पंचकूला: हरियाणा की भाजपा सरकार अब जल्द ही शहरों में दो मंजिल से अधिक मंजिल वाले आवासीय भवनों में स्टिल्ट पार्किंग अनिवार्य करने की तैयारी में है. लेकिन किसी व्यक्ति द्वारा स्वयं के इस्तेमाल की स्थिति में तीन मंजिल तक के भवनों में स्टिल्ट पार्किंग से छूट दी जाएगी. जबकि चार मंजिला भवनों में स्टिल्ट पार्किंग अनिवार्य होगी. इससे फर्क नहीं पड़ेगा कि इमारत में अलग-अलग फ्लैट बनाए गए हैं या फिर इमारत का मालिकाना हक एक व्यक्ति के पास ही हो.
पार्किंग समस्या के हल के लिए नियमों में बदलाव
प्रदेश सरकार ने अपने इस फैसले को शहरों में बढ़ती ट्रैफिक समस्या के मद्देनजर लागू करने पर जोर दिया है. इसके लिए नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा पहली कड़ी में बिल्डिंग कोड-2017 में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी गई है. साथ ही पूरी कार्यवाही को प्रदेश सरकार के संज्ञान में लाया जा रहा है.
लोगों से मांगे सुझाव और आपत्तियां
नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा अब स्टिल्ट पार्किंग की इस मामले में राज्य के लोगों से एक फरवरी 2025 तक सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं. उक्त समय सीमा तक प्राप्त सुझाव और आपत्तियों के मद्देनजर संबंधित विभाग आगामी कार्यवाही करेगा और फिर मुख्यमंत्री नायब सैनी की मंजूरी मिलने पर नए नियम लागू कर दिए जाएंगे.
मंजूरी से लेकर पॉलिसी और अब सुझाव
प्रदेश सरकार द्वारा स्टिल्ट पार्किंग बनाने की तैयारी से लेकर सुझाव मांगे जाने तक की पूरी कार्यवाही चरणबद्ध तरीके से की गई है.
- चौथी मंजिल निर्माण संबंधी पॉलिसी की मंजूरी वर्ष 2016 में दी गई.
- पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार ने वर्ष 2023 में इसकी शुरूआत की.
- स्टिल्ट पार्किंग समेत 4 मंजिला भवन निर्माण को मंजूरी संबंधी पॉलिसी बनाई गई.
- 2023 में पॉलिसी पर रोक लगी तो ओसी सर्टिफिकेट जारी हुए.
यह है स्टिल्ट पार्किंग
- इमारत में जमीन से ऊपर उठे हुए फ्लोर को स्टिल्ट फ्लोर कहा जाता है.
- इमारत में स्टिल्ट फ्लोर के ऊपर और 4 फ्लोर होते हैं.
- स्टिल्ट फ्लोर का इस्तेमाल पार्किंग या स्टोरेज आदि के लिए किया जाता है.
हाईकोर्ट में विचाराधीन है मामला
हरियाणा सरकार द्वारा स्टिल्ट प्लस चार मंजिला इमारत बनाने संबंधी पॉलिसी को पंचकूला निवासी एवं कारगिल युद्ध के पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी हुई है. हाईकोर्ट इस मामले पर आगामी 22 जनवरी को सुनवाई करेगा. दायर याचिका में आरोप हैं कि पंचकूला और इसके आसपास का क्षेत्र भूकंपीय जोन चार में आता है. लेकिन स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला इमारत संबंधी नीति को मंजूरी देते समय वैज्ञानिक अध्ययन नहीं किया गया.
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