पाकुड़: झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चित सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का जेल से लौटने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया. दुमका पाकुड़ सीमा से सटे गुमामोड़ के निकट सैकड़ों झामुमो कार्यकर्ता, पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता सह लिट्टीपाड़ा प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू ने विधायक प्रतिनिधि का माला पहनाकर एवं बुके देकर स्वागत किया.
सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने गुमामोड़ में स्थापित शहीद सिद्धो कान्हू मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और श्रद्धांजलि अर्पित की. उसके बाद कार्यकताओं से मिले और हालचाल जाना. मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया. विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने कहा कि 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कोई नेता नहीं था. क्योंकि सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम और हम जेल में थे. इस दौरान एक विधायक निर्दलीय खड़े हो गए और दूसरे ने बागी तेवर अपना लिया. लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं ने इच्छाशक्ति और ताकत दिखाई और राजमहल लोकसभा सीट के सभी विधानसभा में लीड दिया और हमारी पार्टी की जीत हुई.
पंकज मिश्रा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति सांसद और विधायक बनता है तो वो सिर्फ कार्यकर्ता के दम पर बनता है. जो भी विधायक और सांसद जनता और कार्यकर्ताओं की अनदेखी करेगा उसके साथ वही हाल होगा जो वर्तमान में हुआ है. वहीं झामुमो केंद्रीय प्रवक्ता सह लिट्टीपाड़ा प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू ने कहा कि पार्टी का जो मेनिफेस्टो है वो तो रहेगा ही, साथ में इस विधानसभा का विकास हमारा मुख्य मुद्दा है. क्योंकि देश में सबसे पिछड़े प्रखंड के रूप में लिट्टीपाड़ा प्रखंड आता है, जो इसी विधानसभा क्षेत्र में है और जीतने के बाद यहां का सम्पूर्ण विकास करेंगे.
दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और व्यवसायी शम्भू नंदन कुमार के बीच साहिबगंज जिले के बरहरवा टोल टैक्स के टेंडर को लेकर विवाद हुआ था. टेंडर के दौरान व्यवसायी शम्भू नंदन कुमार के साथ मारपीट हुई थी. मारपीट के बाद व्यवसायी ने थाने में विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, ग्रामीण विकास मंत्री सह पाकुड़ विधायक आलमगीर आलम एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी बरहरवा थाने में दर्ज कराई थी. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इस मामले को ईडी ने लिया और जांच के दौरान पंकज मिश्रा पर कई गंभीर आरोप लगा.
इस मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस दौरान मंत्री आलमगीर आलम के पीएस के नौकर के घर ईडी ने छापेमारी कर करोड़ों रूपए जब्त किए और जांच के दौरान आलमगीर आलम भी गिरफ्तार हुए. ढाई साल जेल में रहने के बाद उच्च न्यायालय ने जमानत पर पंकज मिश्रा को रिहा किया. जबकि तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम वर्तमान में जेल में हैं.
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