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पैरालाइज मरीज हेली एंबुलेंस से पहुंचा अपने दुरस्थ गांव डुमक, परिजनों ने जताया सीएम का आभार - HELI AMBULANCE

पैरालाइज मरीज को एम्स ऋषिकेश से हेली एंबुलेंस द्वारा चमोली के दूरस्थ गांव डुमक पहुंचाया गया.

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पैरालाइज मरीज हेली एंबुलेंस से पहुंचा अपने दुरस्थ गांव डुमक (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 12 hours ago

चमोली: सुदूरवर्ती गांव डुमक के रहने वाले भवान सिंह गंभीर रूप से पैरालाइज हैं. विगत कुछ समय से उनका इलाज एम्स ऋषिकेश में चल रहा था. उनकी बीमारी अत्यंत गंभीर होने और चिकित्सकों द्वारा उनको घर ले जाने की सलाह देते हुए उन्हें एम्स से डिस्चार्ज किया गया. पैरालाइज मरीज की स्थिति नाजुक होने और डुमक गांव सड़क से करीब 6 किलोमीटर दूर होने पर मरीज को स्वयं घर तक पहुंचाना मुश्किल था. इस पर उनके परिजनों ने हेली एंबुलेंस की मांग की.

सीएम पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में यह मामला आने पर उन्होंने जटिल और दुर्गम परिस्थितियों को देखते हुए चमोली जिले के जिलाधिकारी संदीप तिवारी को मरीज को सकुशल घर तक पहुंचाने के लिए हेली एंबुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. सीएम के निर्देशों पर जिलाधिकारी ने सरकार के सहयोग से संचालित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की आपातकालीन निःशुल्क हेली एंबुलेंस सेवा से विशेष अनुरोध किया गया.

डीएम ने बताया कि डुमक गांव काफी दुर्गम क्षेत्र में है और सड़क से 6 किलोमीटर के पैदल दूरी पर स्थित है. इस पर एम्स ऋषिकेश में हेली एंबुलेंस के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने विशेष केस बनाते हुए मरीज को 25 दिसंबर बुधवार को हेली एंबुलेंस से डुमक गांव भेजा गया.

चमोली जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया कि बुधवार को डुमक गांव में हेली एंबुलेंस उतरने की व्यवस्था के साथ ही गंभीर रूप से बीमार मरीज को घर तक पहुंचाने के लिए स्ट्रेचर आदि की व्यवस्था की गई और मरीज को उनके घर तक पहुंचाया दिया गया है. मरीज के परिजनों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, एम्स ऋषिकेश की चिकित्सा टीम और जिला प्रशासन चमोली का आभार व्यक्त किया है.

ये भी पढ़ेंः एम्स की हेली एंबुलेंस साबित हो रही 'जीवनरक्षक', दो घायलों को एयरलिफ्ट कर बचाई जान

ये भी पढ़ेंः हॉस्पिटल्स से शवों को घर तक छोड़ने के लिए शुरू होगी एयर एंबुलेंस, एसओपी तैयार करेगी कमेटी

चमोली: सुदूरवर्ती गांव डुमक के रहने वाले भवान सिंह गंभीर रूप से पैरालाइज हैं. विगत कुछ समय से उनका इलाज एम्स ऋषिकेश में चल रहा था. उनकी बीमारी अत्यंत गंभीर होने और चिकित्सकों द्वारा उनको घर ले जाने की सलाह देते हुए उन्हें एम्स से डिस्चार्ज किया गया. पैरालाइज मरीज की स्थिति नाजुक होने और डुमक गांव सड़क से करीब 6 किलोमीटर दूर होने पर मरीज को स्वयं घर तक पहुंचाना मुश्किल था. इस पर उनके परिजनों ने हेली एंबुलेंस की मांग की.

सीएम पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में यह मामला आने पर उन्होंने जटिल और दुर्गम परिस्थितियों को देखते हुए चमोली जिले के जिलाधिकारी संदीप तिवारी को मरीज को सकुशल घर तक पहुंचाने के लिए हेली एंबुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. सीएम के निर्देशों पर जिलाधिकारी ने सरकार के सहयोग से संचालित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की आपातकालीन निःशुल्क हेली एंबुलेंस सेवा से विशेष अनुरोध किया गया.

डीएम ने बताया कि डुमक गांव काफी दुर्गम क्षेत्र में है और सड़क से 6 किलोमीटर के पैदल दूरी पर स्थित है. इस पर एम्स ऋषिकेश में हेली एंबुलेंस के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने विशेष केस बनाते हुए मरीज को 25 दिसंबर बुधवार को हेली एंबुलेंस से डुमक गांव भेजा गया.

चमोली जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया कि बुधवार को डुमक गांव में हेली एंबुलेंस उतरने की व्यवस्था के साथ ही गंभीर रूप से बीमार मरीज को घर तक पहुंचाने के लिए स्ट्रेचर आदि की व्यवस्था की गई और मरीज को उनके घर तक पहुंचाया दिया गया है. मरीज के परिजनों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, एम्स ऋषिकेश की चिकित्सा टीम और जिला प्रशासन चमोली का आभार व्यक्त किया है.

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