पन्ना: जन्माष्टमी के पर्व पर सुबह से ही जुगल किशोर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाई जा रही है. हीरा नगरी पन्ना में इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता भी प्रचलित है. कहा जाता है कि, यहां हीरे की तलाश में आए लोग पन्ना के आराध्य देव कहे जाने वाले जुगल किशोर भगवान को अपनी खदान में पार्टनर बनाते हैं. अगर उन्हें हीरा मिलता है तो उसमें से कुछ पैसे को उन्हीं की चरणों में दान कर देते हैं. हीरा खोजने वाले बताते हैं कि ऐसा करने से हीरा मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
भगवान को खदान में बनाया जाता है पार्टनर
श्री जुगल किशोर (कृष्ण) मंदिर में जन्माष्टमी पर्व की धूम चल रही है. साल में एक बार ऐसा दिन आता है जब भगवान श्री कृष्ण हीरा जड़ित मुरली को धारण करते हैं. जन्माष्टमी के दिन भगवान का श्रृंगार अद्भुत रहता है. इस दिन भगवान दो बार पोशाक बदलते हैं. इस बार की पोशाक वृंदावन से विशेष रूप से मंगवाई गई है.
बुंदेलखंड का वृंदावन कहे जाने वाले पन्ना में हीरे की तलाश में आए लोग जुगल किशोर भगवान को अपनी खदानों में पार्टनर बनाते हैं. इसके पीछे उनका मानना है कि, ऐसा करने से हीरा मिलने की संभावना बढ़ जाती है. हीरा व्यापारी विकास चौरसिया बताते हैं कि, 'हीरा खोजने वाले खदान का पट्टा कराते समय ही भगवान श्री जुगल किशोर को अपना पार्टनर बना लेते हैं. हीरा मिलने के बाद उसका कुछ प्रतिशत प्रभु के चरणों में दान कर देते हैं. यह काम हिंदू समुदाय के साथ सभी धर्म और जातियों के लोग करते हैं.'
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भगवान को पार्टनर बनाने से हो चुका है फायदा
विकास चौरसिया ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि, 'पास के ही गांव में एक बुजुर्ग दंपत्ति रहते थे. उन्होंने हीरे की उथली खदान लगाई थी. उनके ऊपर भारी कर्ज था, उनकी जमीन गिरवी रखी हुई थी, इसके अलावा एक बेटी की शादी भी करनी थी. उन्होंने हीरे की उथली खदान लगाई और उसमें भगवान श्री जुगल किशोर को पार्टनर बनाया. खदान से उन्हें बेशकीमती हीरा मिला. इससे मिले पैसे से गिरवी जमीन छूट गई. बेटी का विवाह कर दिया और मिले पैसों का कुछ प्रतिशत उन्होंने जुगल किशोर के चरणों में दान भी किया था.'