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बिजली मीटरों से छेड़खानी पड़ेगी भारी, अब पश्चिमांचल वितरण निगम ऐसे बिल करेगा जारी - बिजली मीटरों में छेड़खानी

बिजली चोरी रोकने के लिए यूपी के अलग-अलग जोन में मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट (MRI) के माध्यम से बिजली के बिल जारी किए जा रहे हैं. पश्चिमांचल वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) अब ऐसे उपभोक्ताओं के घर या प्रतिष्ठानों पर लगे मीटरों की एमआरआई के माध्यम से बिल तैयार करेगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 17, 2024, 6:27 PM IST

बिजली मीटरों से छेड़खानी पड़ेगी भारी.

मेरठ: यह खबर ऐसे विद्युत उपभोक्ताओं की धड़कनें बढ़ाने वाली है, जिनके विद्युत मीटर के साथ किसी भी तरह की छेड़खानी हुई है या विद्युत चोरी की बात सामने आई है. पश्चिमांचल वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) अब ऐसे उपभोक्ताओं के घर या प्रतिष्ठानों पर लगे मीटरों की एमआरआई के माध्यम से बिल तैयार करेगा. पश्चिमांचल वितरण निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी 14 जिलों में बिजली चोरी रोकने एवं मीटर रीडर पर नजर रखने के लिए एमआरआई (मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट) से मीटर की रीडिंग ली जाएगी. ऐसे उपभोक्ताओं को एमआरआई के जरिए बिलिंग की जाएगी.

बता दें कि PVVNL के दायरे में यूपी वेस्ट के 14 जिले आते हैं. यहां इसकी शुरुआत अब कर दी गई है. इस काम के लिए एक कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है. अब बिजली बिल वसूलने के लिए विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर लगे मीटरों की एमआरआई के जरिए बिलिंग होगी. विभाग के जिम्मेदार मानते हैं कि इससे न सिर्फ बिजली चोरी रुकेगी, बल्कि मीटर रीडरों पर नजर रखने, मीटरों में छेड़छाड़ का पता भी आसानी से चल जाएगा. इस बारे में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी ने सबसे पहले MRI (मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट मशीन) के जरिए ऐसे उपभोक्ताओं की लिस्ट तैयार कराई है, जहां कनेक्शन के सापेक्ष बिल कम आ रहे हैं, जबकि लोड ज्यादा है. इसमें ऐसे उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है जिनके कनेक्शन 5 किलोवाट से लेकर 9 किलोवाट क्षमता के हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता (वितरण ) धीरज सिन्हा ने बताया कि बिजली विभाग में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु राजस्व की प्राप्ति है. जब राजस्व प्राप्त होता है उसी से हम अपने उपभोक्ताओं के लिए बिजली भी खरीदते हैं. ऐसे में लगातार प्रयास किया जा रहे हैं चोरी को रोकने के लिए समय समय पर या असमय रेड भी की जाती हैं. इसमें एक नई पहली यह की गई है कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के दायरे में आने वाले सभी 14 जिलों में ढाई लाख से अधिक विद्युत उपभोक्ता ऐसे हैं जिनका स्वीकृत विद्युत कनेक्शन का भार 5 किलोवाट से 10 किलोवाट के बीच है. इन उपभोक्ताओं की भी समय समय पर बिजली चोरी की शिकायतें प्राप्त होती थीं. इसमें यह निर्णय लिया गया है कि इन सभी विद्युत उपभोक्ताओं का MRI आधारित तरीके से बिलिंग की जाए.

मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट से फायदा : एमआरआई करने पर पिछले एक साल का मीटर का पूरा डाटा रिकवर हो जाता है. इसमें अगर किसी भी प्रकार के मीटर से छेड़छाड़ हुई है या चोरी का प्रयास हुआ है तो उसका मीटर से ही पता चल जाएगा. ऐसे लोगों को चिन्हित करके कार्रवाई की जा सकेगी. विभाग को उम्मीद है कि इस तरह से एक तो उपभोक्ताओं को सही बिल सही समय पर उपलब्ध कराएंगे. इसके साथ ही अगर कोई भी उपभोक्ता अवांछित तरीके से विद्युत ऊर्जा का प्रयोग कर रहे हैं तो ऐसे उपभोक्ताओं पर आवश्यक कार्रवाई भी होगी.

धीरज सिन्हा के मुताबिक, रणनीति यह भी है कि 2 से 4 किलोवाट के उपभोक्ताओं की भी शीघ्र ही एमआरआई आधारित बिलिंग कराई जाएगी. ये कार्य भी निकट भविष्य में हम शुरू कर देंगे. पश्चिमांचल विधुत निगम के उपभोक्ताओं की बात करें तो कुल 73 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं. पांच से 9 किलोवाट की क्षमता वाले कनेक्शन धारकों की संख्या लगभग ढाई लाख है. इस काम के लिए एमआरआई एजेंसी लगाई गई है. मीटर रीडर के साथ एक विभागीय कर्मी तैनात रहेगा. PVVNL की एमडी चैत्रा वी. का कहना है कि उम्मीद है इससे बदलाव आएगा. जहां कहीं भी किसी भी स्तर की समस्या या लापरवाही या गड़बड़ी है वह पकड़ में आएगी और राजस्व भी समय से मिलेगा. इससे आसानी यह होगी कि उन उपभोक्ताओं को भी चिन्हित किया जा सकेगा. जिनके यहां गड़बड़ी है उन पर जुर्माना लगाकर बिल वसूला जाएगा और कार्रवाई भी की जाएगी.

यह भी पढ़ें : सरकार पहली बार लाई खास स्कीम, पर 14 जिलों के कटियाबाजों को समझ नहीं आई, जानिए क्या है माजरा

यह भी पढ़ें : बिजली विभाग "स्मार्ट" का खेल, तीन साल में 7167 ने लगाई छलांग, 4911 हुए पीछे, 8238 नो डिस्प्ले

बिजली मीटरों से छेड़खानी पड़ेगी भारी.

मेरठ: यह खबर ऐसे विद्युत उपभोक्ताओं की धड़कनें बढ़ाने वाली है, जिनके विद्युत मीटर के साथ किसी भी तरह की छेड़खानी हुई है या विद्युत चोरी की बात सामने आई है. पश्चिमांचल वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) अब ऐसे उपभोक्ताओं के घर या प्रतिष्ठानों पर लगे मीटरों की एमआरआई के माध्यम से बिल तैयार करेगा. पश्चिमांचल वितरण निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी 14 जिलों में बिजली चोरी रोकने एवं मीटर रीडर पर नजर रखने के लिए एमआरआई (मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट) से मीटर की रीडिंग ली जाएगी. ऐसे उपभोक्ताओं को एमआरआई के जरिए बिलिंग की जाएगी.

बता दें कि PVVNL के दायरे में यूपी वेस्ट के 14 जिले आते हैं. यहां इसकी शुरुआत अब कर दी गई है. इस काम के लिए एक कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है. अब बिजली बिल वसूलने के लिए विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर लगे मीटरों की एमआरआई के जरिए बिलिंग होगी. विभाग के जिम्मेदार मानते हैं कि इससे न सिर्फ बिजली चोरी रुकेगी, बल्कि मीटर रीडरों पर नजर रखने, मीटरों में छेड़छाड़ का पता भी आसानी से चल जाएगा. इस बारे में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी ने सबसे पहले MRI (मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट मशीन) के जरिए ऐसे उपभोक्ताओं की लिस्ट तैयार कराई है, जहां कनेक्शन के सापेक्ष बिल कम आ रहे हैं, जबकि लोड ज्यादा है. इसमें ऐसे उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है जिनके कनेक्शन 5 किलोवाट से लेकर 9 किलोवाट क्षमता के हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता (वितरण ) धीरज सिन्हा ने बताया कि बिजली विभाग में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु राजस्व की प्राप्ति है. जब राजस्व प्राप्त होता है उसी से हम अपने उपभोक्ताओं के लिए बिजली भी खरीदते हैं. ऐसे में लगातार प्रयास किया जा रहे हैं चोरी को रोकने के लिए समय समय पर या असमय रेड भी की जाती हैं. इसमें एक नई पहली यह की गई है कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के दायरे में आने वाले सभी 14 जिलों में ढाई लाख से अधिक विद्युत उपभोक्ता ऐसे हैं जिनका स्वीकृत विद्युत कनेक्शन का भार 5 किलोवाट से 10 किलोवाट के बीच है. इन उपभोक्ताओं की भी समय समय पर बिजली चोरी की शिकायतें प्राप्त होती थीं. इसमें यह निर्णय लिया गया है कि इन सभी विद्युत उपभोक्ताओं का MRI आधारित तरीके से बिलिंग की जाए.

मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट से फायदा : एमआरआई करने पर पिछले एक साल का मीटर का पूरा डाटा रिकवर हो जाता है. इसमें अगर किसी भी प्रकार के मीटर से छेड़छाड़ हुई है या चोरी का प्रयास हुआ है तो उसका मीटर से ही पता चल जाएगा. ऐसे लोगों को चिन्हित करके कार्रवाई की जा सकेगी. विभाग को उम्मीद है कि इस तरह से एक तो उपभोक्ताओं को सही बिल सही समय पर उपलब्ध कराएंगे. इसके साथ ही अगर कोई भी उपभोक्ता अवांछित तरीके से विद्युत ऊर्जा का प्रयोग कर रहे हैं तो ऐसे उपभोक्ताओं पर आवश्यक कार्रवाई भी होगी.

धीरज सिन्हा के मुताबिक, रणनीति यह भी है कि 2 से 4 किलोवाट के उपभोक्ताओं की भी शीघ्र ही एमआरआई आधारित बिलिंग कराई जाएगी. ये कार्य भी निकट भविष्य में हम शुरू कर देंगे. पश्चिमांचल विधुत निगम के उपभोक्ताओं की बात करें तो कुल 73 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं. पांच से 9 किलोवाट की क्षमता वाले कनेक्शन धारकों की संख्या लगभग ढाई लाख है. इस काम के लिए एमआरआई एजेंसी लगाई गई है. मीटर रीडर के साथ एक विभागीय कर्मी तैनात रहेगा. PVVNL की एमडी चैत्रा वी. का कहना है कि उम्मीद है इससे बदलाव आएगा. जहां कहीं भी किसी भी स्तर की समस्या या लापरवाही या गड़बड़ी है वह पकड़ में आएगी और राजस्व भी समय से मिलेगा. इससे आसानी यह होगी कि उन उपभोक्ताओं को भी चिन्हित किया जा सकेगा. जिनके यहां गड़बड़ी है उन पर जुर्माना लगाकर बिल वसूला जाएगा और कार्रवाई भी की जाएगी.

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