शहडोल: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार यानि 1 फरवरी को लोकसभा में यूनियन बजट पेश किया है. जिसमें उन्होंने टैक्स से लेकर कई बड़े ऐलान किए हैं. इस बजट में किसानों को लेकर भी कई घोषणाएं की गई हैं. खास कर दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भता बढ़ाने को लेकर सरकार ने विशेष प्लान तैयार किया है. केंद्र सरकार की इस घोषणा से मध्य प्रदेश के किसानों की उम्मीद बढ़ गई है. जानिए किसानों की कैसे लॉटरी लग सकती है, पढ़िए ये रिपोर्ट.
बजट में दलहन फसल को लेकर विशेष प्लान
केंद्रीय वित्त मंत्री ने जब साल 2025 का बजट पेश किया, तो उन्होंने खासकर दलहन उत्पादक किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का ऐलान किया. इसके तहत अरहर, उड़द और मसूर जैसी दालों की खेती पर विशेष फोकस किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 6 साल तक दलहन मिशन शुरू करने की घोषणा की है. इस मिशन से मध्य प्रदेश के किसानों को कई लाभ होंगे. यह निर्णय प्रदेश के दाल किसानों के लिए किसी लॉटरी से कम नहीं है.
मध्य प्रदेश के किसान का कैसा फायदा?
बजट में दलहन फसलों को लेकर जिस तरह से 6 साल के लिए मिशन की शुरुआत करने का ऐलान किया गया है. उससे मध्य प्रदेश के किसानों को भी लाभ होगा. इस पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीके प्रजापति बताते हैं कि "मध्य प्रदेश वैसे भी दलहन उत्पादन में पहले नंबर पर है. प्रदेश अरहर दाल के उत्पादन में तीसरे नंबर पर है. बता दें कि मध्य प्रदेश की जलवायु दाल की खेती के लिए बेहतर है. यहां की जमीन दाल की खेती के लिए शानदार है, अगर किसानों को प्रोत्साहन मिले तो दाल की खेती का रकबा बढ़ेगा, जिससे प्रदेश में दाल का उत्पादन और होगा. वहीं इससे किसान आर्थिक तौर पर मजबूत होंगे."
दाल का अभी कितना दाम?
व्यापारी शशांक जैन बताते हैं कि "दाल इन दिनों सबसे सस्ते दर पर है, अरहर दाल तो कई सालों बाद इतनी सस्ती हुई है. बाजार में अरहर दाल 80-120 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. वहीं उड़द दाल 90-110 रुपए प्रति किलो की दर से मिल रही है. मूंग दाल का भाव 90-100 रुपए प्रति किलो, मसूर दाल 80 रुपए प्रति किलो है. दालों की डिमांड अच्छी रहती है, लेकिन प्रोडक्शन उतना ज्यादा नहीं रहता जिसकी वजह से दाम बढ़ते रहते हैं. अभी जो दाल के दाम चल रहे हैं वो काफी कम हैं."
दाल उत्पादन बढ़ाने का विशेष प्लान
सवाल यह उठता है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, फिर भी दाल पर सरकार का इतना फोकस क्यों है. जिसके लिए बजट में विशेष प्लान तैयार करना पड़ रहा है. इसे समझने के लिए हमें दाल की मांग और आपूर्ति को समझना पड़ेगा. एक्सपर्ट की माने तो दुनिया में जितना दाल का उत्पादन होता है. उसका लगभग 25 फीसदी भारत खुद उत्पादन करता है. इसके बावजूद भारत दाल का सबसे बड़ा आयातक देश है. क्योंकि दुनिया के कुल दाल उत्पादन का लगभग 28 फीसदी खपत भारत में होती है.
इन राज्यों में होती है सबसे ज्यादा दाल
दलहन फसलों की बात करें तो मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, झारखंड और तमिलनाडु भारत के वो राज्य हैं, जो दाल के उत्पादक हैं यहां दाल का अच्छा उत्पादन भी होता है. अगर सरकार दलहन उत्पादक किसानों को थोड़ा प्रोत्साहित करे, तो भारत को जो दाल आयात करनी पड़ती है उससे निजात मिल सकती है. इसके लिए सरकार के इस तरह के मिशन की जरूरत है.
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मध्यप्रदेश में अभी दाल का कितना उत्पादन
मध्य प्रदेश किसान कल्याण एवं कृषि विभाग की साइट पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक साल 2022-23 में मध्य प्रदेश में 14 लाख 52 हजार 313 हेक्टेयर रकबे में दलहन की खेती की गई थी, जिसमें 9 लाख 38 हज़ार 936 मेट्रिक टन दाल का उत्पादन हुआ था. अगर सरकार दलहन की फसल में इस तरह से मिशन के रूप पर कार्य करेगी तो मध्य प्रदेश में न केवल रकबा बढ़ेगा साथ ही उत्पादन भी बढ़ेगा, जिससे सरकार अपने मिशन पर कामयाब हो पाएगी और इससे मध्य प्रदेश के किसानों को भी लाभ होगा.