पन्ना : पन्ना जिले के बृजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम इटवाखास में दिल दहलाने वाला हादसा हुआ. खेत की रखवाली कर रहे देसू आदिवासी खेत में घास की झोपड़ी बनाकर रहता है. अचानक आग लगने से देसू के दो मासूम बच्चे आग में जल गए. एक बच्चा दो साल तो दूसरे की उम्र महज 3 साल थी. दोनों बच्चों को सोता छोड़कर पति-पत्नी खेत में काम करने के लिए चले गए. इस दौरान उन्होंने दूर से झोपड़ी में आग लगी देखी तो मौके पर दौड़े, लेकिन तब तक पूरी झोपड़ी राख में तब्दील हो गई थी. झोपड़ी के अंदर ही दोनों बच्चे आग में जलकर राख हो गए.
आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं
इसकी सूचना मिलने पर इटवाखास के पटवारी रघुनाथ बागरी ने तुरंत पुलिस के साथ ही तहसीलदार को सूचित किया. मौके पर तुरंत पुलिस के साथ हतसीलदार पहुंचे और मौके के मुआयना किया. पटवारी रघुनाथ बागड़ी ने बताया कि देसू आदिवासी इटवाखास में खेत की रखवाली करता था. वह अमानगंज का रहने वाला है. जब खेत की रखवाली करने के लिए झोपड़ी से दूर चला गया, इसी दौरान ये भयानक हादसा हो गया. देसू के बयान लेने के बाद भी पुलिस इसकी जांच कर रही है आग आखिर लगी कैसे.
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आसपास के खेतों में काम करने वाले कुछ नहीं बता सके
देसू ने अपने बयान में तहसीलजार को बताया "वह पत्नी के साथ झोपड़ी से काफी दूर खेतों में काम कर रहा था. दोनों बच्चों को वह सोते हुए छोड़ गया. उसने सोचा कि जल्दी ही पत्नी को काम से फ्री करके बच्चों के पास भेज देंगे. इसी दौरान देखा कि झोपड़ी में धू-धूकर जल रही है. वह मौके पर भागकर आया, आग बुझाने की कोशिश की लेकिन तब तक सब कुछ तबाह हो गया था." वहीं, आग कैसे लगी है, यह साफ नहीं हो पा रहा है. पुलिस ने आसपास के खेतों पर काम कर रहे लोगों से बात की लेकिन आग लगने का कारण साफ नहीं हो सका.