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केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर जल्द मिलेगी खुशखबरी, कई जिलों की तस्वीर बदलेगी ये योजना - Panna Ken Betwa Link Project - PANNA KEN BETWA LINK PROJECT

जल्द ही केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जा सकता है. इस परियोजना के तहत ग्राम ढोढन में बनने वाले बांध का टेंडर बहुत जल्द होने वाला है.

PANNA KEN BETWA LINK PROJECT
केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर जल्द मिलेगी खुशखबरी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 5, 2024, 9:31 PM IST

Updated : Jul 6, 2024, 9:02 PM IST

पन्ना। भारत की पहली नदी जोड़ो केन-बेतवा लिंक परियोजना का जल्द शिलान्यास होने वाला है. इस परियोजना का बांध ग्राम ढोढन में बनने वाला है. जिसमें लगभग 2853 एमसीएम पानी इकठ्ठा होगा. ढोढन बांध की ऊंचाई 293 मीटर व लंबाई 2002 मीटर होगी. इस बांध को करीब 3400 करोड़ में बनाकर तैयार किया जाएगा. इस बांध के बनने से पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया का 25% हिस्सा प्रभावित होगा.

जल्द होने वाला है बांध का टेंडर

केन बेतवा लिंक परियोजना प्राधिकरण के सहायक अभियंता ललित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि केन नदी पर बनने वाला विशाल बांध का टेंडर बहुत जल्द होने वाला है और जिसकी लागत लगभग 3400 करोड़ रुपए बताई जा रही है. ढोढन बांध के जलभराव के कारण भरकुआं, ढोढन, खरियानी, कुपी, मैनारी, पलकोंहा, शाहपुरा, सुकवाहा, पाठापुर, नैगुवां, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी बसुधा ग्राम विस्थापित होंगे.

ढोढन बांध से क्या होंगे लाभ ?

बता दें कि भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा बनाए जा रहे ढोढन बांध को छतरपुर व पन्ना जिले की सीमा पर बनाया जा रहा है. इस बांध की ऊंचाई लगभग 293 मीटर होगी और लंबाई लगभग 2002 मीटर होगी. यह बांध मिट्टी कंक्रीट व रॉकफिल से बनाया जाएगा. ढोढन बांध में खुली कैनाल की लंबाई 218 किलोमीटर होगी. इस बांध के बन जाने के बाद उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की लगभग 10 लाख 62000 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी. ढोढन बांध लगभग 62 लाख लोगों की पेयजल पूर्ति करेगा. इस बांध के निर्माण हो जाने पर छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, विदिशा, सागर, शिवपुरी, दतिया और रायसेन जिले लाभान्वित होंगे. वहीं उत्तर प्रदेश का जिला महोबा, बांदा, झांसी और ललितपुर तक ढोढन बांध का जल जाएगा. इस बांध से 78 मेगावाट बिजली उत्पन्न होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द करेंगे शिलान्यास

बता दें कि केन बेतवा लिंक परियोजना भारत की सबसे बड़ी और पहली नदी जोड़ो परियोजना है. जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का सपना रही है और इस परियोजना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी रुचि है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रत्यक्ष मुलाकात की गई और परियोजना के शिलान्यास के लिए निमंत्रण दिया गया है. सूत्र बता रहे हैं कि लगभग सैद्धांतिक अनुमति मिल चुकी है बस दिनांक तय होना बाकी है. क्षेत्रीय सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने भी पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया था कि जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केन बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास करने पन्ना आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें:

मध्यप्रदेश की तस्वीर बदल देंगी ये दो सिंचाई परियोजनाएं, CM ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री को दी प्रोगेस रिपोर्ट

पीएम मोदी से मिले मुख्यमंत्री मोहन यादव, केन-बेतवा परियोजना को लेकर बताई ये बड़ी बात

इस बांध से क्या-क्या होगा पन्ना का नुकसान ?

एक तरफ तो इस परियोजना की चारों तरफ तारीफ हो रही है लेकिन इसका दूसरा भी पक्ष है. सूत्र बताते हैं कि परियोजना के बन जाने के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया का 25% हिस्सा प्रभावित हो रहा है. जिसमें पन्ना टाइगर रिजर्व में विचरण कर रहे लाखों वन्य प्राणी प्रभावित होंगे और बढ़ते बाघों के कुनबे पर भी फर्क पड़ेगा. जानकार बताते हैं कि इस परियोजना में पन्ना टाइगर रिजर्व के लगभग 21 लाख पेड़ों को काटा जाएगा. क्षेत्रफल की दृष्टि से यह परियोजना का 75% हिस्सा पन्ना में होगा, लेकिन इसका लाभ पन्ना को नहीं मिल रहा है. इस परियोजना के कारण पन्ना के दर्जनों गांव विस्थापित हो रहे हैं.

पन्ना। भारत की पहली नदी जोड़ो केन-बेतवा लिंक परियोजना का जल्द शिलान्यास होने वाला है. इस परियोजना का बांध ग्राम ढोढन में बनने वाला है. जिसमें लगभग 2853 एमसीएम पानी इकठ्ठा होगा. ढोढन बांध की ऊंचाई 293 मीटर व लंबाई 2002 मीटर होगी. इस बांध को करीब 3400 करोड़ में बनाकर तैयार किया जाएगा. इस बांध के बनने से पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया का 25% हिस्सा प्रभावित होगा.

जल्द होने वाला है बांध का टेंडर

केन बेतवा लिंक परियोजना प्राधिकरण के सहायक अभियंता ललित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि केन नदी पर बनने वाला विशाल बांध का टेंडर बहुत जल्द होने वाला है और जिसकी लागत लगभग 3400 करोड़ रुपए बताई जा रही है. ढोढन बांध के जलभराव के कारण भरकुआं, ढोढन, खरियानी, कुपी, मैनारी, पलकोंहा, शाहपुरा, सुकवाहा, पाठापुर, नैगुवां, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी बसुधा ग्राम विस्थापित होंगे.

ढोढन बांध से क्या होंगे लाभ ?

बता दें कि भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा बनाए जा रहे ढोढन बांध को छतरपुर व पन्ना जिले की सीमा पर बनाया जा रहा है. इस बांध की ऊंचाई लगभग 293 मीटर होगी और लंबाई लगभग 2002 मीटर होगी. यह बांध मिट्टी कंक्रीट व रॉकफिल से बनाया जाएगा. ढोढन बांध में खुली कैनाल की लंबाई 218 किलोमीटर होगी. इस बांध के बन जाने के बाद उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की लगभग 10 लाख 62000 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी. ढोढन बांध लगभग 62 लाख लोगों की पेयजल पूर्ति करेगा. इस बांध के निर्माण हो जाने पर छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, विदिशा, सागर, शिवपुरी, दतिया और रायसेन जिले लाभान्वित होंगे. वहीं उत्तर प्रदेश का जिला महोबा, बांदा, झांसी और ललितपुर तक ढोढन बांध का जल जाएगा. इस बांध से 78 मेगावाट बिजली उत्पन्न होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द करेंगे शिलान्यास

बता दें कि केन बेतवा लिंक परियोजना भारत की सबसे बड़ी और पहली नदी जोड़ो परियोजना है. जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का सपना रही है और इस परियोजना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी रुचि है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रत्यक्ष मुलाकात की गई और परियोजना के शिलान्यास के लिए निमंत्रण दिया गया है. सूत्र बता रहे हैं कि लगभग सैद्धांतिक अनुमति मिल चुकी है बस दिनांक तय होना बाकी है. क्षेत्रीय सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने भी पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया था कि जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केन बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास करने पन्ना आ रहे हैं.

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इस बांध से क्या-क्या होगा पन्ना का नुकसान ?

एक तरफ तो इस परियोजना की चारों तरफ तारीफ हो रही है लेकिन इसका दूसरा भी पक्ष है. सूत्र बताते हैं कि परियोजना के बन जाने के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया का 25% हिस्सा प्रभावित हो रहा है. जिसमें पन्ना टाइगर रिजर्व में विचरण कर रहे लाखों वन्य प्राणी प्रभावित होंगे और बढ़ते बाघों के कुनबे पर भी फर्क पड़ेगा. जानकार बताते हैं कि इस परियोजना में पन्ना टाइगर रिजर्व के लगभग 21 लाख पेड़ों को काटा जाएगा. क्षेत्रफल की दृष्टि से यह परियोजना का 75% हिस्सा पन्ना में होगा, लेकिन इसका लाभ पन्ना को नहीं मिल रहा है. इस परियोजना के कारण पन्ना के दर्जनों गांव विस्थापित हो रहे हैं.

Last Updated : Jul 6, 2024, 9:02 PM IST
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