प्रयागराजः जन्माष्टमी पर्व को धूमधाम के साथ मनाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है. कर दी गयी है. संगम नगरी में यमुना किनारे स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है. इस बार मंदिर में विराजमान राधा-कृष्ण के लिए 4.5 लाख कीमत की रत्न जड़ित वस्त्र मंगवाए गए हैं. जिनकी सुरक्षा में इस बार पांडवों की सेना तैनात की जाएगी.
वृंदावन से आएगी कान्हा की रत्नजड़ित पोशाकः इस्कॉन मंदिर के सचिव जय प्रकाश जी ने बताया कि इस बार की जन्माष्टमी पर इस्कॉन मंदिर में राधा कृष्ण के लिए रत्नजड़ित विशेष पोशाक वृंदावन के कारीगरों से बनवायी जा रही है. राधा कृष्ण के लिए शिफॉन के कपड़े में मोती और रत्नों से बनी हुई पोशाक बनाने का ऑर्डर दिया जा चुका है, जो 24 अगस्त तक प्रयागराज पहुंच जाएगा. साढ़े चार लाख से पांच लाख के बीच की कीमत में भगवान के दो वस्त्र आएंगे, जिन्हें जन्माष्टमी के साथ ही राधाष्टमी के दिन भगवान को पहनाया जाएगा.
जय प्रकाश ने बताया कि साढ़े चार लाख से ज्यादा कीमत की वेशभूषा पहनने वाले राधा कृष्ण की व्यवस्था और सुरक्षा के लिए इस बार पांडव सेना तैनात की जाएगी. जिसके लिए इस्कॉन से जुड़े हुए 100 लोग होंगे. यह पांडव सेना चार दिनों तक चलने वाले जन्माष्टमी पर्व पर मंदिर के अंदर से लेकर बाहर की व्यवस्था को संभालेंगे. इसके साथ ही भीड़ नियंत्रण और प्रसाद वितरण की जिम्मेदारी भी उठाएंगे.
24 से 27 अगस्त तक होगा कार्यक्रमः इस्कॉन मंदिर के सचिव ने बताया कि 24 अगस्त से जन्माष्टमी का पर्व मनाए जाने की शुरुआत हो जाएगी, जो 27 अगस्त तक चलेगा. 24 अगस्त को राधा कृष्ण की यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें फूलों से सजी पालकी में सवार होकर राधाकृष्ण की सवारी निकलेगी. 25 अगस्त को विश्व कल्याण के लिए इस्कॉन मंदिर में यज्ञ का आयोजन किया जाएगा. 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनायी जाएगी और इसी दिन अलग नदियों के 21 कलश जल से भगवान का अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद घी दूध दही शहद अभिषेक कर भगवान का श्रृंगार किया जाएगा. 27 अगस्त को इस्कॉन की स्थापना करने वाले श्रील प्रभुपाद जी का 128वां जन्मदिन व्यास पूजा के रूप मनाया जाएगा. चार दिवसीय महोत्सव को लेकर मंदिर में तैयारियां चल रही हैं, जिसे दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा.