कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की गड़सा पैराग्लाइडिंग साइट को पर्यटन विभाग ने बहाल कर दिया है. साइट बहाल होने से आगामी पर्यटन सीजन को गति मिलेगी और यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे. बीते कुछ समय से गड़सा साइट में पैराग्लाइडर पायलट नियमों का उल्लंघन कर रहे थे. उसके बाद जिला पर्यटन अधिकारी ने साइट का औचक निरीक्षण किया और पाया था कि यहां पर नियमों का पालन नहीं हो रहा था. वहीं, अब नियमों का पालन होने पर दो माह से बंद पड़ी इस साइट को बहाल कर दिया गया है.
दो माह बाद गड़सा में शुरू हुई पैराग्लाइडिंग: जिला पर्यटन विभाग ने 17 फरवरी को साइट में पैराग्लाइडिंग करने पर रोक लगा दी थी. उसके बाद लगातार इस साइट को बहाल करने की मांग होती रही, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली थी. अब दो माह तक पैराग्लाइडिंग गतिविधियां बंद रहने से यहां पर पैराग्लाइडिंग गतिविधियों से जुड़े युवा बेरोजगार हो गए थे. अब उड़ान शुरू होने से यहां के लोगों को राहत मिली है. घाटी में पर्यटन सीजन के दौरान यहां पर पैराग्लाइडिंग गतिविधियां शुरू होने से युवाओं ने राहत की सांस ली है. अब देश विदेश से आने वाले पर्यटक गड़सा साइट पर पैराग्लाइडिंग का आनंद ले सकेंगे.
गड़सा पैराग्लाइडिंग साइट में 40 पायलट रजिस्टर्ड: पर्यटन विभाग ने दो माह के लिए यहां पर पैराग्लाइडिंग पर रोक लगा दी थी. गड़सा पैराग्लाइडिंग साइट में कुल 40 पायलट पंजीकृत हैं. चंडीगढ़-मनाली फोरलेन से जब पर्यटक कुल्लू जिले में प्रवेश कर बजौरा पहुंचते हैं तो वे बजौरा पुल से होकर गड़सा पैराग्लाइडिंग साइट तक आसानी से पहुंच सकते हैं. इसके साथ ही भुंतर स्थित कुल्लू मनाली एयरपोर्ट से भी गड़सा साइट नजदीक पड़ती है. गड़सा में पैराग्लाइडिंग शुरू होने से कारोबार से जुड़े युवाओं को लाभ मिलेगा.
पर्यटन विभाग ने पैराग्लाइडिंग पर लगाई थी रोक: जिला कुल्लू के गड़सा साइट में ऑपरेटर और पायलट नियमों का उल्लंघन कर रहे थे. यहां पर सूर्यास्त के बाद भी उड़ान भरी जा रही थी और अन्य नियमों का पालन नहीं हो रहा था. इसके अलावा सिंगल काउंटर से उड़ान नहीं भरी जा रही थी और यहां पर मार्शल भी नियुक्त नहीं था. पर्यटन विभाग ने इस आधार पर साइट पर उड़ान भरने से रोक लगा दी थी.
442 पैराग्लाइडर पायलट पंजीकृत: कुल्लू जिला में कुल 442 पैराग्लाइडर पायलट पंजीकृत है. इसमें सोलंगनाला, मढ़ी, मझाच, डोभी, कोठी, गड़सा, नांगा बाग, पोज से पैराग्लाइडर उड़ान भरते हैं. इन आठ साइट की पर्यटन विभाग की तकनीकी कमेटी जांच करती है. इसके बाद ही पैराग्लाइडर को उड़ान की इजाजत होती है. सोलंगनाला में 182 पायलट, डोभी में 196, मझाच पांच, कोठी में 4, नांगा बाग में 16, गड़सा में 40 पायलट पंजीकृत हैं.
गड़सा साइट में नियमों का उल्लंघन करने पर इस साइट में उड़ान भरने पर रोक लगा दी थी. अब उपायुक्त ने गड़सा पैराग्लाइडिंग साइट को बहाल कर दिया है. इससे युवाओं को लाभ मिलेगा, नियमों का उल्लंघन न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा:- सुनयना शर्मा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी कुल्लू.