीं जाता है तो वह अपनी जिम्मेदारी किसी दूसरे स्टाफ को देकर जाने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटना ना हो.

इसे भी पढे़ं- पाकुड़ रेलवे स्टेशन की लिफ्ट में चिल्लाता रहा छात्र लेकिन नहीं था कोई सुनने वाला ... और फिर! - Student stuck in lift

इसे भी पढ़ें- 'कोने में किया पेशाब, होंठ चाटकर मिटाई भूख-प्यास', जानें कैसे 42 घंटे लिफ्ट में फंसे रहे मरीज ने बचाई जान? - Kerala Man Stuck In Lift

इसे भी पढ़ें- लिफ्ट में घुसते ही तीसरी मंजिल से ग्राउंड फ्लोर पर जा गिरा शख्स, घटनास्थल पर ही व्यवसायी की मौत - Lift Accident

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.