गोरखपुर: पर्यटन के लिहाज से खास बनता जा रहा गोरखपुर का रामगढ़ ताल अब लोगों को पैरासेलिंग का भी आनंद दिलाएगा. पैरासेलिंग का जो मजा लेने के लिए लोग गोवा, मुंबई, दुबई जाते थे, अब वैसा आनंद गोरखपुर के रामगढ़ ताल में उठा सकते हैं. पैरासेलिंग एक मनोरंजक गतिविधि है. जिसमें एक व्यक्ति को एक वाहन (आमतौर पर नाव) के पीछे खींचा जाता है, जबकि वह विशेष रूप से डिजाइन किए हुए एक पैराशूट के साथ जुड़ा हुआ होता है, जिसे पैरासेल कहते हैं. गोरखपुर में इसके लिए नाव उतरने लगी है. बहुत जल्द ही इसका ट्रायल होगा. मुबई की कंपनी को यह काम मिला है.
वॉटर स्पोर्ट्स से जुड़ी गतिविधियों और खेल का संचालन गोरखपुर के रामगढ़ ताल में पिछले कुछ माह से चल रहा है. इसमें क्रूज का भी संचालन हो रहा है. ताल में मोटर बोट, स्पीड बोट और जेट स्कीइंग का लोग आनंद उठा रहे हैं. लेकिन, अब पैरासेलिंग के संचालन कि यहां तैयारी तेज हो गई है. आधिकारिक रूप से इसका ट्रायल भी बहुत जल्द शुरू हो जाएगा लेकिन, जिस कंपनी को यह कार्य मिला है, उसकी टीम ताल के अंदर इस खेल को आगे बढ़ाने के लिए उतरती रहती है.
वॉटर स्पोर्ट्स कंपलेक्स का संचालन करने वाली फॉर्म ई सिटी बायोस्कोप एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड इसका संचालन करेगी, जो मुंबई से जुड़ी हुई है. इस खेल के लिए बोट का आना और ताल में उतरना प्रारंभ हो गया है. फर्म से जुड़े आशीष शाही ने बताया, कि पैरासेलिंग का ट्रायल बहुत तेज हवा में नहीं किया जाएगा. कोशिश की जाएगी की शाम के वक्त जब हवा थमी हो तो इसका ट्रायल हो. बहुत जल्द यह सेवा पर्यटकों को उपलब्ध करा दी जाएगी. उन्होंने बताया, कि इसका शुल्क ₹200 से लेकर ₹800 तक हो सकता है.
पैरासेलिंग विशेष रूप से डिजाइन किया पैराशूट होता है. जिसे पैरासेल कहा जाता है. इसे या तो नाव या वाहन द्वारा खींचा जाता है. ऑपरेटर के पास इसका नियंत्रण होता है. इसके लिए फर्म गोवा से तकनीकी स्टाफ लाया गया है. पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सभी पुख्ता इंतजाम करने का फर्म दावा कर रही है. इस आनंद के लिए बहुत अधिक कीमत भी पर्यटकों को नहीं चुकानी पड़ेगी और न ही समय गवाना पड़ेगा.