पलामू: जिले के पांकी विधानसभा सीट से विनोद सिन्हा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. विनोद सिन्हा पहली बार पांकी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लोगों के बीच जा रहे हैं. झारखंड की राजनीति में विनोद सिन्हा एक चर्चित नाम हैं. 2019 में भी विनोद सिन्हा ने पांकी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की कोशिश की थी. उस दौरान वे चुनाव नहीं लड़ पाए थे. ईटीवी भारत संवाददाता नीरज कुमार ने विनोद सिन्हा से कई बिंदुओं पर बातचीत की है.
विनोद सिन्हा कहते हैं कि पांकी विधानसभा क्षेत्र अपने आप में अनूठा है. यहां हर तरह के संसाधन मौजूद हैं. लेकिन जिस तरह से इस क्षेत्र का विकास होना चाहिए था, वह नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर वे जीतते हैं तो पांकी को विशेष आर्थिक क्षेत्र के तौर पर विकसित करने का प्रयास होगा. खेती-किसानी को समृद्ध बनाया जाएगा. खेती-किसानी और किसानों की समृद्धि से क्षेत्र की स्थिति बदलेगी.
विनोद सिन्हा कहते हैं कि पांकी विधानसभा क्षेत्र को अफीम की खेती से दूर करने के लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार करने की जरूरत है. स्थानीय ग्रामीणों और किसानों को मजबूत किया जाए तो स्थिति बदलेगी. युवाओं को रोजगार और बेहतर शिक्षा की जरूरत है. क्षेत्र से बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए भी पहल करने की जरूरत है. यह तभी संभव हो सकता है जब शिक्षा की समस्याओं का समाधान हो. कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पहुंचना काफी कठिन है, उन क्षेत्रों के ग्रामीणों को मुख्य क्षेत्र से जोड़ने की जरूरत है.
निर्दलीय प्रत्याशी विनोद सिन्हा ने रांची का हवाला देते हुए कहा कि जब रांची और पांकी एक ही राज्य का हिस्सा हैं, तो रांची के लोग फिल्टर पानी क्यों पीते हैं और पांकी के लोग कुएं का पानी पीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि पांकी के ग्रामीण क्षेत्र के लोग आज भी पगडंडी पर चलने को मजबूर हैं. प्रत्याशी विनोद सिन्हा ने कहा कि हम क्षेत्र में अंग्रेजी को भी बढ़ावा देंगे.
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