फिश पेडीक्योर एक प्रकार का फुट ट्रीटमेंट है जिसमें मछली आपके पैरों की मृत त्वचा को खाती है. फिश स्पा एक मजेदार और नई अनुभव देने वाली प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. फिश स्पा या फिश पेडिक्योर कराना बहुत ज्यादा अनहाइजेनिक माना जाता है. अगर आप फिश स्पा कराने का मन बना रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आप सही जगह जाएं, पानी और मछलियों की सफाई सुनिश्चित करें, और अगर आपके पैरों में कोई समस्या हो तो इसे ना करें.
क्या पैरों में फिश स्पा कराना सुरक्षित है?
पैरों की त्वचा को साफ व मुलायम बनाने रखने के लिए बहुत से लोग नियमित पेडीक्योर करवाते हैं या कई बार घर पर ही अलग-अलग उपायों से पैरों को साफ रखने की कोशिश करते हैं. कुछ लोग इसके लिए फिश स्पा भी करवाते हैं. लेकिन जानकार मानते हैं कि फिश स्पा पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं और कई बार कुछ समस्याओं का कारण बन सकता है, जानिए कैसे...
NCBI के अनुसीर, क्या है फिश स्पा ट्रीटमेंट
गौरतलब है कि फिश स्पा ट्रीटमेंट या जिसे इचिथियोथेरेपी भी कहते हैं एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें लोग एक पोंड या बेसिन में अपने पैरों को मछलियों के पास रखते हैं, और मछलियां त्वचा से मृत कोशिकाओं और गंदगी को खा लेती हैं जिससे पैरों की त्वचा मुलायम और साफ हो जाती हैं.
पिछले कुछ सालों में इसका प्रचलन काफी बढ़ा है और कई बड़े शहरों में सरटीफाइड सेंटर के अलावा कई एम्यूजमेंट पार्क, ओपन माल तथा ऐसे स्थान पर जहां पर्यटक व लोग काफी घुमने आते हैं, पर भी ऐसे छोटे स्पा सेंटर मिल जाते हैं जहां लोग यह सुविधा ले सकते हैं. हालांकि कई लोगों के लिए यह एक अच्छा अनुभव हो सकता है लेकिन चिकित्सकों की माने तो यदि यह प्रक्रिया सही और सुरक्षित तरह से ना हो तो कई समस्याओं का कारण बन सकती है.
GOV.UK के अनुसार क्या हो सकते हैं जोखिम
दिल्ली के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. सूरज भारती बताते हैं कि फिश स्पा में मछलियां पैरों की मृत त्वचा को खाती हैं, लेकिन यह प्रक्रिया अगर सही तरीके से नहीं की जाए तो इसमें कुछ स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं. जैसे फिश स्पा के दौरान जो मछलियां मृत त्वचा को खाती हैं, अगर वे बैक्टीरिया या वायरस के प्रभाव में हो तो स्पा करवाने वाले व्यक्ति के इंफेक्शन के प्रभाव में आने का खतरा और मछलियों के माध्यम से एक व्यक्ति से इंफेक्शन दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा हो सकता है.
वह बताते हैं कि अगर मछलियां स्वस्थ नहीं हो, फिश स्पा में इस्तेमाल होने वाले पोंड या बेसिन की सफाई सही तरह से ना हो रही हो तथा उसमें इस्तेमाल होने वाला पानी साफ नहीं हो या उसका सही तरह से सैनिटेशन ना हुआ हो तो भी स्पा करवाने वाले व्यक्ति में ना सिर्फ त्वचा में जलन,सूजन या खुजली की समस्या हो सकती बल्कि कभी-कभी वे गंभीर संक्रमण के प्रभाव में भी आ सकते हैं. इसके अलावा कई बार फिश स्पा के दौरान मछली के काटने से खून निकलने के मामले भी सामने आते हैं.
वह बताते हैं कि फिश स्पा त्वचा की देखभाल का सुरक्षित तरीका नहीं हैं इसलिए कई देशों में इसे प्रतिबंधित भी किया गया है. लेकिन हमारे देश में ऐसा नहीं और इसके कई सेंटर हैं. ऐसे में जो लोग फिश स्पा करवाना चाहते हैं उन्हें इसे करवाने से पहले सुरक्षा व सावधानियों की ओर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. विशेष तौर पर ऐसे लोग जिनके पैरों में किसी प्रकार की चोट, कट या खुले घाव हों या पैरों में सूजन, घमौरियां, किसी प्रकार का त्वचा रोग या उससे जुड़े संक्रमण का प्रभाव हो तो उन्हे फिश स्पा बिल्कुल नहीं कराना चाहिए.
सावधानियां
जानकारों की माने तो जो लोग फिश स्पा का अनुभव लेना चाहते हैं उनके लिए बहुत जरूरी है कि इसके लिए हमेशा प्रमाणित और लाइसेंस प्राप्त फिश स्पा सेंटर का ही चयन करें. इसके अलावा कुछ अन्य बातें व सावधानियां भी है जिनका फिश स्पा करवाने से पहले ध्यान रखना जरूरी है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- हमेशा ऐसे स्थान का चुनाव करें जहां स्पा के वातावरण की साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है.
- फिश स्पा करवाने से पहले जांच लें कि पोंड या बेसिन में पानी ताजा व पूरी तरह से साफ हो .
- सुनिश्चित करें कि फिश स्पा में इस्तेमाल होने वाली मछलियां स्वस्थ हों.
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)