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भारतीय महिला संतों ने कुंभ शाही स्नान को लेकर उठाई ये अनोखी मांग, देखें वीडियो - pari akhada

भारत की महिला संतों के इकलौते परी अखाड़े ने कुंभ के शाही स्नान को लेकर क्या मांग उठाई है, चलिए जानते हैं.

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महिला संतों ने उठाई ये मांग. (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 16, 2024, 9:29 AM IST

Updated : Jul 16, 2024, 9:43 AM IST

महिला संतों ने उठाई ये मांग. (video credit: etv bharat)

प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज में जनवरी 2025 में शुरू होने वाले कुम्भ मेला से पहले परी अखाड़े की तरफ से शाही स्नान का समय दिए जाने की मांग उठानी शुरू कर दी है. महिलाओं के परी अखाड़े की स्थापना करने वाली महिला संत त्रिकाल भवंता ने कहाकि नारियों को सशक्त बनाने के लिए परी अखाड़े को भी अन्य अखाड़ों की तरह ही महिलाओं के अखाड़े को भी शाही स्नान के लिए अलग घाट और समय दिए जाने की मांग उठाई है. अखाड़े का दावा है कि इस बार कुंभ में 25 हजार महिला संत देश भर से भाग लेने पहुंचेंगी.

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महिला संतों ने उठाई ये मांग. (photo credit: etv bharat)
संगम में महिला संत त्रिकाल भवंता ने 2013 के प्रयागराज के कुम्भ मेला से महिलाओं के अखाड़े की स्थापना कर दी थी.2013 से ही उन्होंने परी अखाड़े से जुड़ी महिला संतो के लिए शाही स्नान के साथ ही उन्हें अखाड़े के रूप में मान्यता दिए जाने की आवाज उठायी थी. इसको लेकर उस वक्त अखाड़े और अन्य संतो ने नाराजगी जाहिर की थी.हालांकि उस कुंभ में परी अखाड़े की मांगों पर ज्यादा कुछ नहीं हुआ था. लेकिन उसके बाद हरिद्वार,नासिक और उज्जैन के कुम्भ मेला में परी अखाड़े को सरकार की तरफ से सुविधाएं मिली थी.लेकिन उन्हें अखाड़े के साथ शाही स्नान करने की सुविधा नहीं मिली.परी अखाड़े ने शाही स्नान के लिए उठाई ये मांगपरी अखाड़े की शंकराचार्य कही जाने वाली महिला संत त्रिकाल भवंता 12 सालों से अन्य अखाड़ों की तरह ही कुंभ मेला में सुविधाएं और शाही स्नान के लिए समय की मांग करती आ रही हैं. उनकी मांग मानने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और शासन प्रशासन तैयार नहीं हुआ. अब प्रयागराज में जनवरी 2025 में महा कुम्भ मेला लगने वाला है जिसको लेकर सभी अखाड़ों की अपनी अपनी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसी बीच परी अखाड़ा की तरफ से भी महिला संतो को महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर की पदवी दी जा चुकी है. 2025 के प्रयागराज महाकुम्भ मेला में परी अखाड़ा प्रमुख त्रिकाल भवंता के साथ ही उनकी अखाड़े की महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर ने महिलाओं के एकमात्र अखाड़े परी अखाड़े के शाही स्नान में शामिल होने के लिए आवाज बुलंद करेंगी.





वहीं, परी अखाड़े की संस्थापक संत त्रिकाल भवंता ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर भरोसा जताते हुए प्रयागराज के महाकुम्भ में शाही स्नान में शामिल होने के लिए समय मिलने की उम्मीद जताई है. उनका कहना है कि नारियों को मजबूत करने और सशक्त बनाने की बात करने वाली भाजपा सरकार महिला संतो का सम्मान करेगी और उन्हें आगामी कुम्भ में उनका हक जरूर मिलेगा. यही नहीं त्रिकाल भवंता ने यह भी मांग की है कि इस कुम्भ में उनके अखाड़े की महिला सन्तों को शाही स्नान का समय देने के अलावा उनके लिए अलग घाट की व्यवस्था भी किये जाने की मांग की है.अब देखना ये होगा कि 12 सालों से महिलाओं के अखाड़े के शाही स्नान के समय और घाट की मांग पर क्या फैसला होता है.

25 हजार महिला संतों के आने का दावा
वहीं परी अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ रेखामणि परी जी महाराज ने कहाकि वो अपने अखाड़े की संस्थापक महिला शंकराचार्य त्रिकाल भवंता के साथ मिलकर महिला संतों को उनका हक दिलाने के लिए पूरा प्रयास करेंगी.यही नहीं उन्होंने यह भी कहाकि 2025 के महाकुम्भ में उनके परी अखाड़े में देश भर से 25 हजार से अधिक महिला संत आएंगी.जिनके रहने और स्नान के लिए बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए उनकी तरफ से अभी से ही योजना बनायी जा रही है.महिला मेले में आकर सुरक्षित तरीके से रहने के साथ ही स्नान करके जप तप साधना करें उसके लिए व्यवस्था की जाएगी.जिसके लिए उन्होंने सरकार और मेल प्रशासन से महिला संतों को भी पुरुषों और किन्नर अखाड़े के जैसी व्यवस्था दिए जाने की मांग उठायी है.

त्रिकाल भवंता ने हरि गिरी से भी मुलाकात की
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी ने महिलाओं के अखाड़े को मान्यता देने और शाही स्नान का समय दिए जाने के सवाल पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.उनका कहना है कि पहले तरह अखाड़ों और उनसे जुड़े लोगों के स्नान का समय तय हो जाए फिर किसी और पर विचार किया जाएगा.इसके साथ ही उन्होंने परी अखाड़े का नाम लिए बिना उन्हें सलाह दी कि वो अपने अखाड़े के और विस्तार करें उसके बाद इस तरह की मांग उठाएं.अखाड़ा परिषद के महामंत्री ने यह भी कहाकि वो सभी संतों का सम्मान करते हैं त्रिकाल भवंता ने उनसे मुलाकात की है लेकिन किसी अखाड़े को मान्यता देना उनका अकेले का फैसला नहीं हो सकता है.बहरहाल महंत हरी गिरी ने परी अखाड़े के विरोध करने की बात नहीं कही है यह भी परी अखाड़े के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं हैं.हालांकि इसके बाद भी परी अखाड़े के लिए शाही स्नान और अलग घाट की मांग पूरी होना आसान नहीं है.

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महिला संतों ने उठाई ये मांग. (video credit: etv bharat)

प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज में जनवरी 2025 में शुरू होने वाले कुम्भ मेला से पहले परी अखाड़े की तरफ से शाही स्नान का समय दिए जाने की मांग उठानी शुरू कर दी है. महिलाओं के परी अखाड़े की स्थापना करने वाली महिला संत त्रिकाल भवंता ने कहाकि नारियों को सशक्त बनाने के लिए परी अखाड़े को भी अन्य अखाड़ों की तरह ही महिलाओं के अखाड़े को भी शाही स्नान के लिए अलग घाट और समय दिए जाने की मांग उठाई है. अखाड़े का दावा है कि इस बार कुंभ में 25 हजार महिला संत देश भर से भाग लेने पहुंचेंगी.

pari akhada know how women saints will take the royal bath in prayagraj kumbh 2025 what demand raise akhada parishad kumbh ka mela  kumbh news in hindi today up uttar pradesh
महिला संतों ने उठाई ये मांग. (photo credit: etv bharat)
संगम में महिला संत त्रिकाल भवंता ने 2013 के प्रयागराज के कुम्भ मेला से महिलाओं के अखाड़े की स्थापना कर दी थी.2013 से ही उन्होंने परी अखाड़े से जुड़ी महिला संतो के लिए शाही स्नान के साथ ही उन्हें अखाड़े के रूप में मान्यता दिए जाने की आवाज उठायी थी. इसको लेकर उस वक्त अखाड़े और अन्य संतो ने नाराजगी जाहिर की थी.हालांकि उस कुंभ में परी अखाड़े की मांगों पर ज्यादा कुछ नहीं हुआ था. लेकिन उसके बाद हरिद्वार,नासिक और उज्जैन के कुम्भ मेला में परी अखाड़े को सरकार की तरफ से सुविधाएं मिली थी.लेकिन उन्हें अखाड़े के साथ शाही स्नान करने की सुविधा नहीं मिली.परी अखाड़े ने शाही स्नान के लिए उठाई ये मांगपरी अखाड़े की शंकराचार्य कही जाने वाली महिला संत त्रिकाल भवंता 12 सालों से अन्य अखाड़ों की तरह ही कुंभ मेला में सुविधाएं और शाही स्नान के लिए समय की मांग करती आ रही हैं. उनकी मांग मानने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और शासन प्रशासन तैयार नहीं हुआ. अब प्रयागराज में जनवरी 2025 में महा कुम्भ मेला लगने वाला है जिसको लेकर सभी अखाड़ों की अपनी अपनी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसी बीच परी अखाड़ा की तरफ से भी महिला संतो को महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर की पदवी दी जा चुकी है. 2025 के प्रयागराज महाकुम्भ मेला में परी अखाड़ा प्रमुख त्रिकाल भवंता के साथ ही उनकी अखाड़े की महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर ने महिलाओं के एकमात्र अखाड़े परी अखाड़े के शाही स्नान में शामिल होने के लिए आवाज बुलंद करेंगी.





वहीं, परी अखाड़े की संस्थापक संत त्रिकाल भवंता ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर भरोसा जताते हुए प्रयागराज के महाकुम्भ में शाही स्नान में शामिल होने के लिए समय मिलने की उम्मीद जताई है. उनका कहना है कि नारियों को मजबूत करने और सशक्त बनाने की बात करने वाली भाजपा सरकार महिला संतो का सम्मान करेगी और उन्हें आगामी कुम्भ में उनका हक जरूर मिलेगा. यही नहीं त्रिकाल भवंता ने यह भी मांग की है कि इस कुम्भ में उनके अखाड़े की महिला सन्तों को शाही स्नान का समय देने के अलावा उनके लिए अलग घाट की व्यवस्था भी किये जाने की मांग की है.अब देखना ये होगा कि 12 सालों से महिलाओं के अखाड़े के शाही स्नान के समय और घाट की मांग पर क्या फैसला होता है.

25 हजार महिला संतों के आने का दावा
वहीं परी अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ रेखामणि परी जी महाराज ने कहाकि वो अपने अखाड़े की संस्थापक महिला शंकराचार्य त्रिकाल भवंता के साथ मिलकर महिला संतों को उनका हक दिलाने के लिए पूरा प्रयास करेंगी.यही नहीं उन्होंने यह भी कहाकि 2025 के महाकुम्भ में उनके परी अखाड़े में देश भर से 25 हजार से अधिक महिला संत आएंगी.जिनके रहने और स्नान के लिए बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए उनकी तरफ से अभी से ही योजना बनायी जा रही है.महिला मेले में आकर सुरक्षित तरीके से रहने के साथ ही स्नान करके जप तप साधना करें उसके लिए व्यवस्था की जाएगी.जिसके लिए उन्होंने सरकार और मेल प्रशासन से महिला संतों को भी पुरुषों और किन्नर अखाड़े के जैसी व्यवस्था दिए जाने की मांग उठायी है.

त्रिकाल भवंता ने हरि गिरी से भी मुलाकात की
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी ने महिलाओं के अखाड़े को मान्यता देने और शाही स्नान का समय दिए जाने के सवाल पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.उनका कहना है कि पहले तरह अखाड़ों और उनसे जुड़े लोगों के स्नान का समय तय हो जाए फिर किसी और पर विचार किया जाएगा.इसके साथ ही उन्होंने परी अखाड़े का नाम लिए बिना उन्हें सलाह दी कि वो अपने अखाड़े के और विस्तार करें उसके बाद इस तरह की मांग उठाएं.अखाड़ा परिषद के महामंत्री ने यह भी कहाकि वो सभी संतों का सम्मान करते हैं त्रिकाल भवंता ने उनसे मुलाकात की है लेकिन किसी अखाड़े को मान्यता देना उनका अकेले का फैसला नहीं हो सकता है.बहरहाल महंत हरी गिरी ने परी अखाड़े के विरोध करने की बात नहीं कही है यह भी परी अखाड़े के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं हैं.हालांकि इसके बाद भी परी अखाड़े के लिए शाही स्नान और अलग घाट की मांग पूरी होना आसान नहीं है.

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Last Updated : Jul 16, 2024, 9:43 AM IST
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