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टूटी हुई छतें, घास-फूस से ढके घर, ना पीने का पानी ना कोई रोजगार, कोडरमा में कुछ ऐसी है बिरहोर समुदाय के लोगों की हालत

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 10, 2024, 9:22 AM IST

Birhor community people condition in Koderma. कोडरमा के झुमरी तिलैया शहरी क्षेत्र में रहने वाले आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय के लोग बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर हैं, उनकी जिंदगी भगवान भरोसे ही कट रही है. उपायुक्त ने उनके इलाके में बुनियादी सुविधाएं बहाल करने का आश्वासन दिया है.

Birhor community people
Birhor community people
बिरहोर समुदाय के लोगों की हालत

कोडरमा: जिस राज्य की कल्पना आदिम जनजातियों के विभिन्न समुदायों के उत्थान के लिए की गयी थी, वहां आज भी कई आदिम जनजाति समुदाय बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं. उन्हें अपने रोजमर्रा की जिंदगी में काफी संघर्ष करना पड़ता है. कुछ ऐसी ही कहानी कोडरमा के झरनाकुंड स्थित बिरहोर टोले के रहने वाले बिरहोर समुदाय की है.

बिरहोर टोले में रहने वाले आदिवासी बिरहोर समुदाय को लोगों की हालत काफी दयनीय है. टूटी हुई छतें, घास-फूस से ढके घर, तिरपाल से अस्थायी निर्माण, पानी की समस्या, रोजगार का अभाव, यहां के लोग इन सभी समस्याओं का दंश झेल रहे हैं. इन इलाके के बिरहोर परिवारों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, लेकिन उन योजनाओं का लाभ इन बिरहोर परिवारों तक नहीं पहुंच पा रहा है. जिसके कारण यह आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.

शहरी क्षेत्र में मौजूद है बिरहोर टोला

कहने को तो ये इलाका कोडरमा के झुमरी तिलैया नगर परिषद क्षेत्र में आता है, लेकिन इसकी हालत किसी पिछड़े हुए गांव से भी बदत्तर है. यहां की हालत देखकर दुख होता है. ये बिरहोर आज भी पिछड़ी जीवनशैली और समाज की मुख्य धारा से कोसों दूर हैं. यहां रहने वाले लोगों के मुताबिक, आसपास के सक्षम लोगों को सरकारी मकान मिल रहा है, लेकिन उनकी उपेक्षा हो रही है.

उपायुक्त ने दिया मदद का आश्वासन

बुनियादी सुविधाओं से वंचित इस बिरहोर टोले के बिरहोर परिवारों की स्थिति जानने के बाद उपायुक्त मेघा भारद्वाज ने कहा कि जल्द ही इनके इलाके में बुनियादी सुविधाएं बहाल की जाएंगी, लेकिन इस बिरहोर टोला के शहरी क्षेत्र में होने के कारण उनके पास भी कुछ विभागीय मजबूरियां हैं. कोडरमा में आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय के लोग अलग-अलग टोले बनाकर रहते हैं. लेकिन इस शहरी बिरहोर टोले की जो हालत है वह शायद ही कहीं और देखने को मिले.

यह भी पढ़ें: गिरिडीह के बगोदर में बिरहोर समुदाय के सामने लाचारी, भवन के अभाव में बंद स्कूल को बनाया आशियाना

यह भी पढ़ें: कोडरमा में आदिम जनजाति बिरहोर को मुख्यधारा में जोड़ने की कवादय शुरू, जर्जर मकानों का किया जा रहा सर्वे

यह भी पढ़ें: लातेहार में बिरहोर बदहाल स्थिति में, एक साल से नाले का पानी पीने मजबूर

बिरहोर समुदाय के लोगों की हालत

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बिरहोर टोले में रहने वाले आदिवासी बिरहोर समुदाय को लोगों की हालत काफी दयनीय है. टूटी हुई छतें, घास-फूस से ढके घर, तिरपाल से अस्थायी निर्माण, पानी की समस्या, रोजगार का अभाव, यहां के लोग इन सभी समस्याओं का दंश झेल रहे हैं. इन इलाके के बिरहोर परिवारों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, लेकिन उन योजनाओं का लाभ इन बिरहोर परिवारों तक नहीं पहुंच पा रहा है. जिसके कारण यह आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.

शहरी क्षेत्र में मौजूद है बिरहोर टोला

कहने को तो ये इलाका कोडरमा के झुमरी तिलैया नगर परिषद क्षेत्र में आता है, लेकिन इसकी हालत किसी पिछड़े हुए गांव से भी बदत्तर है. यहां की हालत देखकर दुख होता है. ये बिरहोर आज भी पिछड़ी जीवनशैली और समाज की मुख्य धारा से कोसों दूर हैं. यहां रहने वाले लोगों के मुताबिक, आसपास के सक्षम लोगों को सरकारी मकान मिल रहा है, लेकिन उनकी उपेक्षा हो रही है.

उपायुक्त ने दिया मदद का आश्वासन

बुनियादी सुविधाओं से वंचित इस बिरहोर टोले के बिरहोर परिवारों की स्थिति जानने के बाद उपायुक्त मेघा भारद्वाज ने कहा कि जल्द ही इनके इलाके में बुनियादी सुविधाएं बहाल की जाएंगी, लेकिन इस बिरहोर टोला के शहरी क्षेत्र में होने के कारण उनके पास भी कुछ विभागीय मजबूरियां हैं. कोडरमा में आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय के लोग अलग-अलग टोले बनाकर रहते हैं. लेकिन इस शहरी बिरहोर टोले की जो हालत है वह शायद ही कहीं और देखने को मिले.

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