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रसिया में क्लोनिंग विधि से जानवरों की अच्छी नस्ल होगी पैदा, पंतनगर कृषि विवि और रसिया सेंट पीटर्सबर्ग विवि के बीच करार - Pantnagar Agricultural University

टेक्नोलॉजी सहित कई बिंदुओं पर कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर और रसिया सेंट पीटर्सबर्ग विवि के बीच करार हुआ है. इस करार में क्लोनिंग विधि प्रमुख है.

PANTNAGAR AGRICULTURAL UNIVERSITY
पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 5, 2024, 9:14 PM IST

Updated : Oct 5, 2024, 10:52 PM IST

रुद्रपुर: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और सेंट पीटर्सबर्ग वेटनरी एंड एनिमल साइंस विश्वविद्यालय रसिया (Russia) के बीच तकनीक, वैज्ञानिक और छात्र छात्राओं का आदान-प्रदान सहित तमाम बिंदुओं पर करार हुआ है. वैज्ञानिकों का फोकस क्लोनिंग तकनीक पर ज्यादा दिखाई दिया, ताकि युद्ध के कारण फूड से संबंधित समस्याओं को दूर किया जा सके. भारत के एनिमल वैज्ञानिकों की क्लोनिंग विधि से अच्छी नस्ल के जानवरों की पैदावार बढ़ाने की तकनीक को रसिया सेंट पीटर्सबर्ग विवि के वैज्ञानिकों ने खूब सराहा है.

रासिया गई थी पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की टीम: कुछ समय पहले पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के नेतृत्व में चार सदस्यों की टीम रसिया के विश्वविद्यालय का भ्रमण करने गई थी. इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम ने रसिया के चार विश्वविद्यालयों का भ्रमण करते हुए वहां के डीन और डायरेक्टर से बैठक कर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की थी. साथ ही पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से रसिया के वैज्ञानिकों ने क्लोनिंग विधि से अच्छी नस्ल के जानवरों की पैदावार बढ़ाने को लेकर चर्चा की थी.

रसिया में क्लोनिंग विधि से जानवरों की अच्छी नस्ल होगी पैदा (video- ETV Bharat)

छात्र और छात्राओं को दोनों विश्वविद्यालय से मिलेंगी डिग्रियां: शोध चर्चा के दौरान रसिया सेंट पीटर्सबर्ग विवि के साथ कई बिंदुओं पर पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय का करारा भी हुआ था, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण करार क्लोनिंग तकनीक से उच्च कोटि के नस्ल के जानवरों की पैदावार बढ़ाने की तकनीक है. दोनों विश्वविद्यालय के छात्र और छात्राओं को दोनों विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ सीखने का मौका मिलेगा. साथ ही दोनों विश्वविद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं को डिग्रियां भी दी जाएंगी.

क्लोनिंग विधि से फूड की समस्या का होगा समाधान: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि काफी लंबे समय से रसिया और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण रसिया में भी फूड( मांस ) की कमी देखने को मिल रही है. क्लोनिंग तकनीक से वहां के वैज्ञानिक अच्छी नस्ल को सुधारने के साथ-साथ फूड( मांस ) की कमी को पूरा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक जल्द ही इस तकनीकी को रसिया सेंट पीटर्सबर्ग विवि के साथ साझा करेंगे.

भारत के वेटनरी वैज्ञानिकों ने क्लोनिंग से उच्च नस्ल की बछिया की थी पैदा: राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान करनाल के पूर्व निदेशक डॉक्टर मनमोहन सिंह चौहान के निर्देशन में अनुसंधान के वैज्ञानिकों द्वारा वर्ष 2023 में गिर नस्ल की गाय क्लोनिंग तकनीकी से गंगा नाम की बछिया को पैदा किया गया था. इसके बाद डॉक्टर मनमोहन सिंह चौहान को कृषि विश्विद्यालय पंतनगर के वाइस चांसलर की कमान सौंपी गई थी. विश्विद्यालय की कमान संभालने के बाद वह उत्तराखंड की बदरी गाय की पैदावार को बढ़ाने के लिए क्लोनिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. जल्द ही बदरी गाय की क्लोनिंग के बछिया धरातल पर दिखाई देगी.

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रासिया गई थी पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की टीम: कुछ समय पहले पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के नेतृत्व में चार सदस्यों की टीम रसिया के विश्वविद्यालय का भ्रमण करने गई थी. इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम ने रसिया के चार विश्वविद्यालयों का भ्रमण करते हुए वहां के डीन और डायरेक्टर से बैठक कर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की थी. साथ ही पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से रसिया के वैज्ञानिकों ने क्लोनिंग विधि से अच्छी नस्ल के जानवरों की पैदावार बढ़ाने को लेकर चर्चा की थी.

रसिया में क्लोनिंग विधि से जानवरों की अच्छी नस्ल होगी पैदा (video- ETV Bharat)

छात्र और छात्राओं को दोनों विश्वविद्यालय से मिलेंगी डिग्रियां: शोध चर्चा के दौरान रसिया सेंट पीटर्सबर्ग विवि के साथ कई बिंदुओं पर पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय का करारा भी हुआ था, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण करार क्लोनिंग तकनीक से उच्च कोटि के नस्ल के जानवरों की पैदावार बढ़ाने की तकनीक है. दोनों विश्वविद्यालय के छात्र और छात्राओं को दोनों विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ सीखने का मौका मिलेगा. साथ ही दोनों विश्वविद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं को डिग्रियां भी दी जाएंगी.

क्लोनिंग विधि से फूड की समस्या का होगा समाधान: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि काफी लंबे समय से रसिया और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण रसिया में भी फूड( मांस ) की कमी देखने को मिल रही है. क्लोनिंग तकनीक से वहां के वैज्ञानिक अच्छी नस्ल को सुधारने के साथ-साथ फूड( मांस ) की कमी को पूरा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक जल्द ही इस तकनीकी को रसिया सेंट पीटर्सबर्ग विवि के साथ साझा करेंगे.

भारत के वेटनरी वैज्ञानिकों ने क्लोनिंग से उच्च नस्ल की बछिया की थी पैदा: राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान करनाल के पूर्व निदेशक डॉक्टर मनमोहन सिंह चौहान के निर्देशन में अनुसंधान के वैज्ञानिकों द्वारा वर्ष 2023 में गिर नस्ल की गाय क्लोनिंग तकनीकी से गंगा नाम की बछिया को पैदा किया गया था. इसके बाद डॉक्टर मनमोहन सिंह चौहान को कृषि विश्विद्यालय पंतनगर के वाइस चांसलर की कमान सौंपी गई थी. विश्विद्यालय की कमान संभालने के बाद वह उत्तराखंड की बदरी गाय की पैदावार को बढ़ाने के लिए क्लोनिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. जल्द ही बदरी गाय की क्लोनिंग के बछिया धरातल पर दिखाई देगी.

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Last Updated : Oct 5, 2024, 10:52 PM IST
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