मंडी: भंडारों में आपको अमूमन दाल-चावल, सब्जी-रोटी या फिर हलवा-खीर-पूरी आदि ही परोसे जाते हैं, लेकिन मंडी जिला में सावन महीने के दौरान एक ऐसा भंडारा भी लगता है जिसमें दिन भर सिर्फ और सिर्फ देसी घी से बने परांठे ही खिलाएं जाते हैं. यह भंडारा लगाता है चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर नागचला स्थित हनुमान मंदिर के पास. आप यहां चाहे सुबह जाएं, दोपहर को या फिर शाम को, यहां आपको देसी घी में बने तरह-तरह के परांठे ही खाने को मिलेंगे.
बीते 9 वर्षों से इस भंडारे का आयोजन बाबा शंभू भारती के अनुयायी आपसी और जनसहयोग से हर वर्ष सावन माह में करते आ रहे हैं और यहां सिर्फ परांठे ही भक्तों को परोसे जाते हैं. आयोजक रमेश भारती ने बताया कि परांठों के भंडारे की प्रथा को वर्ष 2016 में स्वयं बाबा शंभू भारती ने शुरू किया था. उनके स्वर्गवास के बाद अब उनके अनुयायी सभी के सहयोग से हर वर्ष इसे आयोजित कर रहे हैं. रोजाना डेढ़ से दो क्विंटल आटे और 25 से 30 किलो देसी घी के इस्तेमाल से 3 से 5 हजार परांठे बनाकर हर आने-जाने वाले को खिलाए जाते हैं. इस कार्य को करने के लिए बहुत से सेवादार पंजाब से आकर स्वेच्छा से यहां अपना योगदान देते हैं.
रास्ता बंद होने पर लोगों की यहीं मिटती है भूख
स्थानीय निवासी चेतन गुप्ता ने बताया कि 'कुल्लू-मनाली की तरफ जब रास्ता बंद हो जाता है तो अधिकतर वाहनों को नागचला के पास ही रोक दिया जाता है. ऐसी स्थिति में यह भंडारा उन सभी लोगों के लिए मददगार साबित होता है, जो रास्ते में फंसे होते हैं और भोजन की तलाश करते हैं. स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में इस भंडारे में आकर परांठों का प्रसाद ग्रहण करते हैं'