पन्ना। पन्ना में पुरी की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलती है. लगभग 172 सालों से चली आ रही इस परंपरा को बखूबी निभाया जाता है, लेकिन इस बार इस महोत्सव पर आर्थिक संकट मड़रा रहा है. हालत ये है कि भगवान को भोग लगाने और वस्त्रों का इंतजाम करने के लिए मंदिर समिति को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधि उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं. कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता समझ से परे है.
भगवान को नई पोशाक भी नहीं दिला पा रहे
मंदिर समिति के सदस्य वैभव देवलिया ने बताया "172 सालों से हर वर्ष रथ यात्रा महोत्सव धूमधाम से संपन्न होता रहा है. पिछली बार चुनाव से पहले कार्यक्रम होने से कई नेताओं ने सहयोग किया और अपनी तरफ से भी प्रसाद का वितरण, फ्लैक्स-बैनर आदि की व्यवस्था करवाई लेकिन इस बार कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. भगवान को नई पोशाक भी नसीब नहीं हो सकी है. परंपरा अनुसार विभिन्न प्रकार के भोग की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है." बीते दिन कलेक्टर और एसपी के द्वारा तैयारियों एवं व्यवस्थाओं का जायजा लेकर सहयोग का आश्वासन दिया गया था लेकिन कोई व्यवस्था नहीं होने से समिति के सदस्य परेशान हैं.
रथ की मरम्मत व रंगरोगन तक नहीं हुआ
इसके अलावा रथ की मरम्मत और रंगरोगन भी नहीं करवाया गया, जबकि हर वर्ष रथ की मरम्मत और रंगरोगन होता था. पिछले कार्यों का भुगतान नहीं होने से कारीगर भी काम करने से इनकार कर रहे हैं. रथ की हालत जर्जर हो चुकी है. मरम्मत नहीं करवाने से महोत्सव के दौरान रथ टूटने का खतरा है. जैसा कि 7 वर्ष पूर्व रथयात्रा के दौरान रथ टूट गया था और काफी देर तक रास्ते में खड़ा रहा. ये स्थिति बहुत दुखित करती है कि शहर के पैसे वाले लोग भी किनारा काट रहे हैं.