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ब्रिटिश इंजीनियरिंग का अनूठा नमूना है बरियारपुर डैम, जानें यूपी क्यों करता है इसका मेंटेनेंस - PANNA BARIARPUR DAM

ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग 150 वर्ष पहले कराया बांध की निर्माण. डैम से निकलने वाली सभी नहरें उत्तर प्रदेश की ओर जाती हैं.

BARIARPUR DAM PANNA
BARIARPUR DAM PANNA (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 25, 2024, 7:18 PM IST

पन्ना: अंग्रेजों के शासनकाल में केन नदी पर बना बरियारपुर डैम ब्रिटिश इंजीनियरिंग का कमाल है जो आज 150 साल बाद भी ज्यों का त्यो खड़ा है. बरियारपुर डैम में लगभग 80 एमसीएम पानी स्टोर होता है जिसका पानी मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश के बांदा की ओर सिंचाई के लिए जाता है.

इतिहासकार सूर्यभान सिंह परमार बताते हैं "बरियारपुर डैम ब्रिटिश इंजीनियरों ने तैयार किया है. इस बांध को मध्य प्रदेश की जमीन और यहां की केन नदी पर निर्मित है. इस बांध का नाम बरियारपुर डैम इसलिए पड़ा क्योंकि बगल के गांव का नाम बरियारपुर है. इस डैम की डिजाइन अंग्रेजों ने तैयार की थी. अंग्रेज जो भी काम करते थे, पक्का और मजबूत करते थे. इसलिए आज भी डैम मजबूती के साथ खड़ा है. इसका डैम का पानी उत्तर प्रदेश जाता है जो उत्तर प्रदेश के बांदा से होते हुए अन्य जिलों की सिंचाई करता है. "

HISTORIAN SURYABHAN SINGH PARMAR (Etv Bharat)

उत्तर प्रदेश सरकार करती है बांध का संचालन और रखरखाव

प्राप्त जानकारी के अनुसार, केन नदी पर बने बरियारपुर डैम का निर्माण ईस्ट इंडिया कंपनी ने आजादी के पूर्व लगभग 150 वर्ष पहले कराया था. यह डैम एमपी के पन्ना जिले में स्थित है पर इससे निकलने वाली सभी नहरें उत्तर प्रदेश की ओर जाती हैं. इस डैम का संचालन और रखरखाव भी उत्तर प्रदेश सरकार करती है. लेकिन यह बांध मध्य प्रदेश की केन नदी पर बना हुआ है.

बांदा सहित जिलों की कृषि भूमि लिए वरदान है डैम

बरियारपुर बांध का नाम ग्राम बरियारपुर के नाम से पड़ा है. बरियारपुर बांध की क्षमता 12.50 मिलियन एमसीएम है. इस बांध की मदद से यूपी के बांदा जिले में लगभग 1100 किलोमीटर नहरों से सिंचाई की जाती है. केन नदी पर लगभग 650 मीटर लंबी दीवार क्रस्टवाल है, इसके अंदर सुरंगनुमा रास्ता है. दीवार के ऊपर 8.23 फीट लंबे चौड़े और ऊंचे भारी भरकम लोहे के फाटक लगे हैं. इन्हीं फटकों को खड़ा करके पानी रोका जाता है. बारिश में जब पानी उफान मारता है, तब इसकी दीवारों से लाखों क्यूसेक पानी बहा दिया जाता है.

पन्ना: अंग्रेजों के शासनकाल में केन नदी पर बना बरियारपुर डैम ब्रिटिश इंजीनियरिंग का कमाल है जो आज 150 साल बाद भी ज्यों का त्यो खड़ा है. बरियारपुर डैम में लगभग 80 एमसीएम पानी स्टोर होता है जिसका पानी मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश के बांदा की ओर सिंचाई के लिए जाता है.

इतिहासकार सूर्यभान सिंह परमार बताते हैं "बरियारपुर डैम ब्रिटिश इंजीनियरों ने तैयार किया है. इस बांध को मध्य प्रदेश की जमीन और यहां की केन नदी पर निर्मित है. इस बांध का नाम बरियारपुर डैम इसलिए पड़ा क्योंकि बगल के गांव का नाम बरियारपुर है. इस डैम की डिजाइन अंग्रेजों ने तैयार की थी. अंग्रेज जो भी काम करते थे, पक्का और मजबूत करते थे. इसलिए आज भी डैम मजबूती के साथ खड़ा है. इसका डैम का पानी उत्तर प्रदेश जाता है जो उत्तर प्रदेश के बांदा से होते हुए अन्य जिलों की सिंचाई करता है. "

HISTORIAN SURYABHAN SINGH PARMAR (Etv Bharat)

उत्तर प्रदेश सरकार करती है बांध का संचालन और रखरखाव

प्राप्त जानकारी के अनुसार, केन नदी पर बने बरियारपुर डैम का निर्माण ईस्ट इंडिया कंपनी ने आजादी के पूर्व लगभग 150 वर्ष पहले कराया था. यह डैम एमपी के पन्ना जिले में स्थित है पर इससे निकलने वाली सभी नहरें उत्तर प्रदेश की ओर जाती हैं. इस डैम का संचालन और रखरखाव भी उत्तर प्रदेश सरकार करती है. लेकिन यह बांध मध्य प्रदेश की केन नदी पर बना हुआ है.

बांदा सहित जिलों की कृषि भूमि लिए वरदान है डैम

बरियारपुर बांध का नाम ग्राम बरियारपुर के नाम से पड़ा है. बरियारपुर बांध की क्षमता 12.50 मिलियन एमसीएम है. इस बांध की मदद से यूपी के बांदा जिले में लगभग 1100 किलोमीटर नहरों से सिंचाई की जाती है. केन नदी पर लगभग 650 मीटर लंबी दीवार क्रस्टवाल है, इसके अंदर सुरंगनुमा रास्ता है. दीवार के ऊपर 8.23 फीट लंबे चौड़े और ऊंचे भारी भरकम लोहे के फाटक लगे हैं. इन्हीं फटकों को खड़ा करके पानी रोका जाता है. बारिश में जब पानी उफान मारता है, तब इसकी दीवारों से लाखों क्यूसेक पानी बहा दिया जाता है.

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