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ऐसा चमत्कारी कुंड जिसमें सवा लाख औषधीय गुण, कई असाध्य बीमारियों में कारगर! - PANNA ANCIENT MIRACULOUS POND

पन्ना जिले में जंगलों के बीच चोपड़ा मंदिर स्थित प्राचीन भैरव कुंड का पानी पीने दूर-दूर से लोग आते हैं.

Panna ancient Miraculous Pond
पन्ना जिले में जंगलों के बीच चमत्कारी कुंड (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 1, 2025, 6:31 PM IST

पन्ना : पन्ना जिले में जंगलों के चोपड़ा मंदिर में बना प्राचीन भैरव कुंड चमत्कारी माना जाता है. बताया जाता है कि इसे खुद भैरवनाथ ने बनवाया था. मंदिर परिसर में भैरव मंदिर भी है. यहां भगवान शिव एवं भैरवनाथ विराजमान हैं. भैरव कुंड का पानी पीने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. गर्मियों में भी इस कुंड का पानी नहीं सूखता. यह पूरा इलाका पन्ना टागर नेशल पार्क के तहत आता है.

मान्यता है कि इस कुंड को भैरवनाथ ने बनवाया था

चोपड़ा मंदिर के पुजारी महेश दास शुक्ल बताते हैं "यह मंदिर यहां पर आदिकाल से बना हुआ है. इसे भैरवनाथ ने ही बनवाया था. इस कुंड का पानी कभी नहीं सूखता. कितना भी सूखा पड़ जाए, इस कुंड में पानी कभी कम नहीं होता. कुंड का पानी पीने के लिए लोग पन्ना के साथ ही आसपास के जिलों के लोग भी पहुंचते हैं." बता दें कि यह कुंड जंगली इलाके में स्थित है. इसके चारों ओर पन्ना टाइगर रिजर्व का जंगल लगा हुआ है. इस मंदिर प्रांगण में भैरवनाथ का भी प्रसिद्ध मंदिर है, जिसमें भैरवनाथ की खड़ी मुद्रा में मूर्ति है और उसी के बगल में भैरव कुंड है.

चोपड़ा मंदिर के पुजारी महेश दास शुक्ल (ETV BHARAT)

जंगल में हजारों पेड़ों की जड़ों से होकर आता है पानी

मंदिर के पुजारी महेश दास शुक्ल का कहना है "इस कुंड के पानी में सवा लाख औषधीय गुण हैं, क्योंकि यह पानी जंगलों के हजारों पेड़ों की जड़ों से बहकर यहां पहुंचता है. इस पानी के पीने से लोगों को कई रोगों से निजात मिलती है." वहीं, होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डॉ अमित सिंघाई बताते हैं "पन्ना में कई कुंड ऐसे हैं जिनमें औषधीय गुण पाए जाते हैं. क्योंकि इन कुडों में जो पानी बहकर आता है, वह पेड़ों की जड़ों से होकर आता है. साथ ही जंगल के कई मिनरल्स के कारण ये पानी औषधीय हो जाता है. इसी कारण भैरव कुंड के पानी भी औषधि से पूर्ण है."

कुंड का पानी नुकसान भी कर सकता है, सावधानी बरतें

वहीं, पन्ना जिला अस्पताल में पदस्थ मेडिसिन विभाग के डॉ. डॉ डीके गुप्ता का कहना है "कुंड के पानी को लोग औषधीय गुण से भरपूर बताते हैं, लेकिन ये उनकी आस्था का विषय है. मेडिकल साइंस में इस बारे में परिभाषित नहीं किया गया है. अगर कुंडों में पानी बहुत दिनों तक भरा रहता है तो दूषित भी हो सकता है, जिससे बीमारी होने का भी खतरा हो सकता है. इसलिए लोग जो ऐसे पानी सेवन करें, उसमें सावधानी बरतें."

पन्ना : पन्ना जिले में जंगलों के चोपड़ा मंदिर में बना प्राचीन भैरव कुंड चमत्कारी माना जाता है. बताया जाता है कि इसे खुद भैरवनाथ ने बनवाया था. मंदिर परिसर में भैरव मंदिर भी है. यहां भगवान शिव एवं भैरवनाथ विराजमान हैं. भैरव कुंड का पानी पीने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. गर्मियों में भी इस कुंड का पानी नहीं सूखता. यह पूरा इलाका पन्ना टागर नेशल पार्क के तहत आता है.

मान्यता है कि इस कुंड को भैरवनाथ ने बनवाया था

चोपड़ा मंदिर के पुजारी महेश दास शुक्ल बताते हैं "यह मंदिर यहां पर आदिकाल से बना हुआ है. इसे भैरवनाथ ने ही बनवाया था. इस कुंड का पानी कभी नहीं सूखता. कितना भी सूखा पड़ जाए, इस कुंड में पानी कभी कम नहीं होता. कुंड का पानी पीने के लिए लोग पन्ना के साथ ही आसपास के जिलों के लोग भी पहुंचते हैं." बता दें कि यह कुंड जंगली इलाके में स्थित है. इसके चारों ओर पन्ना टाइगर रिजर्व का जंगल लगा हुआ है. इस मंदिर प्रांगण में भैरवनाथ का भी प्रसिद्ध मंदिर है, जिसमें भैरवनाथ की खड़ी मुद्रा में मूर्ति है और उसी के बगल में भैरव कुंड है.

चोपड़ा मंदिर के पुजारी महेश दास शुक्ल (ETV BHARAT)

जंगल में हजारों पेड़ों की जड़ों से होकर आता है पानी

मंदिर के पुजारी महेश दास शुक्ल का कहना है "इस कुंड के पानी में सवा लाख औषधीय गुण हैं, क्योंकि यह पानी जंगलों के हजारों पेड़ों की जड़ों से बहकर यहां पहुंचता है. इस पानी के पीने से लोगों को कई रोगों से निजात मिलती है." वहीं, होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डॉ अमित सिंघाई बताते हैं "पन्ना में कई कुंड ऐसे हैं जिनमें औषधीय गुण पाए जाते हैं. क्योंकि इन कुडों में जो पानी बहकर आता है, वह पेड़ों की जड़ों से होकर आता है. साथ ही जंगल के कई मिनरल्स के कारण ये पानी औषधीय हो जाता है. इसी कारण भैरव कुंड के पानी भी औषधि से पूर्ण है."

कुंड का पानी नुकसान भी कर सकता है, सावधानी बरतें

वहीं, पन्ना जिला अस्पताल में पदस्थ मेडिसिन विभाग के डॉ. डॉ डीके गुप्ता का कहना है "कुंड के पानी को लोग औषधीय गुण से भरपूर बताते हैं, लेकिन ये उनकी आस्था का विषय है. मेडिकल साइंस में इस बारे में परिभाषित नहीं किया गया है. अगर कुंडों में पानी बहुत दिनों तक भरा रहता है तो दूषित भी हो सकता है, जिससे बीमारी होने का भी खतरा हो सकता है. इसलिए लोग जो ऐसे पानी सेवन करें, उसमें सावधानी बरतें."

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