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मदरसों में इस महीने से शुरू होगी पैरेंट्स टीचर मीटिंग, देश में ऐसा करने वाला पहला राज्य बनेगा बिहार - Bihar Madrasa

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 14, 2024, 11:09 AM IST

Updated : Aug 14, 2024, 1:04 PM IST

Parent Teacher Meeting In Madrasa: अब मदरसों में भी पैरेंट्स टीचर मीटिंग होगी. इसी महीने से बिहार में इसकी शुरुआत होने जा रही है. बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड के मुताबिक ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य होगा.

Madrasa In Bihar
बिहार में मदरसा (ETV Bharat)

पटना: बिहार के मदरसों में भी अब सामान्य विद्यालयों की तरह पेरेंट्स टीचर मीटिंग होगी. राज्य के अनुदानित 1906 मदरसा में इसी महीने से इसकी शुरुआत होने जा रही है. इसी के साथ देश में बिहार पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां के मदरसा में पेरेंट्स टीचर मीट होगी. अभी तक देश में कहीं भी मदरसा में पीटीएम नहीं होती है. बिहार मदरसा बोर्ड के कार्यालय में वयस्क शिक्षा कार्यक्रम की बैठक में यह निर्णय दिया गया है. इस संबंध में सभी मदरसों को आदेश भी जारी कर दिया गया है.

हर तीन महीने पर पीटीएम: बिहार मदरसा बोर्ड ने राज्य के सभी 1906 मदरसा को निर्देशित किया है कि प्रत्येक 3 महीने पर पीटीएम कराई जाए. किसी मदरसे में पीटीएम नहीं किया गया तो वहां के मदरसा हेड को मदरसा बोर्ड शो-कॉज करेगा और कार्रवाई भी संभव है.

मदरसों में करीब 4 लाख छात्र पढ़ते हैं : पेरेंट्स टीचर मीट के लिए बोर्ड के वयस्क शिक्षा कार्यक्रम के नोडल अधिकारी मदरसों को मदद करेंगे. आपको बताएं कि बिहार में क्लास वन से लेकर मौलवी यानी इंटर स्तर तक के 1906 अनुदानित मदरसों में 12,465 टीचर हैं. इनमें करीब 4 लाख छात्र पढ़ाई करते हैं.

"पीटीएम का उद्देश्य है कि शिक्षक और अभिभावक के बीच संवाद और समन्वय स्थापित रहे. बच्चे पढ़ाई में कहां कमजोर हो रहे हैं और बच्चे की खूबी क्या है इससे अभिभावक को अवगत किया जाए."- डॉ. नूर इस्लाम, परीक्षा नियंत्रक, बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड

हर दिन बच्चों की किताब-कॉपी देखनी होगी: बिहार मदरसा बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक डॉ. नूर इस्लाम ने बताया है कि देश में पहली बार बिहार में मदरसा में इसी महीने से पीटीएम की शुरुआत होने जा रही है. मदरसा में टीचर बच्चों के किताब कॉपी को प्रतिदिन देखेंगे और रिपोर्ट बनाकर पीटीएम के दौरान अभिभावक से बातचीत करेंगे.

PTM का मकसद, शिक्षक-अभिभावक में समन्वय : डॉ. नूर इस्लाम ने बताया कि पीटीएम का मकसद शिक्षकों और अभिभावकों के बीच समन्वय स्थापित हो. साथ ही, साफ सुथरे कपड़ों में बच्चों को मदरसा भेजने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करेंगे. इसके साथ ही टीचर अभिभावक को यह बताएंगे कि बच्चों का होमवर्क जरूर कराएं.

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बगहा के वित्त रहित मदरसा के जर्जर भवन में चलता है सरकारी विद्यालय, बच्चे 200 मीटर दूर जाते हैं शौचालय

Patna High Court: 107 मदरसों को वित्तीय अनुदान देने की अनुमति, हाईकोर्ट का निर्देश

पटना: बिहार के मदरसों में भी अब सामान्य विद्यालयों की तरह पेरेंट्स टीचर मीटिंग होगी. राज्य के अनुदानित 1906 मदरसा में इसी महीने से इसकी शुरुआत होने जा रही है. इसी के साथ देश में बिहार पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां के मदरसा में पेरेंट्स टीचर मीट होगी. अभी तक देश में कहीं भी मदरसा में पीटीएम नहीं होती है. बिहार मदरसा बोर्ड के कार्यालय में वयस्क शिक्षा कार्यक्रम की बैठक में यह निर्णय दिया गया है. इस संबंध में सभी मदरसों को आदेश भी जारी कर दिया गया है.

हर तीन महीने पर पीटीएम: बिहार मदरसा बोर्ड ने राज्य के सभी 1906 मदरसा को निर्देशित किया है कि प्रत्येक 3 महीने पर पीटीएम कराई जाए. किसी मदरसे में पीटीएम नहीं किया गया तो वहां के मदरसा हेड को मदरसा बोर्ड शो-कॉज करेगा और कार्रवाई भी संभव है.

मदरसों में करीब 4 लाख छात्र पढ़ते हैं : पेरेंट्स टीचर मीट के लिए बोर्ड के वयस्क शिक्षा कार्यक्रम के नोडल अधिकारी मदरसों को मदद करेंगे. आपको बताएं कि बिहार में क्लास वन से लेकर मौलवी यानी इंटर स्तर तक के 1906 अनुदानित मदरसों में 12,465 टीचर हैं. इनमें करीब 4 लाख छात्र पढ़ाई करते हैं.

"पीटीएम का उद्देश्य है कि शिक्षक और अभिभावक के बीच संवाद और समन्वय स्थापित रहे. बच्चे पढ़ाई में कहां कमजोर हो रहे हैं और बच्चे की खूबी क्या है इससे अभिभावक को अवगत किया जाए."- डॉ. नूर इस्लाम, परीक्षा नियंत्रक, बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड

हर दिन बच्चों की किताब-कॉपी देखनी होगी: बिहार मदरसा बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक डॉ. नूर इस्लाम ने बताया है कि देश में पहली बार बिहार में मदरसा में इसी महीने से पीटीएम की शुरुआत होने जा रही है. मदरसा में टीचर बच्चों के किताब कॉपी को प्रतिदिन देखेंगे और रिपोर्ट बनाकर पीटीएम के दौरान अभिभावक से बातचीत करेंगे.

PTM का मकसद, शिक्षक-अभिभावक में समन्वय : डॉ. नूर इस्लाम ने बताया कि पीटीएम का मकसद शिक्षकों और अभिभावकों के बीच समन्वय स्थापित हो. साथ ही, साफ सुथरे कपड़ों में बच्चों को मदरसा भेजने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करेंगे. इसके साथ ही टीचर अभिभावक को यह बताएंगे कि बच्चों का होमवर्क जरूर कराएं.

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Last Updated : Aug 14, 2024, 1:04 PM IST
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